रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के ऊंचाहार इलाके में चोरी के शक में एक दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या के मामले में पुलिस ने चार और लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि अब इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की कुल संख्या नौ हो गई है।
पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने इस घटना को जातीय रंग देने की कोशिशों के खिलाफ भी चेतावनी दी है और कहा है कि आरोपी पीड़ित की जाति से अनजान थे।
क्या है पूरा मामला?
यह दर्दनाक घटना 2 अक्टूबर की रात लगभग 1 बजे की है। अफवाह फैली थी कि एक गिरोह ड्रोन से घरों की रेकी कर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा है। इसी अफवाह के चलते ग्रामीणों ने रात में पहरा देना शुरू कर दिया। इसी दौरान उन्होंने फतेहपुर निवासी 40 वर्षीय हरिओम वाल्मीकि को पकड़ लिया और चोर समझकर उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई।
रायबरेली के पुलिस अधीक्षक (SP) यशवीर सिंह ने बताया, "मंगलवार को चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें मुख्य आरोपी शिवम के एक रिश्तेदार, जिसने उसे पनाह दी थी, शिव प्रसाद अग्रहरि, जो मूकदर्शक बनकर खड़ा रहा और पुलिस को सूचित नहीं किया, और लल्ली पासी व उसका एक सहयोगी शामिल हैं।"
पुलिस की सख्त कार्रवाई और चेतावनी
एसपी यशवीर सिंह के अनुसार, इस घटना के तुरंत बाद पांच आरोपियों - वैभव सिंह, विजय कुमार, सहदेव पासी, विजय मौर्य और सुरेश कुमार मौर्य - को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया, "पीड़ित ग्रामीणों के लिए एक अजनबी था और इस घटना में शामिल आरोपी विभिन्न समुदायों से हैं। पुलिस किसी भी तरह की अफवाह फैलाने या सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।"
एसपी ने बताया कि जमुनापुर गांव में स्थानीय लोगों ने हरिओम को चोर होने के संदेह में लाठियों, सरियों और बेल्ट से पीटा था। उन्होंने कहा, "मृतक मानसिक रूप से अस्थिर लग रहा था और खुद की पहचान ठीक से नहीं बता पा रहा था। ग्रामीणों ने उसे चोर समझ लिया और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी।" पुलिस को इस घटना की सूचना अगली सुबह मिली, जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, जिसमें कई गंभीर चोटों की पुष्टि हुई है।
पुलिस ने वीडियो सबूतों के आधार पर 10 से 15 और संदिग्धों की पहचान की है और जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है। पुलिस टीमें फतेहपुर पुलिस के साथ भी समन्वय कर रही हैं और उन संदिग्धों पर नज़र रख रही हैं जिनके दूसरे राज्यों में भाग जाने की आशंका है।
मामले पर गरमाई सियासत
इस घटना ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस ने मंगलवार को इसे "मानवता और संविधान की हत्या" करार दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि मॉब लिंचिंग, बुलडोजर अन्याय और भीड़तंत्र हमारे समय की एक भयावह पहचान बन गए हैं।
इससे पहले सोमवार को, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने हरिओम के परिवार से मुलाकात की थी और दावा किया था कि पीड़ित ने जब राहुल गांधी का नाम लिया तो उसकी और ज्यादा पिटाई की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में "जंगल राज" कायम है। वहीं, राहुल गांधी ने पीड़ित के भाई से फोन पर बात कर उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
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