जानिए कौन हैं? DGP शत्रुजीत कपूर, जिनपर IPS वाई पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लग रहे हैं!

राज्य पुलिस विभाग पर लगे इन गंभीर आरोपों ने सरकार को भी मुश्किल में डाल दिया है। सूत्रों के अनुसार, हरियाणा सरकार जल्द ही शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजने का फैसला ले सकती है।
जानिए कौन हैं शत्रुजीत कपूर, जिनपर IPS
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नई दिल्ली। हरियाणा पुलिस के महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर इन दिनों सुर्खियों में हैं। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई आत्महत्या के बाद उन पर गंभीर आरोप लगे हैं। आत्महत्या से पहले कुमार ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कुछ अधिकारियों के नाम लिखे हैं। इन्हीं नामों में राज्य के डीजीपी शत्रुजीत कपूर का भी नाम बताया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

मंगलवार को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने अपने घर में कथित तौर पर खुद को गोली मार ली। कुमार अनुसूचित जाति समुदाय से आते थे और उन्होंने अपने सुसाइड नोट में पिछले कुछ वर्षों से चले आ रहे “मानसिक उत्पीड़न और अपमान” का जिक्र किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों ने उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण शिकायतें दर्ज कराईं और उन शिकायतों के आधार पर उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित और नीचा दिखाया गया। इससे उनकी प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा।

गुरुवार को कुमार के सुसाइड नोट में शामिल कुछ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में अब हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर का नाम चर्चा में है।

पत्नी ने की कार्रवाई की मांग

मृतक पुलिस अधिकारी की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलकर अपने पति को न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

अमनीत कुमार का कहना है कि उनके पति को जानबूझकर परेशान किया गया और जातिगत भेदभाव के तहत उनके साथ अन्याय किया गया।

कौन हैं शत्रुजीत कपूर?

शत्रुजीत कपूर हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी सख्त प्रशासनिक शैली और अनुशासनप्रिय छवि के कारण पुलिस सेवा में एक विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने 16 अगस्त 2023 को हरियाणा पुलिस के महानिदेशक (DGP) का पदभार संभाला था। वे 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और अपने तीन दशकों से अधिक लंबे करियर में उन्होंने राज्य और केंद्र, दोनों स्तरों पर कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

शत्रुजीत कपूर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई एनआईटी कुरुक्षेत्र से की, जिसके बाद उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रवेश किया। अपने करियर की शुरुआत से ही वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने और प्रशासनिक सुधारों के लिए जाने जाते रहे हैं। हरियाणा पुलिस में उन्होंने कई जिलों में बतौर एसपी और आईजी के रूप में कार्य किया, जहाँ उनके नेतृत्व में अपराध नियंत्रण और पुलिस की कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला।

कपूर हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक भी रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में एसीबी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाईयाँ कीं, जिससे उनकी सख्त और निष्पक्ष छवि और मजबूत हुई। इसके अलावा, वे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में भी अपनी सेवाएँ दे चुके हैं, जहाँ उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच में अहम भूमिका निभाई। सीबीआई में उनके कार्यकाल को पेशेवर दक्षता और निष्पक्ष जांच के लिए सराहा गया।

अब क्या कदम उठा सकती है सरकार

राज्य पुलिस विभाग पर लगे इन गंभीर आरोपों ने सरकार को भी मुश्किल में डाल दिया है। सूत्रों के अनुसार, हरियाणा सरकार जल्द ही शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजने का फैसला ले सकती है। संभावना है कि उनकी जगह कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति की जाए, ताकि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से हो सके।

जातिगत पहलू पर उठ रहे सवाल

कुमार के अनुसूचित जाति समुदाय से होने के कारण यह मामला जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न के दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। सामाजिक संगठनों ने इसे संविधान के अनुच्छेद 17 (अस्पृश्यता का अंत) और अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) से जुड़ा मुद्दा बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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