
झाबुआ- मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के थांदला कस्बे में क्रिसमस पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल द्वारा आयोजित 'शौर्य यात्रा' रैली ने ईसाई समुदाय में दहशत फैला दी। 500 से अधिक सशस्त्र प्रतिभागियों वाली इस रैली ने शहर के ईसाई बहुल इलाकों, कैथोलिक चर्च और आवासीय कॉलोनियों के बीच से गुजरते हुए चर्च, पादरियों और ईसाई धर्म के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ नारे लगाए। समुदाय के लोगों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन को दो दिन पहले ही सूचना देने के बावजूद पुलिस ने मार्ग डायवर्ट नहीं किया और हथियारों की प्रदर्शना पर कोई कार्रवाई नहीं की।
झाबुआ धर्मप्रांत के जनसंपर्क अधिकारी फादर रॉकी शाह ने बताया कि रैली का रूट पहले से ज्ञात था, जिसमें उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और पुलिस शामिल थे। फिर भी, जुलूस के दौरान पादरियों के खिलाफ और "चर्च बंद करो" जैसे नारे गूंजे, जबकि ईसाई समुदाय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वीडियो फुटेज में प्रतिभागी तलवारें, बंदूकें और अन्य हथियार लहराते दिखाई दे रहे हैं, जो कानूनन प्रतिबंधित हैं।
हिंदुत्व वॉच जैसे संगठनों ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर बताया कि रैली शहर भर से गुजरी, जिसमें पुलिस की मौजूदगी में हथियार लहराए गए।
यह घटना क्रिसमस पर हुई, जिससे ईसाई समुदाय में भय का माहौल है। फादर शाह ने इसे "धार्मिक असहिष्णुता की बढ़ती प्रवृत्ति" बताया, जो देशभर में फैल रही है। इससे पहले भी राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी हिन्दू समूहों द्वारा चर्चों, स्कूलों और मॉल्स में क्रिसमस समारोहों में बाधा की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। स्थानीय अधिकारियों ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान या एफआईआर दर्ज करने की पुष्टि नहीं की है। चर्च प्रतिनिधियों ने शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन समुदाय में सुरक्षा की मांग तेज हो रही है।
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