मणिपुर हिंसा ग्राउंड रिपोर्ट: चश्मदीद का आरोप, BJP कार्यकर्ता ने घर की मेढ़ पर कुकी व्यक्ति की काटकर लगाई थी गर्दन!

कुकी समुदाय की आदिवासी संस्थाओं ने भी बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा हत्या किए जाने का दावा किया है। इसके साथ ही गांव वालों का आरोप है कि आरम्बाई टेंगोल और मैतई लीपुन को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का संरक्षण मिला हुआ है।
एक आरोपी की बीजेपी के कार्यक्रम के दौरान की ये तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल है
एक आरोपी की बीजेपी के कार्यक्रम के दौरान की ये तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हैसोशल मीडिया

चुराचांदपुर। मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक आदिवासी व्यक्ति की बीते 2 जुलाई को निर्मम हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उसका सिर काट कर गांव में घरों के बाहर मेढ़ पर लगा दिया गया। इस घटना का दिल दहला देने वाला वीडियो पूरी दुनिया में सुर्खियों में रहा था। द मूकनायक ने मणिपुर में ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान आदिवासी युवक की हत्या के चश्मदीद रहे युवक से बातचीत की। इसके साथ ही द मूकनायक के प्रतिनिधि ने उसके चाचा और गांव के अन्य लोगों से उस गांव में दो जुलाई को हुई घटना के बारे में जानकारी ली। इस घटना के लिए गांव सहित आदिवासी संस्थाएं आरम्बाई टेंगोल और मैतई लीपुन को इसका जिम्मेदार बताते हैं। घटना से जुड़े कई तस्वीरें भी जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें बीजेपी का एक कार्यकर्ता कथित तौर पर डेविड का सिर हाथ में लिए हुए है, जबकि दूसरे हाथ में छुरा है।

कुकी समुदाय की आदिवासी संस्थाओं ने भी बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा हत्या किए जाने का दावा किया है। इसके साथ ही गांव वालों का आरोप है कि आरम्बाई टेंगोल और मैतई लीपुन को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का संरक्षण मिला हुआ है। यही नहीं द मूकनायक प्रतिनिधि ने चुराचांदपुर के एक अधिकारी से भी बात की उन्होंने भी आरम्बाई टेंगोल को अराजकता फैलाने का जिम्मेदार बताया है। हालांकि डेविड की हत्या के मामले में चुराचांदपुर पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और अवैध हथियार रखने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। बाद में मामला बिष्णुपुर के कुंभी पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया। बिष्णुपुर पुलिस ने द मूकनायक को बताया कि जांच जारी है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

मृतक डेविड थीक हमर (30), निवासी लांग्ज़ा गांव चुराचांदपुर
मृतक डेविड थीक हमर (30), निवासी लांग्ज़ा गांव चुराचांदपुरफाइल चित्र

वह कौन था, जिसकी गर्दन काटी गई!

मणिपुर में चुराचांदपुर जिले में लंग्जा गांव है। जबकि इसका थाना क्षेत्र कुंभी है जो कि विष्णुपुर जिले में स्थित है। इसी गांव में डेविड हमर रहता था। घटना दो जुलाई की है। द मूकनायक प्रतिनिधि ने घटना के चश्मदीद रहे ललमून पोई से बातचीत की। ललमून पोई घटना को याद करके कहते हैं, "घटना दो जुलाई की सुबह चार बजे की है। चुराचांदपुर में दो मई को कुकी महिलाओं के साथ हुई घटना के बाद से सबकुछ बिगड़ता चला गया। पूरे राज्य में मैतई और कुकी समुदाय में टकराव शुरू हुआ। गांवों में भी देर रात हमले बढ़ रहे थे। इस लिए हम कुकी समुदाय के लोग अपने गांव की शिफ्ट बनाकर रखवाली करते थे। एक जुलाई की रात से सुबह मैं और डेविड अपने गांव की निगरानी कर रहे थे। सुबह हमारी शिफ्ट खत्म होनी थी। दो जुलाई 2023 की तड़के सुबह चार बजे हमारी शिफ्ट बदलने वाली थी। हम गांव की सीमा से अपने घर आ गए थे। इतने में मुझे अपने लोगों से जानकारी हुई कि पुलिस और आर्मी की ड्रेस में बड़ी संख्या में लोग हमारे गांव आ रहे थे। मुझे जानकारी देने वाले लोगों ने गांव से भाग जाने के लिए कहा। मैंने इसकी जानकारी डेविड को दी। हमने जल्दबाजी में अपना सामान समेटा और भागने लगे।”

द मूकनायक को डेविड थीक हमर की हत्या की घटना को बताते चश्मदीद और डेविड के दोस्त ललमून पोई
द मूकनायक को डेविड थीक हमर की हत्या की घटना को बताते चश्मदीद और डेविड के दोस्त ललमून पोईसत्यप्रकाश भारती, द मूकनायक

