राजस्थान: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक, नहीं थम रहा सिलसिला

राजस्थान: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक, नहीं थम रहा सिलसिला

सामान्य ज्ञान का पेपर लीक, अब अगले वर्ष 29 जनवरी को होगा पेपर.

जयपुर। राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2022 के तहत गत शनिवार लीक हुआ सामान्य ज्ञान का प्रश्न पत्र का अब अगले वर्ष 29 जनवरी को आयोजन होगा।

आयोग ने लीक हुए पेपर को फिर से कराने की अगली तारीख आगामी 29 जनवरी काऐलान कर दिया। आयोग की ओर से जारी नई तारीख में अब सामान्य ज्ञान की परीक्षा सी ग्रेड की अभ्यर्थियों के लिए 29 जनवरी को आयोजित की जाएगी।

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इधर, राजस्थान में पिछले कई सालों में हुई भर्ती परीक्षाओं में लगातार पेपर लीक के मामले सामने आ रहे है। सरकार हर भर्ती परीक्षा में फेल हो रही है। पेपर लीक गैंग बेरोजगारों के अरमानों पर पानी फेर रहा है। पुलिस ने चुनिंदा लोगों को पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार कर खानापूर्ति कर ली है, लेकिन बड़ी मछली अभी भी शिकंजे में नहीं आई है।

चलती बस में अभ्यर्थियों को रटवा रहे थे पेपर

वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में सामान्य ज्ञान की परीक्षा से पूर्व आरोपी चलती बस में 40 से अधिक अभ्यर्थियों को पेपर रटवा रहे थे। इसकी भनक लगते ही पुलिस ने घेराबंदी कर बस में सवार सभी आरोपियों को गिरफ्ताए कर लिया। इस सम्बंध में उदयपुर के बेकरिया थाने में दर्ज मामले में 45 व सुखेर थाने में दर्ज मामले में 10 लोगों को नामजद किया गया है। प्रारम्भिक जांच में पेपर लीक मामले में सरकारी शिक्षक, कोचिंग संचालक व विभाग से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका मुख्य रूप से सामने आई है। खास बात यह है कि पकड़े गए आरोपियों में अकेले जालोर जिले के 43 आरोपी हैं। इनमें जालोर की सांचोर तहसील क्षेत्र के 30 आरोपी हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते 10 वर्षों में पेपर लीक मामलों में जालोर जिले के आरोपी शामिल रहे हैं। यह भी जांच का विषय है कि आखिर जालोर का पेपर लीक से क्या कनेक्शन है।

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राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से राज्य सरकार सैकेंड ग्रेड शिक्षक के 9760 पदों पर भर्ती परीक्षा करवा रही है। अंग्रेजी विषय के 1668, गणित के 1613, संस्कृत के 1800, विज्ञान के 1565, सामाजिक विज्ञान के 1640, उर्दू के 106, पंजाबी के 70 व हिंदी के 1298 पदों पर भर्ती होनी है। इस बीच सामाजिक विज्ञान को परीक्षा से पूर्व ही पेपर लीक होने से हजारों अभ्यर्थी मायूस हो गए।

पेपर लीक के बाद परीक्षा रद्द करने का रिकार्ड

बीते कुछ वर्षों में राजस्थान में हर भर्ती परीक्षाओं का पेपर आउट होने के बाद परीक्षा रद्द हो रही है। अन्य प्रदेशों के मुकाबले इन दिनों राजस्थान पेपर आउट के नए रिकार्ड बना रहा है। हाल ही में सैकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 का सामान्य ज्ञान का प्रश्नपत्र लीक हुआ। परीक्षा रद् कर दी गई। इससे पूर्व बीते दिनों विद्युत निगम टेक्निकल हेल्पर भर्ती 2022 का पेपर लीक हुआ। छह परीक्षा केद्रों पर परीक्षा रद्द हुई।

