राजस्थान: विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को पटखनी देने के बाद अब भाजपा की नजर लोकसभा चुनावों पर भी है। ऐसे में भाजपा 2024 के चुनावों को ध्यान में रख कर ही राजस्थान में मुख्यमंत्री के चेहरे का चयन करने वाली है। सूत्रों की माने तो भाजपा इस बार दलित, आदिवासी व पिछड़ों की हमदर्दी के दावे के साथ लोकसभा चुनावी समर में उतरने वाली है। राजस्थान में भी इसी सूत्र को ध्यान में रख मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को फिर से राज्य की कमान सौंपने की अटकलें भी तेज हो गई। उधर भाजपा के ध्रुवीकरण के फंडे को ध्यान में रख कर राजनीतिक गलियारों में तिजारा से कांग्रेस के इमरान खान से कड़ी टक्कर में चुनाव जीत कर आए बाबा बालकनाथ के नाम को लेकर भी चर्चा है।
भाजपा के पास मुख्यमंत्री के लिए दलित चेहरे के तौर पर अर्जुन राम मेघवाल और आदिवासी चेहरे के रूप में सवाईमाधोपुर से चुनाव जीते सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीना भी विकल्प के तौर पर है। हालांकी भाजपा में दलित आदिवासी चेहरे के नाम पर सहमती को लेकर विरोधाभास की स्थिति से इनकार नहीं कर सकते। इनके अलावा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, जयपुर राजघराने से दीया कुमारी, गजेन्द्र सिंह शेखावत, ओमप्रकाश माथुर के नामों पर भी मंत्रणा हो सकती है। सीएम चेहरे के तौर पर चर्चा में आए उक्त सभी को पार्टी हाईकमान ने दिल्ली तलब कर लिया है।
पहली पसंद वसुंधरा: राजस्थान में टिकट वितरण से पहले तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व राजे के बीच नाराजगी का नजारा देखा गया हो, लेकिन अब राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में वसुंधरा राजे को पहली प्राथमिकता मिल सकती है। वसुंधरा राजे राजस्थान की दो बार सीएम रह चुकी है। दोनों बार वसुंधरा चेहरे पर चुनाव लड़ा गया और जीते भी। इस बार राज्य का चुनाव नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया है। यहां वसुंधरा राजपूत है तथा दीयाकुमारी व गजेन्द्र सिंह शेखावत भी राजपूत चेहरे के तौर पर सीएम पद की दौड़ में है।
राजस्थान में आदिवासी मतदाताओं को साधन के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व में मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नाम पर भी मंथन कर रहा है। डॉ. किरोड़ी भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सड़कों पर संघर्ष कर नरेन्द्र मोदी की नजरों में भी अपनी पैठ जाम चुके हैं। राज्य के एसटी वोटर्स पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। नरेन्द्र मोदी डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के आह्वान पर दोसा में मीणा समाज के एक स्थल पर कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं।
राजस्थान में दलित चेहरे के रूप में भाजपा का बड़ा चेहरा है। दो बार से बीकानेर से लगातार सांसद है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नजदीकी लोगों में शुमार होते हैं। संस्कृति मंत्रालय से कई बड़ी शुरुआत कर चर्चा में है। लोकसभा चुनावों में दलित मतदाताओं को साधने के लिए अजुनराम मेघवाल के नाम पर भी मंत्रणा चल रही है।
इनके अलावा ओम बिरला को भी विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। लोकसभा स्पीकर है। सब को साथ लेकर चलने की खासियत के साथ ही नरेन्द्र मोदी के करीबी हैं। भाजपा के बड़े नेताओं में स्वच्छ छवि बनी है। दीया कुमारी जब से राजनीति में आई भाजपा ने हमेशा आगे रखा है। जयपुर राजघराने से होने के कारण इस नाम पर वसुंधरा के विकल्प के रूप में चर्चा होती रही है। गजेन्द्र सिंह शेखावत आरएसए कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान रखते हैं। 20 साल संघ के साथ काम करने के बाद भाजपा ने जोधपुर से 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ाया। इसके बाद 2019 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को पटखनी देकर दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीता।
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