“उन लोगों ने हमें देख लिया। हम गांव से भाग रहे थे। लेकिन डेविड को उन्होंने पकड़ लिया। मैं स्कूटी से था जल्दबाजी में मैं मेरी गाड़ी फिसल गई और मैं वहीं गिर गया। उन लोगों से बचने के लिए मैं पास की ही झाड़ी में जाकर छिप गया। मैं सबकुछ देख रहा था। उन लोगों ने डेविड को पकड़ लिया था। वह उसे मारने लगे। वह उससे मेरे बारे में भी पूछ रहे थे,” एक साँस में ही ललमून पोई बताते चले गए।

‘डेविड का हाथ काटा और दूर फेंककर बोले उठाकर लाओ’

घटना की विभीषिका को द मूकनायक से साझा करते ललमून पोई बताते हैं, “उन्होंने डेविड को बुरी तरह असलहों के बट से पीटने के बाद पहले उसका एक हाथ काट दिया और उसे दूर फेंक दिया। वह जोर-जोर से हंसकर डेविड से कह रहे थे, 'तुम्हे तुम्हारा हाथ चाहिए तो जाओ उठाकर ले आओ', इसके बाद उन्होंने दूसरा हाथ भी काट दिया। मैं यह सब देखकर सहम गया था। मेरी आवाज निकलना बंद हो गई। इसके बाद उन्होंने डेविड के कई टुकड़े कर डाले और उसकी गर्दन घर के बाहर लगी लकड़ी की मेड़ पर लगा दी। और कहने लगे अब पता चलेगा यह डेविड का घर है। इसके बाद उन्होंने उसके घर में तोड़फोड़ कर घर को आग लगा दी। गांव के सभी लोग भागकर जंगल मे जान बचाने के लिए छिप गए थे। उन्होंने पूरे गांव को आग लगा दी। सबके घर जल गए। डेविड के शरीर के हिस्से भी बुरी तरह जल गए थे।"

डेविड का सिर जिस कपड़े से ढका गया था वह कपड़ा घटनास्थल पर पड़ा मिला था।
डेविड का सिर जिस कपड़े से ढका गया था वह कपड़ा घटनास्थल पर पड़ा मिला था।

इसी संदर्भ में डेविड के चाचा बुओनखावलियन ने द मूकनायक को बताया कि हत्या के दिन डेविड और अन्य वालंटियर बदमाशों और चोरों की तलाश के लिए गांव में रुके थे, उनके पास किसी भी प्रकार की सुरक्षा उपकरण नहीं थे।

डेविड के चाचा बुओनखावलीन ने घटना को उसके दोस्त की तरह ही दोहराते हुए द मूकनायक को बताते हैं, "जब वॉलंटियर्स के तौर पर गांव में पहरेदारी के बाद डेविड लौट रहा था तब भारी हथियारों के साथ आतंकवादियों ने धावा बोल दिया और पूरे गांव को घेर लिया। उन्होंने डेविड के साथ कुछ वॉलंटियर्स को पकड़ लिया और उनसे पूछा कि वे किस जनजाति के हैं। डेविड ने उत्तर दिया, 'मैं हमार हूं, जो चाहो करो', डेविड परिणाम भुगतने के लिए मानो तैयार ही था।"

डेविड के चाचा के मुताबिक, इसके तुरंत बाद भीड़ ने उसकी गर्दन को रस्सी से बांध दिया और उसे खेल के मैदान के पास एक मैदान में खींच लिया। उन्होंने उसकी दाहिनी आंख निकालकर उसे तकलीफ दी और फिर उसका दाहिना हाथ काट दिया और पूछा, 'क्या तुम्हें दूसरा हाथ चाहिए?' फिर उन्होंने उसका बायां हाथ भी काट दिया. उसे बंदूकों से खत्म करने के बजाय, उन्होंने उसे तकलीफें दीं, जैसे कि उनका दर्द देकर मन नहीं भरा हो, फिर उन्होंने उसके पैर भी काट दिए थे। उसका सिर काट दिया गया।

डेविड के घर से राख से निकली उसकी जली हुई हड्डियां.
डेविड के घर से राख से निकली उसकी जली हुई हड्डियां.

बुओनखावलीन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, "अपने जनजाति और समुदाय के प्रति हमारे बेटे की प्रतिबद्धताओं के बावजूद, उन्होंने उसे अमानवीय रूप से प्रताड़ित किया।"

डेविड के पिता लालखुमलीन, जो पहले स्ट्रोक से पीड़ित थे और अब विकलांग हैं, अपने बेटे की चौंकाने वाली मौत के बाद उनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब हो गई है।

डेविड फुटबॉलर बनने का था शौक

द मूकनायक ने डेविड के चाचा बुओनखावलीन से बातचीत की। उन्होंने बताया, "डेविड एक शानदार फुटबॉलर था। चुराचांदपुर जिले के लंग्जा गांव में ही पूरी पढ़ाई हुई। डेविड के पिता विकलांग है। डेविड दो भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। डेविड जब छह साल का था तब उसकी मां की मृत्यु हो गई थी। घर का पेट पालने के लिए डेविड 12वीं की पढ़ाई के बाद मुंबई चला गया था। वहां उसने एक रेस्तरां में काम किया। 2020 में कोविड के दौरान वह अपने विकलांग पिता की देखभाल के लिए लंग्जा वापस आ गया था। तब से वह घर पर ही रह रहा था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उसने अप्रैल में वापस मुंबई जाने का मन बनाया था। लेकिन 3 मई की घटना के बाद हालात बिगड़ गए। जिसमें उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।"

