
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मतदाता सूची को लेकर चल रहे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) अभियान को गंभीरता से लेते हुए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के स्पष्ट निर्देशों के बाद कि कोई भी पात्र मतदाता छूटने न पाए, बसपा ने अपने बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) को मैदान में उतार दिया है।
बूथ स्तर पर सक्रिय हुई टीम
यूपी में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बताया कि पार्टी के बीएलए (BLA) पूरी मुस्तैदी से बूथ स्तर पर तैनात हैं। वे चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) के साथ तालमेल बनाकर काम कर रहे हैं। उनका मुख्य काम आम जनता को मतदाता फॉर्म भरने में मदद करना है। पाल ने जोर देकर कहा, "पार्टी ने इस अभियान को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है।"
बिहार नतीजों के बाद बदली रणनीति
बीते 14 नवंबर को बिहार चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद, मायावती ने राज्य इकाइयों के साथ समीक्षा बैठकें की थीं। इन बैठकों में उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि 'बहुजन समाज' को न केवल अपने वोट की ताकत पहचाननी होगी, बल्कि अपने मताधिकार को सुरक्षित भी रखना होगा। उन्होंने कहा, "इस लिहाज से विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) का बहुत खास महत्व है। इस प्रक्रिया में जागरूक रहना और बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना बेहद जरूरी है।"
बिहार मॉडल से मिली प्रेरणा
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में बसपा के लिए जमीनी स्तर पर यही एकमात्र गतिविधि चल रही है। गौरतलब है कि बिहार में भी SIR प्रक्रिया के दौरान पार्टी ने मतदाताओं की काफी मदद की थी, जिसका सुखद परिणाम यह रहा कि 2020 के चुनावों की तुलना में वहां पार्टी के वोट प्रतिशत में इजाफा दर्ज किया गया। इसी सफलता को देखते हुए अब यूपी में भी इसी मॉडल को अपनाया जा रहा है।
वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सौंपी कमान
पार्टी सुप्रीमो मायावती इस अभियान को लेकर कितनी गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीएलए के रूप में पार्टी के सबसे प्रतिबद्ध और वरिष्ठ सदस्यों को नियुक्त किया गया है। एक पार्टी पदाधिकारी ने बताया, "ये वो लोग हैं जो अपने बूथ के अंतर्गत आने वाले हर घर से वाकिफ हैं।"
काम पर रखी जा रही है पैनी नजर
सिर्फ नियुक्ति ही नहीं, बल्कि उनके काम की निगरानी भी की जा रही है। बीएलए को अपनी उपस्थिति प्रमाणित करने के लिए फील्ड से अपनी तस्वीरें भेजनी अनिवार्य हैं। साथ ही, एक बीएलए को एक दिन में कम से कम दो बूथों को कवर करने का लक्ष्य दिया गया है, ताकि काम में तेजी और सटीकता बनी रहे।
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