दलित समाज से आने वाले अपने ही कैबिनेट सहयोगी को 'भैंसा' कहने पर तेलंगाना कांग्रेस में घमासान, पार्टी आलाकमान तक पहुंचा मामला

परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर पर अपने ही कैबिनेट सहयोगी को 'भैंसा' कहने का आरोप लगा है, जिससे जुबली हिल्स उपचुनाव से ठीक पहले पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
"धुन्नापोथु" टिप्पणी पर तेलंगाना कांग्रेस में घमासान, दलित मंत्री ने खोला मोर्चा, पार्टी आलाकमान तक पहुंचा मामला
"धुन्नापोथु" टिप्पणी पर तेलंगाना कांग्रेस में घमासान, दलित मंत्री ने खोला मोर्चा, पार्टी आलाकमान तक पहुंचा मामलाफोटो साभार- thenewsminute.com
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हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस सरकार के भीतर एक बड़ी राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है। प्रदेश के परिवहन और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री, पोन्नम प्रभाकर द्वारा अपने ही कैबिनेट सहयोगी और आदिवासी कल्याण मंत्री, अदलुरी लक्ष्मण कुमार के खिलाफ की गई एक कथित अपमानजनक टिप्पणी ने पार्टी में भूचाल ला दिया है। प्रभाकर पर आरोप है कि उन्होंने लक्ष्मण कुमार के लिए तेलुगु के अपमानजनक शब्द "धुन्नापोथु" (भैंसा) का इस्तेमाल किया, जिसका मतलब कम बुद्धि वाला व्यक्ति होता है।

इस टिप्पणी को एक सोची-समझी साजिश के तहत अपमानित करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, खासकर इसलिए क्योंकि लक्ष्मण कुमार दलित समुदाय से आते हैं। इस घटना के बाद से पार्टी के अंदर तनाव का माहौल है।

क्या है पूरा मामला?

यह पूरा विवाद जुबली हिल्स उपचुनाव के सिलसिले में कांग्रेस नेताओं द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में देरी हो रही थी क्योंकि मंत्री अदलुरी लक्ष्मण कुमार अभी तक पहुंचे नहीं थे। इसी दौरान, पोन्नम प्रभाकर का धैर्य जवाब दे गया। एक वीडियो, जो अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहा है, में प्रभाकर को अपने एक और साथी मंत्री जी विवेकानंद से यह कहते हुए सुना जा सकता है, "वह एक भैंसा है, उसे क्या पता?" इसके बाद उन्होंने आयोजकों से अपनी हताशा व्यक्त करते हुए पूछा कि क्या उन्हें बैठक शुरू कर देनी चाहिए या लक्ष्मण का इंतज़ार करना चाहिए।

विपक्षी दलों ने इस वीडियो क्लिप को तुरंत लपक लिया और इसे वायरल कर दिया, जिससे कांग्रेस पार्टी की अब काफी फजीहत हो रही है।

दलित मंत्री का पलटवार और आलाकमान से शिकायत की चेतावनी

हालांकि, इस मामले पर मंत्री लक्ष्मण कुमार ने सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन अपने समर्थकों के साथ उनकी एक फ़ोन पर हुई बातचीत का ऑडियो लीक हो गया है। इस ऑडियो में वह पोन्नम प्रभाकर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि चूँकि वह अनुसूचित जाति से हैं, इसलिए उन्हें गाली दी गई। उन्होंने इस अपमान के लिए प्रभाकर से माफ़ी की मांग की है।

आदिवासी कल्याण मंत्री ने आगे कहा कि वह इस मामले की शिकायत सीधे एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से करेंगे। उन्होंने यह भी कहा, "पार्टी ने मुझे मंत्री इसलिए बनाया क्योंकि मैं मडिगा जाति (एक अनुसूचित जाति) से आता हूँ। मैं इस तरह के अहंकार भरे लहजे में बात नहीं करता। मुझे लगा था कि उन्हें अपनी गलती का एहसास होगा। हम आज और कल देखेंगे। अगर उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आता है, तो इसके परिणामों के लिए मैं ज़िम्मेदार नहीं होऊंगा।"

आरोपों पर मंत्री प्रभाकर की सफाई

इस बीच, पोन्नम प्रभाकर ने लक्ष्मण कुमार के बारे में कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने से साफ इनकार किया है। उन्होंने दावा किया कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। प्रभाकर ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी उनकी फ्लाइट टिकट की पुष्टि में हो रही देरी को लेकर थी, न कि लक्ष्मण कुमार के लिए।

7 अक्टूबर को लक्ष्मण कुमार का वीडियो सामने आने के बाद, प्रभाकर ने कहा कि वह अब इस पर कोई और टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने यह जानकारी दी कि तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने उन्हें इस मुद्दे पर तलब किया है। प्रभाकर ने कहा, "मैंने उन्हें रहमत नगर की बैठक में जो कुछ हुआ, उसके बारे में सब कुछ बता दिया है। उनका फैसला अंतिम होगा।"

पार्टी ने शुरू की सुलह की कोशिश

सूत्रों के मुताबिक, इस विवाद को शांत करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू को ज़िम्मेदारी सौंपी है। उन्हें दोनों मंत्रियों, प्रभाकर और लक्ष्मण कुमार से बात करके मामले को सुलझाने के लिए कहा गया है। जुबली हिल्स उपचुनाव से कुछ ही दिन पहले हुई इस घटना ने कांग्रेस पार्टी को असहज स्थिति में डाल दिया है और पार्टी नेतृत्व जल्द से जल्द इस संकट को समाप्त करना चाहता है।

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