
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। चुनावों में बसपा को मात्र एक सीट से संतोष करना पड़ा, जिस पर मायावती ने कहा कि यदि चुनाव "स्वतंत्र और निष्पक्ष" (free and fair) हुए होते, तो उनकी पार्टी निश्चित रूप से और अधिक सीटें जीतती।
जानकारी के मुताबिक, बसपा ने राज्य की 243 में से 192 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसमें से पार्टी को केवल कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर ही जीत नसीब हुई। यह जीत भी बेहद कांटे की टक्कर में मात्र 30 वोटों के मामूली अंतर से मिली। बसपा के सतीश कुमार सिंह को 72,689 वोट मिले, जबकि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अशोक कुमार सिंह को हराया, जिन्हें 72,659 वोट प्राप्त हुए।
बसपा सुप्रीमो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अपने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से बी.आर. अंबेडकर और कांशी राम के सपने को पूरा करने के लिए बिहार में लगातार काम करते रहने का आग्रह किया।
इसी के साथ, उन्होंने स्थानीय प्रशासन का इस्तेमाल करके बसपा उम्मीदवारों को हराने की कोशिश किए जाने का भी आरोप लगाया। मायावती ने लिखा, "बार-बार मतगणना (repeated vote counting) की आड़ में, स्थानीय प्रशासन और सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर बसपा उम्मीदवार को हराने की हर संभव कोशिश की।"
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के बहादुर कार्यकर्ताओं के अंत तक डटे रहने के कारण, "विरोधी की साजिश सफल नहीं हो सकी।"
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे निराश न हों। मायावती ने जोर देकर कहा, "अगर चुनाव पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष होते, तो बसपा निश्चित रूप से कई और सीटें जीतती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।" उन्होंने कार्यकर्ताओं को भविष्य के लिए और भी अधिक तैयारियों के साथ काम जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध रहने को कहा।
हालांकि, बिहार चुनावों में इस झटके के बावजूद, बसपा नेताओं का दावा है कि पार्टी ने लगभग 10 से 15 विधानसभा सीटों पर "सम्मानजनक वोट शेयर" (respectable vote share) हासिल किया है।
अगर रामगढ़ सीट के अन्य उम्मीदवारों की बात करें, तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अजीत कुमार 41,480 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज के उम्मीदवार आनंद कुमार सिंह 4,426 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे।
यह याद दिलाना जरूरी है कि 2020 के बिहार चुनावों में भी बसपा ने सिर्फ एक ही सीट जीती थी। उस समय चैनपुर सीट से पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद ज़मा खान ने भाजपा उम्मीदवार को हराया था। हालांकि, बाद में वह जनता दल (यूनाइटेड) यानी JDU में शामिल हो गए और नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्री भी बने।
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