भोपाल। पीथमपुर में भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से आए जहरीले कचरे को नष्ट करने के खिलाफ शुक्रवार को जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। विरोध के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रात में इमरजेंसी बैठक बुलाई और स्पष्ट किया कि सरकार जनभावनाओं का सम्मान करेगी और हाईकोर्ट के सामने सभी परिस्थितियों को रखकर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इस बयान के बाद माना जा रहा है कि फिलहाल कचरा का निपटान रोक दिया गया है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बिना न्यायालय के निर्देश के इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार जनकल्याणकारी और जनहितैषी है। मैं जनता से अपील करता हूं कि अफवाहों पर ध्यान न दें। वैज्ञानिक आधार पर ही कचरे का निष्पादन होगा।"
इस बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ल, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, धार विधायक नीना वर्मा और मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को पीथमपुर में हालात तनावपूर्ण हो गए। पावर हाउस चौराहे पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। इसी दौरान एक महिला को पुलिसकर्मी घसीटते हुए नजर आए, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया। शाम को छत्रछाया चौराहे और गुडलक चौराहे पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम किया, जिससे 7 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
मुख्य धरना महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर हो रहा है, जिसमें पीथमपुर बचाओ समिति, पीथमपुर रक्षा मंच, कांग्रेस, भाजपा, विभिन्न सामाजिक और व्यापारिक संगठनों के साथ ऑल ट्रेड यूनियन शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन सांवरिया मंदिर, अकोलिया चौराहा, बरदरी चौराहा, छत्रछाया गेट, आजाद चौराहा और एबी रोड जैसे क्षेत्रों में भी हुआ।
सुबह विरोध प्रदर्शन के दौरान दो प्रदर्शनकारियों, राजकुमार रघुवंशी और राजू पटले, ने आत्मदाह की कोशिश की। दोनों को गंभीर हालत में इंदौर के चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कचरे को पीथमपुर लाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "लोग दहशत में हैं और आत्मदाह करने की कोशिश कर रहे हैं। जब तक वैज्ञानिक और तकनीकी सत्यापन नहीं होता, तब तक कचरे का निष्पादन रोकना चाहिए।"
भोपाल से करीब 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 10 कंटेनरों में भरकर बुधवार रात को पीथमपुर भेजा गया था। इसे रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज में वैज्ञानिक तरीके से जलाने की योजना है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह उनकी सेहत और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है। प्रशासन और पुलिस प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
सीएम यादव ने भरोसा दिलाया है कि जब तक न्यायालय का आदेश नहीं आता, तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कचरे के निष्पादन में किसी भी तरह का खतरा नहीं है, और यह वैज्ञानिक प्रक्रिया के तहत होगा। बावजूद इसके, पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन जारी है, और सरकार के सामने इस मुद्दे को लेकर बढ़ती असहमति और दहशत को संभालने की चुनौती है।
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