आजमगढ़ (सरायमीर/पेडरा): सिंचाई विभाग की कथित लापरवाही और बदइंतजामी का खामियाजा एक बार फिर अन्नदाताओं को भुगतना पड़ रहा है। जिले के पेडरा क्षेत्र में नहर ओवरफ्लो होने और तटबंधों से पानी रिसने के कारण सैकड़ों बीघा गेहूं की तैयार होती फसल जलमग्न हो गई है। किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिरने की सूचना पर शनिवार (27 दिसंबर) को सोशलिस्ट किसान सभा और पूर्वांचल किसान यूनियन के नेताओं ने मौके का दौरा किया और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
सिंचाई विभाग के दावों की खुली पोल
मौके पर पहुंचे किसान नेता राजीव यादव और वीरेंद्र यादव ने स्थिति का जायजा लेते हुए बताया कि नहर में बड़े पैमाने पर झाड़-झंखाड़ जमा है, जो यह साबित करता है कि विभाग ने समय रहते सफाई का कोई काम नहीं कराया। सफाई न होने से पानी का बहाव रुका और नहर ओवरफ्लो हो गई।
किसान नेताओं ने सिंचाई विभाग के अवर अभियंता (JE) अरविंद यादव के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने दावा किया था कि "नहर कहीं से कटी नहीं है और न ही ओवरफ्लो हुई है।" किसान नेताओं ने सवाल किया कि, "अगर नहर सही सलामत है, तो किसानों के खेतों में यह बाढ़ जैसा पानी कहां से आया? विभाग को इसका जवाब देना होगा।"
गेहूं की बुआई बर्बाद, आर्थिक संकट में किसान
किसानों ने बताया कि खाद, बीज और जुताई में हजारों रुपये खर्च करके उन्होंने गेहूं की बुआई की थी। अब फसल डूबने से न केवल लागत का नुकसान हुआ है, बल्कि आने वाले समय में अनाज का संकट भी खड़ा हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार, जिन नहरों में पानी आ रहा है, उनके तटबंध कमजोर होने के कारण टूट रहे हैं या सफाई के अभाव में ओवरफ्लो हो रहे हैं।
इन गांवों में हुआ भारी नुकसान
नहर के पानी ने केवल पेडरा ही नहीं, बल्कि आसपास के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। प्रभावित गांवों में मुख्य रूप से शामिल हैं:
पेडरा, शेरवा, इसरौली, पुरवा
कड़छा, अहिरीपुर, रसूलपुर, बस्ती
खानपुर, बिजौरा, मुहरिया, खंडवारी
इन किसानों की फसलें हुईं जलमग्न
ग्रामीणों के मुताबिक, पेडरा और दोस्तपुर गांव के कई किसानों की फसलें पूरी तरह डूब गई हैं। पीड़ित किसानों में चंद्रबली यादव, संतोष राय, आनंद सिंह, दुर्गा प्रसाद सिंह, दिनेश सिंह, जयराम राय, शिवानंद राय, भारत यादव, शंकर यादव, हरिलाल यादव, नान्हक चंद, टिल्ठू, अनिल, बलिराम और राम प्रसाद शामिल हैं।
मुआवजे और कार्रवाई की मांग
सोशलिस्ट किसान सभा ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही, दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर तत्काल कार्रवाई हो और पीड़ित किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाए।
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