
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में खाद (यूरिया) की भारी किल्लत के चलते किसानों के बीच अफरा-तफरी का माहौल है। हालात इतने तनावपूर्ण हो चुके हैं कि जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और ट्रकों से खाद लूटी जा रही है। इसी बीच, खाद वितरण केंद्र पर कतार में अपनी बारी का इंतजार करते हुए एक और किसान की मौत हो गई है। राज्य में पिछले दो हफ्तों से भी कम समय में यह इस तरह की दूसरी दुखद घटना है।
तीन दिन से लगा रहे थे चक्कर
सोमवार को टीकमगढ़ जिले के बड़ोराघाट खाद वितरण केंद्र पर 52 वर्षीय किसान जमुना कुशवाहा लाइन में लगे-लगे गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। कारी बजरुआ गांव के रहने वाले जमुना पिछले तीन दिनों से लगातार लाइन में लग रहे थे, ताकि उन्हें यूरिया की दो बोरियां मिल सकें।
घटना वाले दिन वे सुबह बिना नाश्ता किए ही केंद्र पर पहुंच गए थे। दोपहर करीब 12 बजे उल्टियां होने के बाद वे अचानक बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां दोपहर 3 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।
"खाद का इंतजार करते-करते चल बसे"
मृतक के बेटे ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि, "वे हर जगह खाद तलाश रहे थे और उसी का इंतजार करते हुए चल बसे।" जमुना के छोटे भाई छक्की ने बताया कि उनके भाई को हर रोज अपने गांव से 8 किलोमीटर दूर केंद्र तक आना पड़ता था। खाद की कमी और लंबी कतारों में लगने के तनाव ने उनकी सेहत पूरी तरह बिगाड़ दी थी।
यह घटना गुना जिले में 45 वर्षीय भूरी बाई की मौत के दो सप्ताह से भी कम समय बाद हुई है, जिनकी 26 नवंबर को खाद केंद्र के बाहर दो दिन कतार में बिताने के बाद जान चली गई थी।
प्रशासन के दावों पर सवाल
टीकमगढ़ के कृषि उप-निदेशक (DDA) अशोक शर्मा ने दावा किया कि बड़ोराघाट केंद्र पर किसी की मौत की कोई सूचना नहीं है और खाद टोकन के अनुसार दी जा रही है। उन्होंने बताया कि 19,000 टन यूरिया वितरित किया जा चुका है और 2,800 टन की अतिरिक्त मांग की गई है।
हालांकि, किसानों ने इन दावों को खारिज करते हुए आरोप लगाया है कि टोकन वितरण में पारदर्शिता नहीं है और घंटों खड़े रहने के बावजूद उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। विडंबना यह है कि जब जमुना कुशवाहा लाइन में गिरे, तो स्थानीय तहसीलदार सत्येंद्र गुर्जर ही उन्हें अपनी सरकारी गाड़ी में अस्पताल लेकर गए थे। देहात थाने के एसएचओ चंद्रजीत यादव ने भी हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि की है।
सब्र का बांध टूटा, खाद की लूटपाट
खाद की कमी को लेकर टीकमगढ़ और आसपास के जिलों में भारी आक्रोश है। सोमवार को खरगापुर में सैकड़ों किसानों ने एक प्रमुख राजमार्ग को जाम कर दिया, जिससे कई किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया।
वहीं, पिछले हफ्ते टीकमगढ़ के जतारा कृषि उपज मंडी में हताश किसानों ने डिलीवरी ट्रकों से सीधे यूरिया की बोरियां लूट लीं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना बुधवार को हुई, जब मंडी में दो ट्रक यूरिया लेकर पहुंचे थे। भीड़ ने करीब 30 से 40 बोरियां लूट लीं। मंडी प्रबंधक रामकुमार सोनी के अनुसार, किसान कई दिनों से भटक रहे थे और ट्रक देखते ही भीड़ बेकाबू हो गई।
क्यों बढ़ रही है मांग?
इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून अच्छा रहने से जलाशयों में पानी का स्तर बेहतर है, जिससे किसानों ने रबी की फसल (अक्टूबर-मई) के लिए जोर-शोर से बुवाई शुरू की है। मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि इसी कारण खाद की मांग में तेजी से वृद्धि होगी।
आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में भारत में यूरिया की खपत 40 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं, 2024-25 में देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले इस उर्वरक की बिक्री 38.8 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.