राजस्थान में खेजड़ी की कटाई का मामला: अब राजस्व कर्मियों ने किसानों और सोलर कंपनी पर करवाई एफआईआर

आरोप है कि लोगों ने बिना अनुमति के राज्य वृक्ष खेजड़ी के लगभग एक सौ पचास से अधिक हरे पेड़ों को काट दिया।
खेजड़ी का काटा गया पेड़
खेजड़ी का काटा गया पेड़
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जयपुर। राजस्थान के बीकानेर उपखण्ड क्षेत्र में बीते एक साल से अलग-अलग ग्राम पंचायत क्षेत्रों में बिजली उत्पादान के लिए सोलर प्लांट लगाने की आड़ में राज्य वृक्ष खेजड़ी पर कुल्हाड़ी चल रही है। ग्रामीणों के विरोध के विरोध के बाद 28 जुलाई को सरकारी महकमे ने सोलर कंपनी और अनुबंधित भूमि के सम्बंधित खातेदार किसानों के खिलाफ नाल पुलिस थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज करवाई है। उपखण्ड अधिकारी बीकानेर के निर्देश पर तहसीलदार के मार्फत नालबड़ी भू-अभिलेख निरीक्षक (गिरदावर) अनवर अली ने ग्रीन टेक सोलर कंपनी के प्रतिनिधियों और अलग-अलग खसरा नम्बरों वाली अनुबंधित कृषि भूमि के खाताधारकों को नामजद किया गया है। आरोप है कि उक्त लोगों ने मिलकर बिना अनुमति के राज्य वृक्ष खेजड़ी के लगभग एक सौ पचास से अधिक हरे पेड़ों को काट दिया।

इससे पूर्व किसानों ने नाल पुुलिस थाने में चार मुकदमें 2022 में तथा दो मुकदमे 2023 में खेजड़ी पेड़ काटने को लेकर सोलर कंपनियों के खिलाफ दलर्ज करवाए थे, लेकिन इन मुकदमों में पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। जीव रक्षा संस्था बीकानेर अध्यक्ष मोखराम धरणिया ने बताया कि सोलर कंपनियों से पुलिस का क्या संबध है यह समझ से परे हैं। हम बस इतना चाहते हैं कि दर्ज मुकदमों की सही से जांच कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, लेकिन नाल पुलिस प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रही है। ना तो पुलिस ने अभी तक काटे गए पेड़ बरामद किए ना आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

खेजड़ी का काटा गया पेड़
खेजड़ी का काटा गया पेड़

इन पर है आरोप

भू-अभिलेख निरीक्षक नालबड़ी अनवर अली की और से 28 जुलाई को नाल पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में बताया कि उपखण्ड अधिकारी बीकानेर की सूचना पर नायब तहसीलदार भवानी शंकर की उपस्थिति में भू-अभिलेख निरीक्षक अनवर अली व हल्का पटवारी कैला विश्नोई नालबड़ी (अतिरिक्त चार्ज) के साथ 23 जुलाई को पटवार मण्डल नालबड़ी के ग्राम सरह गोलप्रताप सिंह के खसरा नम्बर 126, 146, 156 व 203 में पहुंचे थे। जहां खेजड़ी के छोटे-बड़े 150 पेड़ कटे मिले। इस सम्बंध में भू-अभिलेख निरीक्षक और हल्का पटवारी ने उपखण्ड अधिकारी को मौका रिपोर्ट सौंपी। मौका रिपोर्ट के अनुसार खसरा नम्बर 126 और 156 की भूमि प्रेरक ग्रीन टेक सोलर कंपनी को लीज पर दिए जाने की जानकारी है।

पुलिस को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि खसरा नम्बर 126, 146, 156 व 203 की भूमि में सामन्य रूप से खड़े खेजड़ी के पेड़ों को ग्रीन टेक सोलर प्लांट के लोगों और सरह गोलप्रताप सिंह के खसरा नम्बर 126, 146, 156 और 203 की जमाबंदी में दर्ज खातेदार हीरा देवी पत्नी रूपाराम जाट, करमीसर व गुरुचरण सिंह हरीजन निवासी देह, विनोद कुमार पुत्र माणकचंद महाजन निवासी नालबड़ी, एकता पत्नी पवनकुमार बैद ने काटा है।

खातेदारान व सोलर कंपनी के लोगों द्वारा चोरी छिपे बिना अनुमति के काटे गए पेड़ों को बेचने की मंशा से एकत्रित कर रखा है। आरोपियों के द्वारा चोरी-छिपे इन कटे पेड़ों को परिवहन कर बेचने की सम्भावना है।

