
उमरिया- संविधान के शिल्पकार भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के प्रति असहिष्णुता की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर उनकी मूर्तियां तोड़ने की खबरें देशभर से आ रही हैं, तो दूसरी ओर उनकी तस्वीरों का अपमान भी सिर उठा रहा है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत संजय गांधी ताप विद्युत गृह के प्रशासनिक भवन के वीडियो कॉन्फ्रेंस रूम से बाबासाहेब की सम्मानित तस्वीर अचानक हटा दिए जाने से एससी-एसटी समुदाय के कर्मचारियों में गहरा आक्रोश फैल गया है। क्या यह महज एक 'दुर्घटना' है या बहुजन समाज के प्रति गहरी उपेक्षा का प्रतीक?
जानकारी के मुताबिक यह थर्मल स्टेशन बिरसिंहपुर में स्थित है जहाँ मौजूदा चीफ इंजीनयर एच.के. त्रिपाठी हैं। कर्मचारियों का कहना है कि चीफ इंजीनयर का व्यवहार एससी/एसटी वर्ग के कर्मियों के साथ भेदभावपूर्ण रहता है, उनके रवैये को लेकर कर्मियों में असंतोष है।
कर्मचारियों के मुताबिक थर्मल स्टेशन के वीडियो कॉन्फ्रेंस रूम में काफी समय से बाबा साहब और गाँधी जी दोनों की तस्वीरें साथ साथ लगी हुई थी लेकिन हाल ही एक मीटिंग में शामिल हुए कर्मचारियों ने नोटिस किया कि दीवार पर केवल गाँधी जी का चित्र लगा हुआ है, बाबा साहब की तस्वीर रूम में नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर यह जानबूझकर किया गया है तो इसे बहुजन समाज के प्रति भेदभाव का प्रतीक मानना होगा।
शनिवार 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर स्टेशन पर एक स्मारोह का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई, जहां वक्ताओं ने 'धरती आबा' के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद किया। इस स्मारोह में कर्मचारियों ने बाबा साहब के चित्र को हटा दिए जाने के मुद्दे पर खुलकर चर्चा की। एक वरिष्ठ कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "यह केवल एक तस्वीर का मामला नहीं है, बल्कि बहुजन समाज के प्रति मुख्य अभियंता की कठोरता और भेदभावपूर्ण रवैये का प्रमाण है। हमने फैसला किया है कि पहले मुख्य अभियंता से बात करेंगे। यदि तस्वीर दुर्घटनावश टूट गई हो या कोई अन्य कारण हो, तो हम खुद एक नई तस्वीर भेंट करेंगे ताकि इसे सम्मानपूर्वक लगाया जा सके। लेकिन यदि इसे बहाल नहीं किया गया, तो हम लिखित शिकायत दर्ज कराएंगे और उच्च अधिकारियों तक मामला पहुंचाएंगे।"
कर्मचारियों ने बताया कि दो वर्ष पूर्व के चीफ इंजीनियर बहुजन समाज के प्रति सहानुभूति रखते थे और उन्होंने बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित करने का प्रोजेक्ट भी बनाया था, लेकिन अब वह परियोजना भी ठंडे बस्ते में चली गई है।
कर्मचारियों ने जोर देकर कहा कि डॉ. अम्बेडकर का योगदान धर्म, देश और समाज के लिए अमूल्य है। उन्होंने अस्पृश्यता जैसी कुरीतियों को समाप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाई, संविधान का निर्माण किया और अर्थशास्त्र, पुरातत्व जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य किया। एक कर्मचारी ने कहा, "बाबासाहेब का सम्मान सिर्फ एससी-एसटी का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का विषय है। ऐसी घटनाएं समाज में विभाजन पैदा करती हैं।"
इस अवसर पर अनुसूचित जाति - जनजाति वर्ग से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि डॉ. अम्बेडकर द्वारा संविधान में दिए गए आरक्षण का ईमानदार पालन नहीं हो रहा। पदोन्नति नियम 2025 में वरिष्ठता को नजरअंदाज कर उच्च पदों पर गैर-आरक्षित वर्ग को प्राथमिकता दी जा रही है, जो असंवैधानिक है। इस अवसर पर शहडोल संभाग के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों को 23 नवंबर को भोपाल के डॉ. अम्बेडकर जयंती मैदान में आयोजित 'विशाल आमसभा एवं प्रांतीय सम्मेलन' में भाग लेने का आह्वान किया गया।
आयोजन में अजाक्स जिला अध्यक्ष प्रीतम कोल, ब्लॉक अध्यक्ष विनय सिंह और प्रियंका जाटव, प्रांतीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति - जनजाति युवा छात्र संघ (म.प्र.) आदि भी मौजूद थे जिन्होंने बाबा साहब की तस्वीर वाले मुद्दे पर सोमवार को चीफ इंजिनियर से मुलाकात करने पर सहमति जताई।
इस मामले में द मूकनायक ने चीफ इंजिनियर एच.के. त्रिपाठी से बाबा साहब की तस्वीर हटाने के पीछे की वजह जानने के लिए मेसेज के जरिये संपर्क किया। जवाब प्राप्त होने पर खबर को अपडेट किया जाएगा।
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