
भोपाल। मध्यप्रदेश के छतरपुर शहर में दलित युवक के साथ हुई बेरहमी भरी मारपीट का मामला सामने आने के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया है। यह घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत पंजाब नेशनल बैंक के सामने की बताई जा रही है, जहां युवक को जमीन पर गिराकर जूते-लातों से पीटा गया। इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज सोमवार को सामने आया, जिसने पुलिस कार्रवाई और कानून-व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
सामने आए सीसीटीवी वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक को पहले धक्का देकर जमीन पर गिराया गया, इसके बाद हमलावर उसके चेहरे पर जूते और लातों से लगातार वार करते हैं। वीडियो में हमलावर युवक के चेहरे पर चढ़ते हुए भी दिखाई दे रहे हैं, जिससे मारपीट की बर्बरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। आसपास मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे और किसी ने बीच-बचाव की हिम्मत नहीं की।
इस हमले में पीड़ित दलित युवक को गंभीर चोटें आई हैं। परिजनों और स्थानीय लोगों की मदद से उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार युवक को चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों में गहरी चोटें आई हैं और कुछ समय तक निगरानी में रखा जाएगा।
द मूकनायक से बातचीत में सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद सिंह दांगी ने बताया कि यह घटना 20 दिसंबर की है, जो दो दिन पुरानी है। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज अब दो दिन बाद सामने आया है, जिसके आधार पर पूरे मामले की दोबारा बारीकी से जांच की जा रही है। यदि जांच में अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आती है तो उनके खिलाफ भी नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीसीटीवी वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद पुलिस पर निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। सामाजिक संगठनों और दलित समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया है कि यदि वीडियो सामने न आता तो मामले की गंभीरता को कम करके दिखाया जा सकता था। लोगों की मांग है कि घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ भी सख्त धाराओं में कार्रवाई की जाए।
घटना दलित युवक के साथ हुई है, ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह केवल मारपीट नहीं, बल्कि जातिगत हिंसा का मामला है, जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
द मूकनायक से बातचीत में आजाद समाज पार्टी के नेता सुनील अस्तेय ने कहा कि भाजपा के राज में दलितों को लगातार निशाना बनाकर बेरहमी से पीटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन सरकार उन्हें रोकने में पूरी तरह विफल नजर आ रही है। उनकी मांग है कि इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि आगे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार दलितों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने में नाकाम रही, तो भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सुनील अस्तेय ने चेतावनी दी कि दलित समाज के सम्मान और सुरक्षा के लिए संगठन हर स्तर पर संघर्ष करेगा और अन्याय के खिलाफ चुप नहीं
पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पूरे घटनाक्रम की दोबारा जांच की जा रही है। यदि अन्य लोग भी इस हमले में शामिल पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी देख रही है कि घटना के पीछे कोई पुराना विवाद था या यह जातिगत द्वेष से जुड़ा मामला है।
शहर के व्यस्त इलाके में, बैंक के सामने इस तरह की घटना होना कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। दिनदहाड़े हुई इस मारपीट से आम लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ऐसी घटनाओं पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई ही भविष्य में अपराधियों को रोक सकती है।
फिलहाल पीड़ित युवक अस्पताल में भर्ती है और पुलिस जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद यह मामला अब सिर्फ एक मारपीट की घटना नहीं, बल्कि दलितों की सुरक्षा और न्याय से जुड़ा गंभीर सवाल बन गया है।
द मूकनायक से बातचीत में राज्य अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य और एससी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने कहा कि मध्यप्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। आए दिन कहीं न कहीं दलित युवकों के साथ मारपीट, अपमान और हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं, लेकिन सरकार इन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि कानून होने के बावजूद जमीनी स्तर पर उसका सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी घटनाओं से दलित समाज में डर और असुरक्षा का माहौल बन रहा है। सरकार केवल बयान देने तक सीमित है, जबकि जरूरत सख्त कार्रवाई और त्वरित न्याय की है। प्रदीप अहिरवार ने मांग की कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को सुरक्षा के साथ न्याय दिलाया जाए, ताकि समाज में कानून का भरोसा बना रहे।
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