लखनऊ: आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुए, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपनी संगठनात्मक शक्ति और दलित समुदाय के बीच अपने प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए एक बड़े स्तर पर आयोजन करने जा रही है। इसके लिए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बसपा के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि, यानी 9 अक्टूबर, के दिन को चुना है। इस अवसर पर राज्य की राजधानी लखनऊ में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूरे प्रदेश से पांच लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम लखनऊ स्थित पुरानी जेल रोड पर बने बीएसपी स्मारक स्थल पर सुबह 9 बजे से आरंभ होगा। बसपा प्रमुख मायावती इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। वह सर्वप्रथम कांशीराम जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी और उसके बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी। इस महत्वपूर्ण आयोजन में उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से बसपा कार्यकर्ताओं के पहुंचने की संभावना है।
चुनावी रणनीति और शक्ति का प्रदर्शन
यह विशाल रैली उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा पार्टी की बिखरी हुई ऊर्जा को पुनः एकजुट करने के एक बड़े प्रयास के रूप में देखी जा रही है। उल्लेखनीय है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी पार्टी ने कांशीराम स्मारक पर इसी तरह का एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था, हालांकि चुनाव परिणामों में पार्टी को भारी पराजय का सामना करना पड़ा था। उस हार के बाद से यह पार्टी द्वारा आयोजित किया जा रहा पहला इतना बड़ा शक्ति प्रदर्शन है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मंच से मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को नेतृत्व की भूमिका में आगे कर सकती हैं। इसके माध्यम से वह दलित समुदाय को यह संदेश देने का प्रयास करेंगी कि उन्हें चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पार्टी का भविष्य अब युवा नेतृत्व के हाथों में सुरक्षित रहेगा। इस आयोजन के जरिए मायावती यह भी स्थापित करना चाहेंगी कि निरंतर चुनावी पराजयों के बावजूद न तो वह और न ही उनकी पार्टी कमजोर हुई है, बल्कि आज भी एक मजबूत ताकत के रूप में खड़ी है।
आयोजन के लिए व्यापक तैयारियां
इस महारैली को सफल बनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता पूरे जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हुए हैं। प्रदेश के गांवों तक नीले रंग की टोपियां और गमछे वितरित किए गए हैं। आयोजन में अधिकतम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी तहसीलों को विभिन्न सेक्टरों में बांटकर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। रैली में होने वाली भीड़ और संभावित ट्रैफिक जाम की स्थिति से बचने के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे कार्यक्रम से एक दिन पहले ही लखनऊ पहुंच जाएं।
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