तमिलनाडु: पंचमी भूमि अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाने वाले दलित युवक पर जानलेवा हमला, NCSC निदेशक ने अस्पताल पहुंचकर जाना हाल

190 एकड़ जमीन बचाने की जंग: हाईकोर्ट के आदेश से बौखलाए मनबढ़ों ने याचिकाकर्ता को पीटा, NCSC ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
Dalit Lives Matter
Dalit Lives MatterPic- Scroll. in
Published on

मदुरै: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के निदेशक एस. रविवर्मन ने सोमवार को मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल (GRH) का दौरा किया। यहाँ उन्होंने उस दलित युवक से मुलाकात की, जिसे कथित तौर पर मनबढ़ों ने बेरहमी से पीटा था। पीड़ित युवक का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने मेलुर तालुक में ‘पंचमी भूमि’ पर हुए अवैध कब्जे को हटाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

क्या है पूरा मामला?

एस. मुथुराजा नामक याचिकाकर्ता ने मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खंडपीठ में एक मामला दायर किया था। उन्होंने अदालत को बताया कि मेलुर के कीरानूर पंचायत में लगभग 190 एकड़ पंचमी भूमि पर प्रभावशाली समुदाय के लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। मुथुराजा पेशे से अर्थ मूवर (Earth Mover) ऑपरेटर हैं।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने बीते 7 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाया और प्रशासन को अतिक्रमण हटाने व भूमि को बहाल करने का आदेश दिया। हालांकि, अदालत के इस आदेश के महज 10 दिन बाद ही याचिकाकर्ता को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी।

धारदार हथियारों से किया गया हमला

newindianexpress.com के हवाले से घटना को याद करते हुए अस्पताल में भर्ती मुथुराजा ने बताया, "मुझे कुछ महीने पहले पता चला कि दबंग समुदाय के लोग 190 एकड़ सुरक्षित पंचमी भूमि का उपयोग खेती और अन्य गतिविधियों के लिए कर रहे हैं। जब 7 नवंबर को कोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला दिया, तो वे बौखला गए और मुझे जान से मारने की धमकियां देने लगे।"

उन्होंने आगे बताया कि 18 नवंबर को मनबढ़ समुदाय के सदस्यों ने उन्हें घेर लिया। हमलावरों ने पहले उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और फिर धारदार हथियारों से उन पर टूट पड़े। इस हमले में मुथुराजा के हाथ में गंभीर चोटें आईं और उनका हाथ कटने की कगार पर पहुंच गया था। गनीमत रही कि स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर उन्हें बचा लिया और अस्पताल पहुँचाया।

मुआवजे और सुरक्षा का आश्वासन

सोमवार को अस्पताल पहुंचे NCSC निदेशक एस. रविवर्मन ने डॉक्टरों और अधिकारियों से मुथुराजा की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को पीड़ित की सुरक्षा, मुआवजा और पुनर्वास सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए।

रविवर्मन ने कहा, "पीड़ित के लिए मुआवजे की घोषणा अगले कुछ दिनों के भीतर कर दी जाएगी। यदि सर्जरी या चिकित्सा उपचार के बाद भी पीड़ित को किसी प्रकार की शारीरिक अक्षमता (Incapacitation) का सामना करना पड़ता है, तो उन्हें अतिरिक्त मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा।"

पुलिस की कार्रवाई

मेलुर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मनबढ़ समुदाय के 9 लोगों के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी जारी है।

Dalit Lives Matter
KIIT यूनिवर्सिटी में फिर छात्र की मौत: साल का तीसरा मामला; मां ने लड़की के परिवार पर लगाया प्रताड़ना का आरोप, कहा- 'वार्डन को आगाह किया था पर किसी ने नहीं सुनी'
Dalit Lives Matter
MP में निमाड़ के किसानों का खलघाट में आंदोलन: NH-52 जाम, MSP कर्जमाफी और निर्यात नीति में बदलाव की मांग!
Dalit Lives Matter
दिल्ली: अंबेडकर का मुखौटा पहन लिया 'संविधान बचाने' का संकल्प, रामलीला मैदान की रैली रद्द होने के बाद अंबेडकर भवन में जुटे हजारों लोग

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com