धरनास्थल पर मौजूद पुलिस टीम
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राजस्थान: गांव से चलकर सरकारी स्कूलों तक पहुंचा जातीय नफरत, शिक्षक तो कभी छात्र बन रहे शिकार

राजस्थान के जयपुर जिले की पंचायत समिति जालसू के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय रोजदा में दलित महिला शिक्षक से मारपीट के बाद विरोध में स्कूल के बाहर विद्यार्थियों का प्रदर्शन, सामूहिक टीसी की मांग।

जयपुर। शिक्षण संस्थाओं में देश के भविष्य का निर्माण होता है। यहां किताबी ज्ञान के साथ सांस्कारिक, व्यवहारिक शिक्षा भी दी जाती है। इसीलिए शिक्षक को भविष्य निर्माता कहा गया है। इन दिनों राजस्थान के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों बीच बढ़ती जाति आधारित घटनाएं चिंता बढ़ाने वाली है। स्कूल परिसर में शिक्षकों के बीच मारपीट की घटनाएं बच्चों के कोमल मन में जातीय जहर घोल रही है। इसी राज्य में इंद्रा मेघवाल का मामला भी किसी से छुपा नहीं है, जिसमें एक दलित छात्र द्वारा टीचर के मटके से पानी पी लेने पर छात्र की पिटाई की जाती है, बाद में छात्र की मौत भी हो जाती है.

ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जयपुर जिले के पंचायत समिति जालसू के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय रोजदा से सामने आया है। यहां स्कूल परिसर में कथित रूप से जाति के कारण दलित शिक्षक दंपति को प्रताड़ित किया गया। दलित महिला शिक्षक से स्कूल परिसर में स्टाफ द्वारा मारपीट करने तथा बच्चों के सामने बाल पकड़ कर घसीटने की घटना ने शिक्षक समाज को कलंकित कर दिया है। स्कूल की प्रधानाचार्या व दो अन्य शिक्षकों पर दलित महिला शिक्षक से मारपीट कर जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगा है। घटना को लेकर महिला शिक्षक पूजा बुनकर की तहरीर पर हरमाड़ा पुलिस थाने में प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। इस घटना की जांच सहायक पुलिस आयुक्त वृत चौमू जयपुर पश्चिम एवं आईपीएस सुजीत शंकर को सौंपी गई है।

धरने पर बैठे छात्र और सामाजिक संगठन के लोग
धरने पर बैठे छात्र और सामाजिक संगठन के लोग

पीड़िता को ही कर दिया निलंबित

भीम सेना के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवि कुमार मेघवाल ने कहा कि, यहां सरकारी स्कूल में दलित शिक्षक दंपति को उनकी जाति के कारण प्रताड़ित किया गया। प्रधानाचार्या ने पुरुष शिक्षक को साथ लेकर दलित महिला शिक्षक को पीटा, बाल पकड़ कर घसीटा। जब इस घटना की विभाग के अधिकारियों से शिकायत की तो दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय पीड़ित दलित महिला शिक्षक को ही निलंबित कर दिया गया।

रवि कुमार मेघवाल ने कहा कि, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों में पनप रहा जातीय जहर नन्हे बच्चों के कोमल मन में जातीय घृणा पैदा कर रहा है। पीड़ित महिला शिक्षक ने हमें एक पत्र लिख कर उनके साथ हुई घटना के बारे में बताते हुए मुकदमा दर्ज करवाने में मदद मांगी थी। आज हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ स्कूल पहुंचे थे। यहां छोटे बच्चे धरना देकर न्याय मांग रहे थे। उनके साथ हम भी धरने में शामिल हुए। पीड़ित महिला शिक्षक के निलंबन को लेकर विभागीय पुष्टि नहीं हो सकी है। 

महिला शिक्षक के निलंबन के विरोध में विद्यार्थियों का प्रदर्शन

रोजदा गांव के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में कार्यरत दलित महिला शिक्षक के साथ मारपीट के बावजूद उन्हें ही निलंबित करने के बारे में जब स्कूल के बच्चों को पता चला तो दर्जनों विद्यार्थी स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गए। स्कूल के मुख्य द्वार को बंद कर विद्यार्थियों ने महिला शिक्षक को बहाल कर दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई की मांग की। ऐसा नहीं करने पर अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों ने टीसी काटने का सामूहिक प्रार्थना पत्र भी विभाग के अधिकारियों को दिया है। इस दौरान अभिभावक व सामाजिक संगठन भी विद्यालय के बाहर जमा हो गए। प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्कूल का ताला खुलवाया गया। हालांकि, इस संबंध में विभाग के अधिकारियों से बात नहीं हो सकी।

