भोपाल। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत सोमवार को राजगढ़ से असम के कामाख्या देवी मंदिर के लिए विशेष ट्रेन रवाना होने जा रही है। इस यात्रा को लेकर अब राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बनी इस योजना में भाजपा नेताओं और उनके परिजनों के नाम शामिल किए जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, खिलचीपुर से भाजपा विधायक हजारीलाल दांगी की दोनों पत्नियाँ, ज्योत्सना दांगी और सरदारबाई दांगी इस यात्रा की सूची में शामिल हैं। इसके साथ ही भाजपा की वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रा मूंडड़ा का नाम भी सूची में होने की पुष्टि हुई है। कांग्रेस ने इसे गरीब और बेसहारा वर्ग के साथ अन्याय करार देते हुए योजना की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए आरोप लगाया, "राजगढ़ जिले से चयनित सूची में गरीब जनता की जगह बीजेपी नेताओं और उनकी पत्नियों के नाम जोड़े गए हैं। प्रशासन की निगाह में शायद यही लोग सबसे गरीब हैं।"
उन्होंने कहा कि यह योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बनाई गई थी, ताकि वे अपने जीवन में पहली बार तीर्थ यात्रा का अवसर पा सकें। लेकिन सूची में प्रभावशाली और सशक्त लोगों के नाम देखकर योजना की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं।
शनिवार को माचलपुर में आयोजित कांग्रेस की बैठक के दौरान प्रियव्रत सिंह ने एक वीडियो जारी कर योजना की शर्तों का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि, योजना में शामिल होने के लिए आयकरदाता नहीं होना चाहिए। पूर्व शासकीय सेवक होने पर यदि पेंशन 12 लाख रुपये से कम है, तो उन्हें आयकरदाता श्रेणी से बाहर माना जाता है।
प्रियव्रत सिंह ने कहा कि हो सकता है सरदारबाई दांगी आयकरदाता न हों, लेकिन ज्योत्सना दांगी पूर्व शासकीय सेवक रही हैं। ऐसे में उनकी स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए। वहीं भाजपा पदाधिकारी इंद्रा मूंडड़ा का नाम सूची में होना और भी चौंकाने वाला है।
प्रियव्रत सिंह ने सीधे तौर पर विधायक दांगी पर निशाना साधते हुए कहा, "विधायक स्वयं आयकरदाता हैं। ऐसे में उनकी पत्नी का नाम गरीबों की योजना में शामिल होना क्या उचित है? क्या विधायक जी का जमीर गवाही देता है कि वे गरीबों के लिए बनी योजना में अपनी पत्नी का नाम जोड़ेंगे?"
कांग्रेस नेता ने साफ किया कि उनका उद्देश्य व्यक्तिगत आलोचना करना नहीं है। वे केवल सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और न्यायसंगत क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, "यदि सब कुछ नियमों के अनुसार हुआ है तो हमें कोई आपत्ति नहीं। लेकिन यदि गड़बड़ी हुई है तो जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को जवाब देना चाहिए। यह सिर्फ राजनीतिक विवाद नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय का मामला है।"
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना उन वरिष्ठ नागरिकों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए है, जो आर्थिक तंगी के कारण जीवनभर तीर्थ यात्रा नहीं कर पाते। इस योजना के अंतर्गत उन्हें मुफ्त यात्रा, भोजन और आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। लेकिन सूची में भाजपा नेताओं और उनके परिजनों के नाम आने से इस योजना की सच्चाई और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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