खेजड़ी का काटा गया पेड़
खेजड़ी का काटा गया पेड़

राज्य वृक्ष काटने पर हो आजीवन सजा

जीव रक्षा संस्था बीकानेर के महासचिव रामकिशन डेलू ने बताया कि राजस्व एक्ट के तहत राज्य वृक्ष को काटने पर सजा के तौर से मात्र सौ रुपए प्रति पेड़ का जुर्माना कर आरोपियों को छोड़ दिया जाता है। जबकि एक पेड़ पांच से सात हजार रुपए में बिकता है। यही वजह है कि वन माफियाओं में राज्य वृक्ष काटने को लेकर कोई खौफ नहीं है। यह लोग जुर्माना भरकर भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

यह नियम 1960 में बना था। तब से चला आ रहा है। हमारी मांग है कि खेजड़ी काटने वालों को सजा के तौर पर आजीवन कारावास की सजा कायम की जाए। उन्होंने कहा कि बीकानेर में राजस्व भूमि में पेड़ काटे जा रहे हैं। जेसीबी मशीन से सैकड़ों पेड़ उखाड़े जा रहे हैं। अधिनियम के तहत उक्त भूमि खाताधारकों पर कार्रवाई कर सकता है।

कंपनियों की चालाकी

रामकिशन डेलू ने बताया कि बीकानेर में विभिन्न कंपनियां सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए किसानों से कृषि खातेदारी भूमि अनुबंध पर ले रही है। कंपनी और किसानों के बीच 29 साल 11 महिने का अनुबंध हो रहा है। अनुबंध के अंदर सोलर कंपनी किसान से साफ सुथरी भूमि अनुबंध पर लेने की बात लिखवाती है। अनबंध की शर्तों में यह भी शामिल किया जाता है कि अनुबंधित भूमि में कोई पेड़ नहीं है। किसान को शर्तोंं में उलझा कर कंपनी के प्रतिनिध अनुबंधित भूमि में खड़े वर्षों पुराने राज्य वृक्ष खेजड़ी और अन्य पेड़ों को काट कर बेच रहे हैं। सबूत नष्ट करने के लिए जेसीबी मशीन से जड़ों को उखाड़ कर रातों-रात भूमि समतलीकरण कर दिया जाता है। यहां यह भी देखा गया है कि खेजड़ी की जड़ों को अनुबंधित भूमि से दूर किसी भी खेत में डाल दिया जाता है। लकड़ी काटने के बाद वन माफिया कंपनी के लठेतों के साथ वाहनों में भरकर खेजड़ी की लकड़ियों को चार सौ से पांच रूपए प्रति क्विंटल की दर से बेच आते हैं। अनुबंध की शर्तों में बिना पेड़ वाली भूमि लिखा होने से आरोपी बच निकलने का प्रयास कर रहे हैं।

अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के महासचि रूपाराम विश्नोई ने जिला कलक्टर को पत्र लिख कर सोलर कंपनियों द्वारा राज्य वृक्ष खेजड़ कटान का विरोध किया है। विश्नोई में पत्र के माध्यम सो कलक्टर को बताया कि बीकानेर उपखण्ड क्षेत्र के नालबड़ी, कावनी, जयमलसर, हापासर आदि क्षेत्रों में सोजर कंपनियां किसानों से धोखा कर खेजड़ी का अवैध कटान कर रही है। ऐसे में खेजड़ी काटने वालों पर कार्रवाई नहीं की गई तो विश्नोई समाज सर्वधर्म के साथ खेजड़ी की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेगा।

इस सम्बंध में द मूकनायक ने नाल थाना पुलिस से सम्पर्क किया। इस दौरान एएसआई हरसुखराम ने द मूकनायक को बताया कि एक एफआईआर राजस्व कर्मियों की तरफ से दर्ज की गई है। इसकी जांच मुझे सौंपी गई है। मैं मोहर्रम ड्यूटी में होने से मौका नहीं देख पाया। घटना स्थल पर जाने के लिए मुस्तगीस राजस्व कर्मियों को फोन किया था, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया है। इस सम्बंध में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में थाने में दर्ज एफआईआर पर हुई कार्रवाई के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह सच है कि इससे पहले कई एफआईआर दर्ज हुई है। इनमें ज्यादातर में आरोपियों की गिरफ्तारी पर न्यायालय में रोक लगा रखी है।

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