
कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से खाकी को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां न्याय की गुहार लेकर पुलिस थाने पहुंचे एक दलित व्यक्ति को न्याय तो नहीं मिला, लेकिन थाने के भीतर ही उसे बेरहमी से पीटा गया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने यह सब एक ईंट भट्ठा मालिक के इशारे पर किया। पीड़ित इतना डरा हुआ है कि वह अपने परिवार के साथ घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां छिपने को मजबूर है। अधिकारियों के मुताबिक, कोर्ट की फटकार के बाद अब जाकर पुलिस ने मंगलवार को इस मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज की है।
कोखराज थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर असावा गांव के रहने वाले ज्ञान सिंह एक ईंट भट्ठे पर सुपरवाइजर (मुंशी) का काम करते थे। यह भट्ठा बघेलपुर गांव के मो. साकिर का है। ज्ञान सिंह के मुताबिक, भट्ठा मालिक साकिर के कहने पर वह इस साल की शुरुआत में छत्तीसगढ़ से 90 मजदूरों को काम के लिए लाए थे।
मजदूरों ने मानसून आने तक भट्ठे पर कड़ी मेहनत की। लेकिन जब काम खत्म होने पर उन्होंने अपनी मजदूरी मांगी, तो आरोप है कि भट्ठा मालिक ने उन्हें गालियां दीं और बिना पैसे दिए वहां से भगा दिया।
मजदूरों ने अपनी मेहनत की कमाई के लिए ज्ञान सिंह से मदद मांगी। इस पर ज्ञान सिंह शिकायत दर्ज कराने कोखराज पुलिस स्टेशन पहुंचे। पीड़ित का आरोप है कि उनकी शिकायत सुनने के बजाय, 27 सितंबर 2025 को एसएचओ (SHO) चंद्रभूषण मौर्य ने उन्हें थाने में तलब किया।
ज्ञान सिंह जब थाने पहुंचे, तो वहां भट्ठा मालिक मो. साकिर पहले से मौजूद था। आरोप है कि साकिर के इशारे पर थाने के एक सब-इंस्पेक्टर (जिसका नाम भी मौर्य बताया गया है) ने ज्ञान सिंह के साथ थाने के अंदर ही मारपीट की। पुलिस की प्रताड़ना यहीं नहीं रुकी; उनसे जबरन एक स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर करवाए गए, जिसमें लिखा था कि वह मजदूरों को 5 लाख रुपये का भुगतान करेंगे।
पीड़ित ज्ञान सिंह ने बताया कि थाने से किसी तरह छूटकर जब वह घर पहुंचे, तो भट्ठा मालिक ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। साकिर उनके घर में घुस आया, अभद्रता की और जान से मारने की धमकियां दीं। इस घटना से ज्ञान सिंह और उनका परिवार इतना दहशत में आ गया कि उन्होंने अपना गांव छोड़ दिया। वे अब अपनी जान बचाने के लिए रिश्तेदारों के घर में शरण लिए हुए हैं, जबकि भट्ठा मालिक अभी भी उनकी तलाश कर रहा है।
जब स्थानीय पुलिस ने सुनवाई नहीं की, तो पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस हरकत में आई। सिराथू के क्षेत्राधिकारी (DySP) सत्येंद्र तिवारी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा, "न्यायालय के आदेश पर एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।"
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