दसवीं के दलित छात्र को बीते 20 दिन से कथित तौर पर टार्चर कर रहे थे टीचर, क्लासरूम में लगा ली फांसी

दसवीं के दलित छात्र को बीते 20 दिन से कथित तौर पर टार्चर कर रहे थे टीचर, क्लासरूम में लगा ली फांसी

राजस्थान। कोटपूतली बहरोड़ जिले के नवोदय स्कूल में पढ़ने वाले दसवीं के छात्र का शव क्लास रूम में पंखे से लटका मिला। जानकारी के मुताबिक स्कूल के टीचर जातिवादी भेदभाव के कारण छात्र को पिछले 20 दिनों से टार्चर कर रहे थे। महिला सफाईकर्मी गत बुधवार सुबह जब क्लास रूम की सफाई करने पहुंची तो दृश्य देखकर उसकी चीख निकल गई। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

राजस्थान के कोटपूतली बहरोड़ जिले के पावटा स्थित नवोदय स्कूल का है। जानकारी के मुताबिक छात्र सचिन पुत्र बनवारी लाल जयपुर जिले के अमरसर थाना क्षेत्र के गांव हनुतपुरा का रहने वाला था। सचिन अनुसूचित जाति समाज का सदस्य था। सचिन प्रागपुर थाना क्षेत्र के पावटा स्थित नवोदय स्कूल में दसवीं का छात्र था। वह स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। घटना की जानकारी देते हुए परिजनों ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "22 अगस्त की रात 12:30 बजे वह पानी के लिए कमरे से बाहर गया था। इसके बाद वह वापस अपने रूम में नहीं लौटा। इसके बाद वह सीसीटीवी में हॉस्टल से बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया। सुबह साढ़े 6 बजे स्कूल की सफाई करने आई महिला कर्मचारी जैसे ही क्लास रूम में घुसी तो उसे सचिन का शव फंदे से लटका देखा। महिला कर्मचारी ने तुरंत हादसे के बारे में स्कूल प्रशासन को बताया। स्कूल प्रशासन मौके पर पहुंचा और प्रागपुरा थाने को सूचना दी।"

मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारा और परिवार वालों को सूचना दी। सुसाइड और मर्डर दोनों एंगल से पुलिस मामले की जांच कर रही है।

छात्र के परिवार वालों ने स्कूल के दो टीचर पर सचिन को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि टीचर्स ने उसे इतना डांटा और डराया कि उसने सुसाइड कर लिया।

घटना की जानकारी मिलने के बाद सचिन के सत्यपाल स्कूल पहुंचे थे। सत्यपाल ने बताया कि सचिन के पिता बनवारी लाल मजदूरी करते हैं। मां मानसिक रूप से बीमार है। सचिन के पिता मजदूरी करने गए हैं। उनके पास फोन नहीं है। इसलिए सूचना मिलने पर मैं स्कूल पहुंचा। सचिन से बड़ी दो बहने हैं और एक छोटा भाई है। सचिन शुरू से पढ़ने में बहुत तेज था। सचिन ने चार साल पहले 6वीं क्लास में नवोदय स्कूल में एडमिशन लिया था।

उन्होंने आगे बताया, "मुझसे स्कूल के बच्चों ने बताया है कि हिंदी के टीचर विवेक यादव और भूगोल के टीचर राजकुमार यादव सभी बच्चों को टॉर्चर करते हैं। दोनों टीचर ने सचिन को प्रताड़ित किया था। सचिन से कल कहा था कि तेरे माता-पिता यहां आएंगे और हमारे चरणों में धोक देंगे। इसी वजह से सचिन ने सुसाइड कर लिया। सत्यपाल ने कहा- नाम नहीं बताने की शर्त पर स्कूल के कुछ बच्चों ने बताया कि 20 दिन पहले सचिन ने किसी जूनियर बच्चे को डांट दिया था। स्कूल के टीचर्स ने सचिन को डांटा और कहा कि अगर ये बात पुलिस तक पहुंच जाएगी तो रैगिंग का केस बन जाएगा। तुम्हें स्कूल से निकाल दिया जाएगा। पुलिस पिटाई करेगी। इसके बाद सचिन ने माफी मांग ली थी। इसके अगले दिन स्कूल प्रशासन ने नियम बनाया कि किसी जूनियर स्टूडेंट के हॉस्टल में कोई सीनियर स्टूडेंट नहीं जाएगा। मंगलवार शाम सचिन को जूनियर बच्चों के हॉस्टल (6 से 8 तक के बच्चे रहते हैं) में देखा गया। वह हॉस्टल 20 मीटर दूर है। इसके बाद टीचर राजकुमार और विवेक ने उसे डांटा था।"

क्या कहते हैं पुलिस अफसर?

इस मामले में विराट नगर डीवाईएसपी बृजेश कुमार ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "सुबह 7:00 बजे नवोदय विद्यालय से छात्र की फांसी लगाने की सूचना मिली। प्रथम दृष्टया मामला सुसाइड का लग रहा है। स्कूल से हॉस्टल की दूरी करीब पांच सौ मीटर है। जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद परिजनों की रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"

क्या कहता है स्कूल प्रशासन?

इस मामले में नवोदय स्कूल पावटा के प्रिंसिपल अजय अग्रवाल ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "घटना के बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। जिस पर एक टीम का गठन किया गया है। अगर मामले में स्कूल के किसी भी शिक्षक का हाथ मिलता है या परिजनों के आरोप के सिद्ध होते हैं, तो उन्हें बक्शा नहीं जाएगा।"

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