उत्तर प्रदेश: ग्रेटर नोएडा में एक और छात्र ने की खुदकुशी, 10 दिन में चौथा मामला

छात्र यूपीएससी की तैयारी कर रही बड़ी बहन के साथ रहकर पढ़ाई करता था। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
उत्तर प्रदेश: ग्रेटर नोएडा में एक और छात्र ने की खुदकुशी, 10 दिन में चौथा मामला

उत्तर प्रदेश। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में चौथे छात्र ने खुदकुशी कर ली। अल्फा-2 सेक्टर में बीसीए के छात्र राजमणि (22) का शव शुक्रवार रात कमरे में फंदे पर लटका मिला। छात्र यूपीएससी की तैयारी कर रही बड़ी बहन के साथ रहकर पढ़ाई करता था। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

बड़ी बहन के साथ रहता था राजमणि

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मूलरूप से देवघर झारखंड निवासी राजमणि बीटा 2 थाना क्षेत्र के अल्फा में बड़ी बहन के साथ रहता था। शुक्रवार को उसकी बहन कोचिंग के लिए गई थी। देर शाम को वह लौटी तो भाई का शव फंदे पर लटका देखा। युवती ने घटना की सूचना पुलिस और परिजनों को दी। पुलिस ने कहा कि छात्र की परीक्षा की तारीख पास आने वाली थी। पुलिस परीक्षा के तनाव की वजह से खुदकुशी की आशंका जता रही है।

पुलिस छात्र के खुदकुशी का कारण पता करने के लिए उसके मोबाइल व लैपटॉप की जांच करेगी। मामले में परिजनों की ओर से तहरीर नहीं दी गई है। एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया है कि प्राथमिक जांच में छात्र के खुदकुशी कर जान देने की बात सामने आई है। पुलिस मामले की जांच की जा रही है।

काउंसलिंग कमेटियां निष्क्रिय

ग्रेटर नोएडा, जनपद में 250 से अधिक शिक्षण संस्थान हैं, लेकिन इनमें छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग के लिए बनाई गई कमेटियां सक्रिय नहीं है। शिवनादर यूनिवर्सिटी में हुई छात्रा की हत्या और छात्र के आत्महत्या करने की घटना के बाद भी पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों व शिक्षण संस्थानों ने कोई ध्यान नहीं दिया। यही वजह है लगातार छात्र-छात्राएं इस तरह का कदम उठा ले रहे हैं।

ये है सुसाइड के केस

  • 22 नवंबर 2023 को बादलपुर के महावड़ गांव में मोबाइल छीनने पर इंटरमीडिएट की छात्रा ने फंदा लगाकर की खुदकुशी।

  • 22 नवंबर नॉलेज पार्क में बीटेक छात्र शिवम ने पिता की डांट से क्षुब्ध होकर आत्महत्या की।

  • 26 नवंबर को ग्रेनो में 17 साल की छात्रा ने मानसिक तनाव के चलते फंदा लगाकर आत्महत्या की।

  • 1 दिसंबर बीसीए के छात्र ने फंदा लगाकर

द मूकनायक ने डॉ. गायत्री तिवारी से बात की, जो मानव विकास और परिवार अध्ययन विभाग में प्रोफेसर हैं। वह उदयपुर राजस्थान से हैं। गायत्री बताती हैं कि, "बच्चे का बचपन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। उसके बचपन को सुधारने या बिगाड़ने की पूरी भूमिका परिवार निभाता है। यदि बचपन से ही बच्चे को संभाल कर, प्यार से रखा जाए। तो बच्चा अपने माता-पिता के साथ सब कुछ शेयर करता है। क्योंकि जो माहौल घर में उसको मिलता है। वह कहीं और नहीं मिल सकता। यही माहौल उसकी पूरी जिंदगी पर असर डालता है। जितने भी सुसाइड केस हैं। इस समय परवरिश की स्थिति बहुत खराब है। हम बच्चों को सबसे आगे निकलवाना चाहते हैं। अच्छे नंबर लाने के लिए उन पर दबाव बनाते हैं। क्योंकि सब अपने-अपने बच्चों को एक अच्छी पोस्ट पर देखना चाहते हैं। माता-पिता यह भूल रहे हैं, कि वह अभी बच्चे हैं। इस समय उनको अपने माता-पिता की जरूरत है।

वह आगे कहती हैं कि, "बच्चे हॉस्टल आदि में रहते हैं। अपने माता-पिता से भी दूर होते हैं। इस समय उनके पास अच्छे नंबर लाने का दबाव होता है। पढ़ाई का दबाव होता है। माता-पिता के सपने भी सच करने होते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे सुसाइड करने की स्थिति में आ जाते हैं। क्योंकि उनको लगता है कि हमें कोई नहीं समझेगा।"

"माता पिता को अपने बच्चों पर हमेशा नजर रखनी चाहिए। उनके व्यवहार आदि को समझना चाहिए। माता-पिता को उनके नंबर काम आने पर, या थोड़ा सा पीछे होने पर हमेशा उनका प्रोत्साहन और आगे बढ़ाने के लिए कहना चाहिए। उनकी बातें समझनी चाहिए। बच्चों को समझना चाहिए कि जीवन बहुत अनमोल है। जिंदगी तुम्हें और भी बहुत मौके देगी", उन्होंने कहा।

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