कन्नौज: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के एक गांव में रविवार की दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जहाँ पुलिस के डर से एक 16 वर्षीय दलित किशोर नदी में कूद गया। आशंका जताई जा रही है कि किशोर नदी में डूब गया है। यह दुखद हादसा तब हुआ जब पुलिस की एक टीम उसके बड़े भाई की तलाश में उनके घर पहुंची थी, जो अपहरण के एक मामले में वांछित है।
इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। कन्नौज के पुलिस अधीक्षक (SP) विनोद कुमार ने जानकारी दी कि निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में एक सब-इंस्पेक्टर, एक स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) और एक कांस्टेबल शामिल हैं।
नदी में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी
किशोर का पता लगाने के लिए काली नदी में एक व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में गोताखोरों के साथ-साथ राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम भी पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है। हालांकि, सोमवार शाम तक लड़के का कोई सुराग नहीं मिल सका था।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह मामला इसी साल जनवरी में एक 16 वर्षीय लड़की के अपहरण से जुड़ा है। अपहरण के मामले की जांच कर रहे सब-इंस्पेक्टर को पता चला कि लापता लड़की पिछले कुछ महीनों से एक युवक के संपर्क में थी, जिसका घर लड़की के आवास से लगभग 15 किलोमीटर दूर था।
रविवार दोपहर को, सब-इंस्पेक्टर एक कांस्टेबल के साथ उस युवक के घर पहुंचे। जब परिवार वालों ने बताया कि वह घर पर नहीं है, तो पुलिस अधिकारी पास के खेतों की ओर बढ़ गए, जहाँ युवक का छोटा भाई काम कर रहा था।
पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया, "आरोप है कि पुलिसकर्मियों को अपनी ओर आता देखकर छोटा भाई घबरा गया और भागने लगा। उसने खेत से कुछ ही दूरी पर बह रही काली नदी में छलांग लगा दी। शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है कि लड़के को यह डर था कि पुलिस उसे उसके बड़े भाई से जुड़े अपहरण के मामले में गिरफ्तार करने आई है।"
अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान में एक बड़ी चुनौती यह भी है कि काली नदी लगभग 40 किलोमीटर आगे जाकर गंगा नदी में मिल जाती है, जिससे खोज का दायरा काफी बढ़ गया है।
पीड़ित परिवार से मिले मंत्री, मदद का दिया आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही राज्य सरकार में मंत्री असीम अरुण और कानपुर के डीआईजी हरीश चंद्र गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने परिवार को आश्वासन दिया कि सरकार पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बाद में, मंत्री ने लड़के की मां से मिलकर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने परिवार को 5 बीघा जमीन का पट्टा, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक मकान, दोनों बच्चों के लिए बाल कल्याण योजना के तहत ₹2,500 प्रति माह और उनकी मां के लिए पेंशन देने का वादा किया है।
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