CJI पर जूता फेंकने की घटना पर भड़के बिहार कांग्रेस अध्यक्ष, बोले- 'यह लोकतंत्र और संविधान पर हमला है'

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने CJI बी. आर. गवई पर हुए हमले को बताया 'करोड़ों दलितों का अपमान', कहा- RSS-BJP की विचारधारा इसके लिए जिम्मेदार है।
Mumbai: Congress MP Varsha Gaikwad, along with party leaders and supporters, stage a protest against the attempted attack on the Chief Justice of India, B.R. Gavai, in Mumbai on Tuesday, October 7, 2025. (Photo: IANS)
मुंबई: कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़, पार्टी नेताओं और समर्थकों के साथ, मंगलवार, 7 अक्टूबर को मुंबई में भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले के प्रयास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करती हुईं। (फोटो: आईएएनएस)
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पटना: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी. आर. गवई पर जूता फेंके जाने की घटना की निंदा करते हुए बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बेहद भावुक हो गए। उन्होंने इस घटना को केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र, संविधान और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर किया गया हमला बताया।

बिहार के प्रमुख दलित नेताओं में से एक, राजेश राम ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश को पिछले कई दिनों से एक ज़हरीले और नफ़रत भरे अभियान के तहत निशाना बनाया जा रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस अभियान को RSS और BJP की विचारधारा से जुड़े लोग हवा दे रहे थे, और यह जूता फेंकने की घटना उसी का परिणाम थी।

कुटुम्बा सीट से कांग्रेस विधायक राम ने कहा कि हाशिए पर मौजूद समुदायों, विशेषकर दलितों को आज भी सामाजिक और संस्थागत स्तर पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, "न्यायमूर्ति गवई, जो एक दलित परिवार से आते हैं, अपनी योग्यता के आधार पर देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर पहुँचे हैं। इसके बावजूद, समाज के कुछ वर्ग उनके इस पद को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।"

इस मुद्दे पर बात करते हुए राजेश राम अपने आँसू नहीं रोक पाए। उन्होंने भावुक होकर कहा, "आज हम इस बात से बहुत दुखी हैं। हम जानते हैं कि समाज में इस तरह की ऊंचाइयों तक पहुँचने के लिए हमें कितनी पीड़ा और संघर्ष करना पड़ता है, और उसके बाद भी इस समाज में स्वीकृति नहीं मिलती... एक दलित के लिए इससे बुरा अनुभव और कोई नहीं हो सकता। हमें सदन के अंदर भी हमेशा भेदभाव और पक्षपात का सामना करना पड़ता है, और हम आज भी यह सब झेल रहे हैं। ऐसी अनगिनत घटनाएँ हैं जहाँ आज भी गाँवों और घरों में दलितों को पीटा जा रहा है। यह दर्द उन सभी दलितों का है जो न्यायमूर्ति गवई पर हुए हमले में अपना दर्द देख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट पर यह हमला वास्तव में करोड़ों दलितों का अपमान है।"

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ क्षेत्रों में न्यायमूर्ति गवई की यात्रा के दौरान स्थानीय अभिजात्य वर्ग ने शत्रुतापूर्ण व्यवहार किया था। राम ने बताया, "जब न्यायमूर्ति गवई पहली बार दौरे पर गए, तो सामंती मानसिकता वाले लोगों ने उनका स्वागत करने से भी इनकार कर दिया था। यह हमारे समाज में दलितों के खिलाफ सदियों पुराने भेदभाव को दिखाता है।"

उन्होंने आरोप लगाया, "यह हमला न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका पर सीधा प्रहार है। BJP और RSS का एजेंडा बिल्कुल स्पष्ट है। वे न्याय और समानता को बनाए रखने वाली संस्थाओं को कमज़ोर करने का प्रयास कर रहे हैं।"

राम ने चेतावनी देते हुए कहा कि न्यायपालिका को कमज़ोर करने की हर कोशिश का विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा, "भाजपा संविधान को कमज़ोर करने की कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन वे कामयाब नहीं होंगे। हम उन मूल्यों की रक्षा करेंगे जिन्हें बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में जगह दी है।"

उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी न्यायपालिका पर ऐसे हमलों को नज़रअंदाज़ नहीं करेगी। राम ने आश्वासन दिया, "राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न्यायपालिका किसी भी तरह के उत्पीड़न या धमकी से आज़ाद रहे।"

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