
कोझिकोड: केरल के कोझिकोड जिले में एक निवर्तमान पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक "शुद्धिकरण अनुष्ठान" किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पेराम्ब्रा स्थित चंगरोथ पंचायत कार्यालय के सामने हुई इस घटना को लेकर केरल राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने कोझिकोड जिला पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया है कि वह मामले की जांच कर 10 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपें।
आरोप है कि निवर्तमान पंचायत अध्यक्ष उन्नी वेंजेरी, जो दलित समुदाय से आते हैं, को अपमानित करने के उद्देश्य से यह कृत्य किया गया।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंगरोथ पंचायत कार्यालय के बाहर गोबर का पानी छिड़के जाने और एक विशेष अनुष्ठान किए जाने की बात सामने आई है। इसे दलित समुदाय से आने वाले अध्यक्ष के अपमान के तौर पर देखा जा रहा है। आयोग की अध्यक्ष ने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया है कि शिकायत के आधार पर तत्काल मामला दर्ज किया जाए, निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।
पुलिस और विपक्ष का तर्क
पेराम्ब्रा पुलिस ने जानकारी दी कि सोमवार को चुनावी जीत के जश्न के दौरान यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पंचायत कार्यालय के बाहर पानी छिड़का और झाड़ू लगाकर सफाई की। पुलिस का कहना है, "अभी तक इस घटना के संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, इसलिए केस दर्ज नहीं हुआ है।"
दूसरी ओर, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेताओं ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उनकी दलील है कि युवाओं ने पानी और झाड़ू का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक रूप से किया था। उनका मकसद यह संदेश देना था कि वे पंचायत से भ्रष्टाचार की गंदगी साफ कर रहे हैं, न कि किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाना।
जातिगत अपमान का आरोप
निवर्तमान अध्यक्ष उन्नी वेंजेरी ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और इसके पीछे आईयूएमएल (IUML) कार्यकर्ताओं का हाथ बताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि यूडीएफ ने एलडीएफ (LDF) से तीन अन्य पंचायतें भी जीती हैं, लेकिन वहां ऐसा कोई जश्न या रस्म नहीं देखी गई। वेंजेरी के मुताबिक, चंगरोथ में यह घटना इसलिए हुई क्योंकि वह एक दलित अध्यक्ष थे।
भावुक होते हुए वेंजेरी ने कहा, "अगर कोई इसे जातिगत अपमान के रूप में देखता है, तो क्या उन्हें गलत ठहराया जा सकता है?" उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में एलडीएफ के शासन में पंचायत ने सभी को साथ लेकर काम किया था, लेकिन आईयूएमएल ने एक खास एजेंडे के तहत यह हरकत की है।
सड़कों पर उतरा विरोध
इस घटना ने जिले में राजनीतिक विरोध को हवा दे दी है। सीपीएम (CPM) की युवा शाखा, डीवाईएफआई (DYFI) ने मंगलवार को चंगरोथ पंचायत कार्यालय तक मार्च निकालकर इस कृत्य की कड़ी निंदा की। पुलिस के अनुसार, यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है। वहीं, लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) ने भी घोषणा की है कि वे इस मुद्दे पर एक और विरोध मार्च निकालेंगे।
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