तेलंगाना: पुलिस कस्टडी में दलित युवक की मौत पर तनाव, RS प्रवीण कुमार ने लगाए 'हिरासत में हत्या' के आरोप

पूर्व IPS का दावा: पुलिस ने 5 दिन टॉर्चर कर मार डाला, मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी पर लगाए गंभीर आरोप, परिवार के लिए 1 करोड़ मुआवजे की मांग
Suryapet Custodial Death
दलित युवक की कस्टडी में मौत पर बवाल, RS प्रवीण कुमार ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोपफोटो साभार- telanganatoday.com
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सूर्यपेट/कोदाद: तेलंगाना के सूर्यपेट जिले में एक दलित युवक की मौत का मामला गरमाता जा रहा है। भारत राष्ट्र समिति (BRS) के प्रदेश महासचिव और पूर्व आईपीएस अधिकारी आरएस प्रवीण कुमार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे 'हिरासत में हत्या' (Custodial Murder) करार दिया है। उनका आरोप है कि चिलकुर पुलिस स्टेशन में 32 वर्षीय दलित युवक, करला राजेश को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

डीएसपी और पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग

मंगलवार को कोदाद पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात करने और उन्हें सांत्वना देने के बाद, प्रवीण कुमार ने सरकार और प्रशासन के सामने सख्त मांगें रखीं। उन्होंने मांग की है कि डीएसपी श्रीधर रेड्डी और इस मामले में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत हत्या का मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने यह भी शर्त रखी कि एफआईआर दर्ज होने के बाद ही शव का दूसरा पोस्टमार्टम (Second Autopsy) कराया जाए।

'1 करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले'

बीआरएस नेता ने मृतक के परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए राज्य सरकार से भारी मुआवजे की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार को तत्काल 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि (Ex-gratia) प्रदान करे। इसके अलावा, मुआवजे के तौर पर एक डबल बेडरूम वाला घर, पांच एकड़ खेती योग्य जमीन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।

मंत्री और विधायक पर डीएसपी को बचाने का आरोप

मीडिया से बात करते हुए प्रवीण कुमार ने नागरिक आपूर्ति मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी और स्थानीय विधायक पद्मावती पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता डीएसपी श्रीधर रेड्डी को संरक्षण दे रहे हैं, जिनके नेतृत्व में कथित तौर पर युवक को प्रताड़ित किया गया। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने दावा किया कि डीएसपी का तबादला और पोस्टिंग स्थानीय मंत्री की इच्छा के अनुसार की गई थी, ताकि "लूट को मिलकर जारी रखा जा सके।"

क्या है पूरा मामला?

आरएस प्रवीण कुमार ने आरोप लगाया कि राजेश को पांच दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा गया और क्रूर यातनाएं दी गईं। उनका कहना है कि यह सब सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी पर पर्दा डालने के लिए किया गया।

बीआरएस नेता के अनुसार, राजेश को 2022 के सीएमआरएफ (CMRF) चेक धोखाधड़ी मामले में झूठा फंसाया गया था, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे। पुलिस ने राजेश पर पूर्व बीआरएस विधायक मल्लैया यादव का नाम लेने के लिए दबाव बनाया और उन्हें प्रताड़ित किया। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करते हुए, राजेश की तबीयत बिगड़ने के बावजूद उसे चिकित्सा सहायता नहीं दी गई।

सीएम रेवंत रेड्डी पर साधा निशाना

प्रवीण कुमार ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे गृह मंत्री के रूप में पूरी तरह विफल रहे हैं और अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक राजेश के परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, बीआरएस अन्य जाति संगठनों और नागरिक समाज समूहों के साथ मिलकर अपना संघर्ष जारी रखेगी।

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