भोपाल। संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इसे बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ बयान बताते हुए तीखी आलोचना की है। प्रदेश में विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया, जबकि अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओं ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
संसद में एक बहस के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "आजकल अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर बोलने का फैशन हो गया है। अगर इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्म स्वर्ग में मिल जाते।" इस बयान के बाद देशभर में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों में उबाल आ गया है। इसे बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति असम्मानजनक बताया जा रहा है।
मध्य प्रदेश विधानसभा के सत्र के दौरान बुधवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अमित शाह के बयान की निंदा की और सदन की कार्यवाही से वॉकआउट किया। उन्होंने इसे अंबेडकरवादी विचारधारा और संविधान के प्रति भाजपा की सोच का खुलासा बताया। सिंघार ने कहा, "भाजपा लगातार संविधान के मूल्यों पर हमला कर रही है। यह बयान सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ने वाले लोगों का अपमान है।"
कांग्रेस कार्यालय के बाहर अनुसूचित जाति कांग्रेस ने भाजपा और अमित शाह के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने किया। उन्होंने कहा, "अमित शाह का यह बयान बाबा साहेब अंबेडकर और उनके विचारों का अपमान है। अगर भाजपा सरकार और अमित शाह माफी नहीं मांगते हैं, तो हम मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी अमित शाह के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों ने भारत को दिशा दी है। ऐसे बयान उनकी विरासत का अपमान करते हैं।"
वहीं, भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया। भाजपा के प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने कहा, "अमित शाह ने केवल राजनीतिक नेताओं पर टिप्पणी की थी, इसे बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ बताना पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस मुद्दों को भटकाने की कोशिश कर रही है।"
मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी इस बयान पर विरोध हो रहा है। दलित संगठनों और अंबेडकरवादी समूहों ने अमित शाह से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की है। कई जगहों पर धरना-प्रदर्शन हुए और भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए।
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