नई दिल्ली: देश के 272 पूर्व नौकरशाहों और रिटायर जजों द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ लिखे गए पत्र का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन और एडवोकेट राजेंद्र पाल गौतम ने इस पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अब बहुजन समाज के बुद्धिजीवी भी एक पत्र लिखकर इन 272 लोगों से कड़े सवाल पूछने की तैयारी कर रहे हैं।
द मूकनायक से खास बातचीत में राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि राहुल गांधी पर चुनाव आयोग की छवि धूमिल करने का आरोप लगाने वाले इन 272 लोगों की पृष्ठभूमि की जांच होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि यह पता लगाया जाए कि इन लोगों ने अपने पद पर रहते हुए किस तरह की भूमिका निभाई और रिटायरमेंट के बाद सरकार से उन्हें किस तरह के पद या लाभ मिले।
'मनुवाद बनाम अंबेडकरवाद की लड़ाई'
राजेंद्र पाल गौतम ने इन 272 पूर्व नौकरशाहों को 'मनुवादी' करार देते हुए कहा कि देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पत्र लिखने वालों में 99% लोग सवर्ण हैं, जो दलित, पिछड़े और आदिवासियों के हितों के खिलाफ हैं। गौतम ने कहा, "राहुल गांधी बहुजन समाज की बात न कर सकें, इसके लिए अब इन 272 पूर्व नौकरशाहों को आगे किया गया है। तमाम मनुवादी ताकतें राहुल गांधी के खिलाफ एकजुट हो गई हैं।"
चुनावी धांधली और दलित उत्पीड़न पर चुप्पी क्यों?
गौतम ने इन पूर्व नौकरशाहों की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश में गंभीर मुद्दे सामने आए, तब ये लोग चुप क्यों रहे? उन्होंने कई घटनाओं का जिक्र करते हुए पूछा:
जब भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा और अन्य नेताओं ने एक से अधिक राज्यों में वोट डालने के सबूत सोशल मीडिया पर डाले, तब इन 272 लोगों ने सवाल क्यों नहीं किया?
एक ही मकान में 500-700 वोट दर्ज होने और बिहार चुनाव से पहले लोगों के खातों में पैसे डालकर वोट खरीदने के आरोपों पर ये चुप क्यों रहे?
दलित और मुस्लिम समाज के हजारों वोट काटे जाने पर इन्होंने पत्र क्यों नहीं लिखा?
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंके जाने और दलित आईपीएस वाई. पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए मजबूर किए जाने पर इनकी नींद क्यों नहीं खुली?
जनपक्षधर बुद्धिजीवी पूछेंगे सवाल
राजेंद्र पाल गौतम ने बताया कि इन 272 लोगों के जनविरोधी पत्र के जवाब में जल्द ही जनपक्षधर बुद्धिजीवी वर्ग की ओर से एक पत्र जारी किया जाएगा। इस पत्र का प्रारूप तैयार किया जा रहा है और इसे सार्वजनिक करके जवाब मांगा जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बहुजन समाज की ओर से लिखे जाने वाले इस पत्र में केवल वैचारिक सवाल होंगे और किसी भी पूर्व नौकरशाह या जज पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की जाएगी। गौतम ने कहा, "उनके पास एजेंसियों और पूंजीपतियों की ताकत है, लेकिन हमारे पास संविधान और डॉ. अंबेडकर से मिले हौसले की ताकत है। हम इन लोगों के रिकॉर्ड और इतिहास की जांच की मांग करते हैं ताकि यह साफ हो सके कि उन्हें राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों से तकलीफ क्यों है।"
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