यूके में SC/ST छात्रों की छात्रवृत्ति देरी से आर्थिक संकट: सांसद चंद्र शेखर के पत्र में क्या हैं प्रमुख मांगे, जानिए पूरी डिटेल

नगीना सांसद ने बताया कि वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम (लंदन) में अध्ययनरत भारत सरकार की केंद्रीय एवं राज्य छात्रवृत्ति योजनाओं के अंतर्गत आने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (SC/ST) समुदाय के छात्र-छात्राओं की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। हाल ही में यह तथ्य सामने आया है कि बड़ी संख्या में छात्रों को 3-4 महीनों से छात्रवृत्ति की कोई भी किस्त प्राप्त नहीं हुई है, जबकि कई मामलों में केवल एक ही किस्त जारी की गई है।
यूके में जहां रहने-खाने का खर्च बेहद अधिक है, वहां छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से भोजन, आवास और कक्षाओं में उपस्थिति जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।
यूके में जहां रहने-खाने का खर्च बेहद अधिक है, वहां छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से भोजन, आवास और कक्षाओं में उपस्थिति जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।एआई निर्मित सांकेतिक चित्र
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नई दिल्ली- लंदन सहित यूके में अध्ययनरत अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) छात्रों को केंद्रीय राज्य छात्रवृत्ति की किस्तें समय पर न मिलने से गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है। इस मुद्दे को सांसद और एडवोकेट चंद्रशेखर आज़ाद ने गंभीरता से उठाते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने छात्रों की आर्थिक तंगी, आवासीय संकट और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों का जिक्र किया है।

नगीना सांसद ने बताया कि वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम (लंदन) में अध्ययनरत भारत सरकार की केंद्रीय एवं राज्य छात्रवृत्ति योजनाओं के अंतर्गत आने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (SC/ST) समुदाय के छात्र-छात्राओं की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। हाल ही में यह तथ्य सामने आया है कि बड़ी संख्या में छात्रों को 3-4 महीनों से छात्रवृत्ति की कोई भी किस्त प्राप्त नहीं हुई है, जबकि कई मामलों में केवल एक ही किस्त जारी की गई है। यूके जैसे महंगे देश में जीवनयापन की ऊंची लागत के कारण यह देरी छात्रों के लिए घातक साबित हो रही है।

सांसद चंद्र शेखर ने पत्र में विस्तार से बताया, "यूके में जहां रहने-खाने का खर्च बेहद अधिक है, वहां छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से भोजन, आवास और कक्षाओं में उपस्थिति जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। किताबें और अन्य शैक्षिक सामग्री के लिए भी पर्याप्त फंड नहीं बचा है। इससे छात्रों में अवसाद और मानसिक तनाव बढ़ रहा है।" उन्होंने सरकार के पिछले अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी देरी पहले भी कई बार हुई है, लेकिन अब तत्काल हस्तक्षेप जरूरी है।

चंद्र शेखर ने पत्र में छात्रवृत्ति भुगतान में देरी को तुरंत दूर करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने, भुगतान होने तक छात्रों की तात्कालिक मदद के लिए इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) का गठन करने , SC/ST छात्रों की विदेशी शिक्षा को सुनिश्चित करने हेतु पारदर्शी और समयबद्ध प्रक्रिया लागू करने की मांग की है। साथ ही विदेशों में अध्ययनरत छात्रों के लिए एक विशेष सहायता तंत्र/हेल्पलाइन स्थापित की भी मांग की है।

गौरतलब है कि SC/ST छात्रवृत्ति स्कीम (Post-Matric Scholarship for SC/ST Students Abroad) के तहत हजारों छात्र यूके, अमेरिका और अन्य देशों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बहुजन चिंतक मानते हैं कि इस देरी से न केवल छात्रों का शैक्षणिक सत्र प्रभावित हो रहा है, बल्कि सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

यूके में जहां रहने-खाने का खर्च बेहद अधिक है, वहां छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से भोजन, आवास और कक्षाओं में उपस्थिति जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।
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यूके में जहां रहने-खाने का खर्च बेहद अधिक है, वहां छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से भोजन, आवास और कक्षाओं में उपस्थिति जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।
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