मध्य प्रदेश: दलित महिला डिप्टी कलेक्टर से पुलिस ने की बदसलूकी, क्या है मामला?

इस्तीफा मंजूर कराने को निकाल रही न्याय यात्रा, भोपाल पहुंचने पर पुलिस ने समर्थकों सहित हिरासत में लिया.
मध्य प्रदेश: दलित महिला डिप्टी कलेक्टर से पुलिस ने की बदसलूकी, क्या है मामला?

भोपाल। दलित डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे इस्तीफा स्वीकार करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरी है, सोमवार को निशा बांगरे की न्याय पद यात्रा बैतूल से भोपाल पहुँची। बोर्ड ऑफिस चौराहे से जैसे ही वह आगे बढ़ी वहां भारी संख्या में मौजूद पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस ने जबरन उन्हें गाड़ी में बैठाने का प्रयास किया। पुलिस की खींचतान से उनके हाथों में डॉ. आंबेडकर की फोटो फ्रेम भी टूट गई। पुलिस ने उनके समर्थकों को घसीटते हुए पुलिस बैन में बंद कर दिया। इस दौरान उनके कपड़े भी फट गए।

इसी साल जून में डिप्टी कलेक्टर ने अपने पद का त्याग पत्र प्रमुख सचिव राजस्व विभाग को भेजा था। बांगरे ने अपने विभाग से बैतूल जिले के आमला स्थित अपने मकान के गृहप्रवेश और सर्वधर्म प्रार्थना सम्मेलन में शामिल होने के लिए छुट्टी मांगी थी, लेकिन विभाग ने छुट्टी देने से मना कर दिया। छुट्टी नहीं मिलने की वजह से निशा बांगरे ने इस्तीफा दे दिया था। लेकिन वह इस्तीफा सरकार ने मंजूर नहीं किया।

बांगरे ने पद से दिए इस्तीफा को मंजूर कराने के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। त्याग पत्र मंजूर करवाने के लिए आमला से भोपाल तक न्याय यात्रा शुरू कर दी। अपने हक अधिकारों की बात करते हुए हाथ में संविधान की किताब लिए हुई पैदल भोपाल तक यात्रा कर रही थीं।

सोमवार सुबह 11 बजे वह भोपाल के बोर्ड ऑफिस पहुँची यहाँ डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद सीएम हाउस की ओर आगे बढ़ी पुलिस ने उन्हें वाहन में बैठने को कहा, जिसके बाद निशा और उनके साथ मौजूद समर्थक सड़क पर बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के कपड़े फट गए। इस प्रदर्शन में कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, भोपाल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना भी शामिल हुए। पुलिस ने एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है।

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने कहा, 'मुझे सर्वधर्म प्रार्थना करने से रोका गया, इसलिए इस्तीफ़ा दिया है। मैं राजनीति में जाना चाहती हूं पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार मुझे रोकने का काम कर रही है। पुलिस ने उन्हें जब गिरफ्तार किया तो उनका आरोप था कि सरकार पुलिस को आगे कर रही है। मेरे कपड़े भाड़े गए बाबा साहब की तस्वीर तोड़ कर सरकार ने अपमान किया है।

कांग्रेस ने लगाए पुलिस पर आरोप

वहीं, कांग्रेस जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना ने पुलिस पर निशा बांगरे के कपड़े फाड़ने का आरोप लगाया है। बता दें, निशा तीन महीने पहले अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं, लेकिन शासन ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है।

बांगरे आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। इस्तीफा स्वीकार किये जाने की मांग को लेकर अब सड़क पर उतर आई हैं।

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