
नई दिल्ली/पलक्कड़: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को एक अहम बयान जारी करते हुए पलक्कड़ जिले के वालयार में हुई मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने पीड़ित राम नारायण बाकेल के परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया और कहा कि केरल जैसे प्रगतिशील समाज में इस तरह की बर्बरता के लिए कोई जगह नहीं है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि मामले की गहन जांच के लिए पलक्कड़ पुलिस अधीक्षक (SP) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया गया है। सीएम विजयन ने स्पष्ट किया, "वालयार में भीड़ के हमले में मारे गए राम नारायण बाकेल के परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
मुआवजे की समीक्षा और सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मामले की बारीकी से जांच की जाए, आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएं और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के विकल्पों की समीक्षा की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे कृत्य राज्य की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं और सभी को सतर्क रहना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
चोरी के शक में गई जान
यह पूरा मामला पलक्कड़ के वालयार से सामने आया है, जहां छत्तीसगढ़ के एक 31 वर्षीय दलित प्रवासी मजदूर, रामनारायण बघेल की भीड़ ने कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, इलाके में चोरी की एक घटना हुई थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने रामनारायण को गलती से चोर या बांग्लादेशी नागरिक समझ लिया और उन पर हमला कर दिया।
रोजी-रोटी की तलाश में आए थे रामनारायण
रामनारायण बघेल छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के करही गांव के रहने वाले थे। वे काम की तलाश में 13 दिसंबर को ही पलक्कड़ पहुंचे थे और एक निर्माण स्थल पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे थे। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे बेहद गरीब थे। रामनारायण अपने पीछे पत्नी ललिता और दो छोटे बेटों (उम्र लगभग 8 और 9 वर्ष) को छोड़ गए हैं, जिनका अब कोई सहारा नहीं है।
लाठियों से किया गया हमला
पुलिस के अनुसार, घटना वालयार के अट्टापल्लम ईस्ट इलाके की है। वहां निवासियों के एक समूह ने रामनारायण पर लाठियों से हमला कर दिया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। उन्हें बेहद नाजुक हालत में पलक्कड़ जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि अपनी मौत से पहले, रामनारायण ने अस्पताल के कर्मचारियों को बताया था कि भीड़ ने उन पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर हमला किया है।
त्रिशूर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला है कि सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर लगी गंभीर चोटों (blunt-force injuries) और अत्यधिक खून बहने के कारण उनकी मौत हुई।
पुलिस की कार्रवाई: 5 आरोपी गिरफ्तार
केरल पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अट्टापल्लम निवासी अनु (38), प्रसाद (34), मुरली (38), आनंदन (55) और बिपिन (30) के रूप में हुई है। इन सभी को स्थानीय अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस ने वालयार पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) के तहत मामला दर्ज किया है। जांच अधिकारी सीसीटीवी फुटेज, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और गवाहों के बयानों की जांच कर रहे हैं ताकि हमले में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके।
घटना के बाद इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस ने मृतक के आधार कार्ड के जरिए उनकी पहचान की पुष्टि की और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों को इस दुखद घटना की सूचना दे दी है।
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