डेविड की हत्या के बाद कुकी समुदाय द्वारा बनाई उसकी तस्वीर दिखाता हुआ एक कुकी युवक
डेविड की हत्या के बाद कुकी समुदाय द्वारा बनाई उसकी तस्वीर दिखाता हुआ एक कुकी युवक सत्यप्रकाश भारती, द मूकनायक

उनके दोस्त ललमून पोई भी बताते हैं वह एक शानदार फुटबॉलर था। दोनों साथ में फुटबॉल खेलते थे। चुराचांदपुर के अलग-अलग गांवों में टूर्नामेंट के दौरान दोनों एक साथ खेलने जाते थे।

डेविड की हत्या के बाद उसके घर की मेड़ पर लगे सिर का वीडियो आग की तरह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। कुकी समुदाय की एक संस्था द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, डेविड का मस्तिष्क राख में जला हुआ मिला था। उसके सिर पर जो लाल पट्टी का कपड़ा ढका गया वह भी पास में पड़ा हुआ था। फोरेंसिक टीम ने डेविड के घर की राख में उसकी हड्डियां बरामद की हैं।

बीजेपी कार्यकर्ता की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल

डेविड की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर बीजेपी के कार्यकर्ता मोएरेमबाम रोमेश मंगंग की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। इसमें एक तस्वीर में वह हाथ मे छुरा लिए जबकि दूसरे हाथ में डेविड का सिर हाथ में लिए हुए हैं। दावा किया जा रहा है डेविड की हत्या करने वाला मोएरेमबाम रोमेश मंगंग ही है। उसके पहनावे और हुलिए से मिलती जुलती कई अन्य तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई। दावा यह भी किया जा रहा है वह बीजेपी विधायक का पीआरओ है। इस सम्बंध में द मूकनायक ने आईटीएलएफ (इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम) से बातचीत की। उन्होंने इस बात की पुष्टि की। इस सम्बंध में फोरम का कहना है यह सब तस्वीरें आरोपी के फेसबुक पर डाली गई थी। अब वह अकाउंट भी बन्द हो गया है। इन तस्वीरों को लेकर उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की। आईटीएलएफ ने बताया तब से आरोपी फ़रार चल रहा है। उसके नम्बर भी बन्द हैं।

डेविड के घर की राख से हड्डियां बटोरती फोरेंसिक और पुलिस टीम
डेविड के घर की राख से हड्डियां बटोरती फोरेंसिक और पुलिस टीम

डेविड के चाचा बॉनखावलीन ने दो जुलाई को चुराचांदपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया है कि डेविड के शरीर के हिस्सों को "टुकड़ों में काटकर जला दिया गया और उसका सिर बांस की बाड़ पर लटका दिया गया।" चुराचांदपुर पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और अनधिकृत हथियार रखने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। मामला बिष्णुपुर के कुंभी पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया। बिष्णुपुर पुलिस ने द मूकनायक से बातचीत के दौरान बताया कि जांच जारी है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।'

डेविड के चाचा ने संक्षिप्त में बताया, "यह सिर्फ डेविड के बारे में नहीं है. पूरे मणिपुर में आदिवासी उत्पीड़ित महसूस कर रहे हैं। मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण लगभग 200 लोग मारे गए हैं और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं।"

इस मामले में कथित तौर पर हत्या के आरोपी रोमेश ने द मूकनायक प्रतिनिधि से बात करते हुए बताया, "मुझ पर लगाये गए सभी आरोप बेबुनियाद है। सोशल मीडिया पर जो तस्वीरे वायरल हो रही हैं, वह मुझे फसाने के लिए बनाई गई हैं।"

रोमेश ने विधायक कुम्बी द्वारा दिये गए बयान पर द मूकनायक को बताया, "यह सब फंसाने की साजिश है। मेरा पीआरओ घटना के समय अन्य स्थान पर मौजूद था।"

मौत के आंकड़े क्या कहते हैं ?

आईटीएलएफ द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक मणिपुर में अब तक 126 कुकी समुदाय के लोगों की हत्या कर दी गई। इम्फाल शहर में 5 मई को दो महिलाओं के साथ गैंगरेप करके हत्या कर दी गई। जबकि कांग्कोपकी में 3 मई को दो महिलाओं को नग्न करके परेड कराई गई थी जिसके बाद उनके साथ गैंगरेप हुआ था। अब तक लगभग 113 कुकी समुदाय के घरों और दुकानों को जला दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मणिपुर सरकार ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट को दी एक रिपोर्ट में बताया कि पांच हजार से अधिक आगजनी और हिंसा की वारदातें हुई, 5995 एफआईआर दर्ज हुए , 6745 को हिरासत में लिया गया.

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