पुलिस के अनुसार, महिला शिक्षक पूजा बुनकर ने पुलिस को तहरीर में बताया कि उसके "पति मुकेश कुमार वर्मा महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय रोजदा पंचायत समिति जालसू में पढ़ाते हैं। 7 फरवरी को नियत समय पर स्कूल पहुंच गए थे। साढ़े सात बजे उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करने के बाद प्रार्थीया ने प्रधानाचार्या कृष्णा वैष्णव को चार माह से रुकी सैलरी बाबत बताया। इस पर प्रधानाचार्या ने अभद्र भाषा बोलते हुए कार्यालय से बाहर निकाल दिया। इसके बाद प्रार्थीया ने रुकी हुई सैलरी के संबंध में लिखित में निवेदन किया। इस पर प्रधानाचार्य ने आवेदन पत्र फाड़ कर प्रार्थी के मुंह पर फेंक दिया।"

"उक्त घटना को प्रार्थिया के पति ने भी देखा है। इसके बाद प्रार्थी के पति मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रधानाचार्य के व्यवहार व सैलरी के संबंध में शिकायत करने चले गए." आरोप है कि प्रधानाचार्य ने जातिगत शब्दों का प्रयोग करते हुए शिक्षक दंपति को फटकार लगाई। शिकायत के बाद मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने उक्त घटना की जांच के लिए आश्वासन भी दिया। प्रधानाचार्य के व्यवहार व सैलरी संबंधित शिकायत करने पर मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने तत्काल जांच करवाने का आश्वासन दिया। आरोप है कि प्रधानाचार्या को शिकायत की जानकारी मिली तो उन्होंने आवेश में आकर उपस्थिति पंजिका में शिक्षक दंपति के कॉलम में लाल स्याही फेर कर क्रॉस लगा दिया। जबकि पीड़िता का दावा है कि वह पूरे समय स्कूल में मौजूद रही।

पीड़ित महिला शिक्षक ने पुलिस को तहरीहर में आगे बताया कि, 8 फरवरी को वह अपने पति मुकेश कुमार वर्मा के साथ सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर स्कूल पहुंची थी। पति उन्हें गाड़ी से उतारकर गाड़ी पार्क करने चले गए। पीड़िता को स्कूल में देख प्रधानाचार्या आवेश में आ गई। जाति आधारित अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए प्रार्थिया के पति को कहा कि, 'ए मिस्टर बाहर निकल.' आरोप है कि पति से अभद्रता पर टोकने पर प्रधानाचार्य ने उसे (प्रार्थिया) थप्पड़ मारा। पास में खड़े राजेश चौधरी ने अपनी बाजुओं में जोर से दबा लिया। पास में खड़ी ममता रानी बाल पकड़ कर घसीटने लगी। प्रधानाचार्या ने मुंह को पंजे से दबोच लिया। राजेश चौधरी ने हाथ कसकर मरोड़ दिया। प्रधानाचार्या ने पेट में घूंसे मारे तथा तीनों ने पकड़ कर धक्का देकर स्कूल से बाहर निकाल दिया। स्कूल के मुख्य गेट को ताला लगा दिया।

जब इस घटनाक्रम का ग्रामीणों का पता चला तब ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस व अन्य अधिकारी आए तथा स्कूल का ताला खुलवा कर उन्हें (शिक्षक दंपति) को स्कूल में अंदर प्रवेश दिलाया। उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करवाए। हरमाड़ा थाना पुलिस ने महिला शिक्षक की तहरीर पर 11 फरवरी को धारा 341, 323, 354, 504, 509, व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

दलित महिला शिक्षक के साथ स्कूल परिसर में मारपीट के आरोप लगने के बाद द मूकनायक ने महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय की प्रधानाचार्या कृष्णा वैष्णव से बात की। इस पर उन्होंने कहा कि "मैं किसी पत्रकार से बात नहीं करती। मेरे पास बहुत पत्रकारों के फोन आ रहे हैं।"

दलित महिला शिक्षक की ओर हरमाड़ा पुलिस थाने में दर्ज मामले की जांच कर रहे सहायक पुलिस आयुक्त वृत चौमू एवं आईपीसी सुजीत शंकर ने कहा कि मामला दर्ज हुआ है, जांच कर रहे हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

महिला शिक्षक पूजा बुनकर ने द मूकनायक से कहा कि, "मुझे प्रताड़ित किया गया। स्कूल में मारपीट की गई। थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार मेघवाल को पत्र लिखा था। यह सच है कि मुझे निलंबित कर दिया गया है।"

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