भदोही: शौच के लिए गई दलित महिलाओं से छेड़छाड़, कोर्ट के आदेश पर दो युवकों पर SC/ST एक्ट में केस दर्ज

पुलिस ने नहीं दर्ज की थी FIR, पीड़ित ने लगाई अदालत से गुहार, अब SC/ST एक्ट में दो युवकों पर हुआ केस
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भदोही: उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में तालाब के किनारे शौच के लिए जाने वाली दलित महिलाओं के साथ घात लगाकर छेड़छाड़ करने का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। इस मामले में स्थानीय पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगने के बाद, पीड़ित पक्ष ने अदालत का रुख किया। अब एक स्थानीय अदालत के आदेश पर दो युवकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

पुलिस के अनुसार, यह घटना ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र की है। यहाँ के निवासी 60 वर्षीय राज बहादुर गौतम ने इस साल 23 अप्रैल को विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) अमित वर्मा की अदालत में एक याचिका दायर की थी।

गौतम ने अपनी याचिका में बताया था कि उनके घर के सामने एक तालाब है, जहाँ उनके परिवार के साथ-साथ आस-पड़ोस के कई घरों की महिलाएं और लड़कियाँ रात के समय शौच के लिए जाती हैं।

अंधेरे की आड़ में होती थी घिनौनी हरकत

याचिका में यह गंभीर आरोप लगाया गया कि रमेश बिंद और श्यामधर बिंद नाम के दो युवक अंधेरे की आड़ में तालाब के पास छिप जाते थे। जब महिलाएं वहां पहुँचतीं, तो वे उनके साथ छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें करते थे।

पीड़ित की पत्नी से भी की बदसलूकी

याचिकाकर्ता राज बहादुर गौतम ने आरोप लगाया कि 24 फरवरी की शाम को जब उनकी पत्नी शौच के लिए तालाब पर गईं, तो दोनों आरोपियों ने उनके साथ भी वही घिनौनी हरकतें कीं। जब उनकी पत्नी ने इसका कड़ा विरोध किया, तो आरोपियों ने न केवल उनके साथ अभद्रता की, बल्कि जातिसूचक गालियों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें वहां से भगा दिया।

घर लौटने पर महिला ने अपने पति को पूरी आपबीती सुनाई।

शिकायत करने पर पति को पीटा, पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप

ज्ञानपुर कोतवाली के एसएचओ मनोज कुमार ने बताया कि पत्नी की बात सुनने के बाद राज बहादुर गौतम आरोपियों से इस बारे में बात करने गए। आरोप है कि इस पर दोनों युवकों ने गौतम के साथ भी गाली-गलौज की और उनकी इतनी बुरी तरह पिटाई कर दी कि उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा।

पीड़ित गौतम का यह भी आरोप है कि जब उन्होंने इस पूरी घटना की शिकायत पुलिस से की, तो उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। पुलिस से न्याय न मिलने पर, उन्होंने मजबूर होकर अदालत का दरवाजा खटखटाया।

अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा

इस मामले में दलीलें सुनने के बाद, विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) अमित वर्मा ने 8 नवंबर को पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का स्पष्ट आदेश दिया।

पुलिस ने बताया कि अदालत के इस आदेश का पालन करते हुए, रविवार को ज्ञानपुर कोतवाली में दोनों आरोपियों—रमेश बिंद और श्यामधर बिंद—के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।

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