राजस्थान: 20 दिन टार्चर के बाद दलित छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, 10 मांगो पर हुआ समझौता

परिजन व समाज के लोगों ने जताई हत्या की आशंका, पुलिस सुसाइड मानकर कर रही मामले की जांच
घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे परिजन व समाज के बीच कुल 10 मांगों पर समझौता हो गया है।
घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे परिजन व समाज के बीच कुल 10 मांगों पर समझौता हो गया है।

जयपुर। राजस्थान के कोटपूतली बहरोड़ जिले के नवोदय स्कूल में पढ़ने वाले दसवीं के छात्र का कथित तौर पर 20 दिन टार्चर किया गया था। छात्र की लाश क्लास रूम में पंखे के सहारे रस्सी से लटकती हुई मिली थी। परिजनों ने मामले में हत्या की आशंका जताई है। वहीं पुलिस सुसाइड का मामला मानकर जांच कर रही है। घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे परिजन व समाज के बीच कुल 10 मांगों पर समझौता हो गया है। दो आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। वहीं समझौते के रूप में दलित छात्र के पिता को नवोदय स्कूल में ही आउट सोर्सिंग पर रखने की मांग सहित 10 मांगों पर समझौता करार हुआ है।

जानिए क्या था पूरा मामला?

राजस्थान के कोटपूतली बहरोड़ जिले के पावटा स्थित नवोदय स्कूल का है। जानकारी के मुताबिक छात्र सचिन पुत्र बनवारी लाल जयपुर जिले के अमरसर थाना क्षेत्र के गांव हनुतपुरा का रहने वाला था। सचिन अनुसूचित जाति समाज का सदस्य था। वहीं नवोदय स्कूल में दसवीं का छात्र था। वह स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। बीते 23 अगस्त को छात्र ने कथिततौर पर क्लास रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद मामला तूल पकड़ने लगा। इस घटना में कुल दस मांगो पर समझौता हुआ है।

जानिए क्या है दस मांगे?

- मृतक छात्र के शव का पोस्टमार्टम का परीक्षण मेडिकल बोर्ड से कराया जाएगा।

- घटना में नामजद दोनों आरोपी टीचर की गिरफ्तारी।

- नवोदय विद्यालय में मृतक के पिता को आउटसोर्सिंग पर संविदाकर्मी के रूप में रखा जाएगा।

- पीड़ित प्रतिकर निधि से मृतक परिवार को बैंक अकाउंट डिटेल व पासबुक देने पर अविलंब राशि हस्तांतरित की जाएगी।

- नवोदय विद्यालय प्रशासन से एक लाख रुपए की राशि एक्स ग्रेशिया तुरंत प्रदान की जाएगी।

- नामजद दोनों अध्यापकों को निलंबित करके डूंगरपुर और जैसलमेर मुख्यालय कर दिया गया है।

- पीएमआर और एफएसएल की रिपोर्ट आते ही प्रकरण का अनुसंधान पूर्ण कर लिया जाएगा।

- पीड़ित परिवार को आवश्यक सुरक्षा व संरक्षण पुलिस द्वारा प्रदान किया जाएगा।

- स्कूल के बच्चों को अनुसंधान के दौरान किसी भी प्रकार से डराया या धमकाया नहीं जाएगा। विद्यालय परिसर में ही बच्चों के बयान की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।

- पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए कलक्टर द्वारा राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

डिटेल में जानिए क्या थी घटना?

घटना की जानकारी देते हुए परिजनों ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "22 अगस्त की रात साढ़े 12 बजे सचिन पानी के लिए कमरे से बाहर गया था। इसके बाद वह वापस अपने रूम में नहीं लौटा। इसके बाद वह सीसीटीवी में हॉस्टल से बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया। सुबह साढ़े 6 बजे स्कूल की सफाई करने आई महिला कर्मचारी जैसे ही क्लास रूम में घुसी तो उसे सचिन का शव फंदे से लटका देखा। महिला कर्मचारी ने तुरंत हादसे के बारे में स्कूल प्रशासन को बताया। स्कूल प्रशासन मौके पर पहुंचा और प्रागपुरा थाने को सूचना दी।"

मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारा और परिवार वालों को सूचना दी। सुसाइड और मर्डर दोनों एंगल से पुलिस मामले की जांच कर रही है। छात्र के परिवार वालों ने स्कूल के दो टीचर पर सचिन को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि टीचर्स ने उसे इतना डांटा और डराया कि उसने सुसाइड कर लिया।

घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे परिजन व समाज के बीच कुल 10 मांगों पर समझौता हो गया है।
दसवीं के दलित छात्र को बीते 20 दिन से कथित तौर पर टार्चर कर रहे थे टीचर, क्लासरूम में लगा ली फांसी

सचिन के गांव के सत्यपाल ने बताया, "हिंदी के टीचर विवेक यादव और भूगोल के टीचर राजकुमार यादव सभी बच्चों को टॉर्चर करते थे। दोनों टीचर ने सचिन को भी प्रताड़ित किया था। सचिन से कहा था कि तेरे माता-पिता यहां आएंगे और हमारे चरणों में धोक देंगे। इसी वजह से सचिन ने सुसाइड कर लिया," सत्यपाल ने कहा, "नाम नहीं बताने की शर्त पर स्कूल के कुछ बच्चों ने बताया कि 20 दिन पहले सचिन ने किसी जूनियर बच्चे को डांट दिया था। स्कूल के टीचर्स ने सचिन को डांटा और कहा कि अगर ये बात पुलिस तक पहुंच जाएगी तो रैगिंग का केस बन जाएगा। तुम्हें स्कूल से निकाल दिया जाएगा। पुलिस पिटाई करेगी। इसके बाद सचिन ने माफी मांग ली थी। इसके अगले दिन स्कूल प्रशासन ने नियम बनाया कि किसी जूनियर स्टूडेंट के हॉस्टल में कोई सीनियर स्टूडेंट नहीं जाएगा। मंगलवार शाम सचिन को जूनियर बच्चों के हॉस्टल (6 से 8 तक के बच्चे रहते हैं) में देखा गया। वह हॉस्टल 20 मीटर दूर है। इसके बाद टीचर राजकुमार और विवेक ने उसे डांटा था।"

क्या कहते हैं पुलिस अफसर?

इस मामले में विराट नगर डीवाईएसपी बृजेश कुमार ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "प्रथम दृष्टया मामला सुसाइड का लग रहा है। स्कूल से हॉस्टल की दूरी करीब पांच सौ मीटर है। जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद परिजनों की रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"

क्या कहता है स्कूल प्रशासन?

इस मामले में नवोदय स्कूल पावटा प्रिंसिपल अजय अग्रवाल ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "घटना के बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। एक टीम का गठन किया गया है। अगर मामले में स्कूल के किसी भी शिक्षक का हाथ मिलता है या परिजनों के आरोप के सिद्ध होते हैं, तो आरोपियों को बक्शा नहीं जाएगा।"

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