सीएचओ भर्ती परीक्षा 2022 भर्ती होने के बाद पेपर लीक को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ। वनरक्षक भर्ती 2020 एक पारी का पेपर आया सोशल मीडिया पर। परीक्षा रद्द हुई। एसआई 2022 पेपर लीक करने के आरोप में 12 लोग गिरफ्तार हुए। हालांकि परीक्षा रद्द नहीं हुई। मेडिकल ऑफिसर भर्ती 2021 पहले दो बार ऑनलाइन परीक्षा कराई गई। गड़बड़ी के चलते फिर ऑफलाइन हुई परीक्षा। कांस्टेबल भर्ती 2022 में दूसरी पारी में पेपर लीक। पेपर रद्द कर दोबारा कराई परीक्षा। हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती 2022 परीक्षा के दौरान पेपर लीक। दोबारा हुई परीक्षा। लाइब्रेरियन भर्ती 2018 पेपर लीक के कारण 2019 में परीक्षा रद्द। जेईएन सिविल डिग्री 2018 पेपर आउट, 2020 में परीक्षा रद्द। रीट लेवल - 2 2021 सितंबर में परीक्षा के दौरान पेपर लीक, 4 महीने बाद परीक्षा हुई रद्द। कांस्टेबल भर्ती 2018 पेपर लीक परीक्षा रद्द हुई।

व्यवस्था में परिवर्तन जरूरी

सवाईमाधोपुर जिले के राजकीय पीजी कॉलेज से सेवानिवृत्त प्रोफेसर मधु मुकुल चतुर्वेदी ने द मूकनायक से कहा कि वर्तमान व्यवस्था में पेपर लीक होना आम बात हो गई है। पहले के मुकाबले अब पेपर आउट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं की परीक्षा से पहले पेपर आउट होना सरकार का फेलियर है। स्थानीय स्तर पर विश्व विद्यालयों व स्कूलों की परीक्षा भी बड़ी गोपनीयता के साथ कराई जाती है।

प्रश्नपत्रों को पूर्ण व्यवस्था के साथ स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। एक कमेटी होती है जो पेपर बाहर निकालती है। परीक्षा से जुड़े लोगों की नियत में ही खोट आ जाये तो वह कुछ भी कर सकते हैं। कहीं न कहीं गोपनीयता भंग होती है तब पेपर आउट होता है। एक सवाल के जवाब में चतुर्वेदी ने कहा कि व्यवस्था में सुधार होगा तो व्यक्ति भी सुधर जाएंगे। यह परीक्षाएं अब विश्वसनीय नहीं रही हैं। इसका खामियाजा युवा वर्ग भुगत रहा है।

बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। बेरोजगारी बड़ी समस्या है। वर्षो तक बड़ी उम्मीद से रोजगार की परीक्षा की तैयारी करते हैं। परीक्षा देकर बाहर निकलते ही पता चलता है कि पेपर आउट हो गया। सारी मेहनत बेकार हो गई। कइयों का इसी उम्मीद पर भविष्य टिका होता है। कई युवाओं की शादी रुकी रहती है। कई परिवारों को उम्मीद रहती है कि नौकरी लगेगी तो परिवार चलेगा। परीक्षा व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। व्यवस्था में परिवर्तन होना चाहिए। पेपर आउट मामले में छोटी मछलियां ही पकड़ में आती है। बड़े मगरमच्छ पकड़ में नहीं आते। जब तक मगरमच्छ पकड़ में नहीं आएंगे व्यवस्था में परिवर्तन की उम्मीद बेमानी है। बेरोजगार युवा यूं ही ठगा जाता रहेगा।

सरकार में इच्छाशक्ति की कमी

अल्पसंख्यक सेवा संघ प्रदेशाध्यक्ष जुल्फिकार खान ने द मूकनायक को बताता कि कोई भी परीक्षा सफलता पूर्वक सम्पन्न करवाना सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की इच्छा शक्ति की कमी है। खान ने आरोप लगाया कि ब्यूरोक्रेसी व सरकार की मिलीभगत से ही बार बार पेपर आउट हो रहे हैं।

द मूकनायक से कोचिंग संचालक आशा शर्मा ने कहा कि राजस्थान में पेपर लीक माफिया पनप गया है। इन्हें कहीं न कहीं सरकार का संरक्षण प्राप्त हो रहा है। बेरोजगार युवा परीक्षा की तैयारी करता है। रात दिन पढ़ाई करता है। परिवार को भी उम्मीद होती है, लेकिन पेपर माफिया सभी की उम्मीदों को तोड़ रहा है।

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