
भोपाल। संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा पंडितों पर दिए बयान के बाद देश भर में ब्राह्मणों में आक्रोश का माहौल है। आरएसएस की ओर से सफाई देने के बाद भी ब्राह्मणों की नाराजगी कम नहीं हो रही है। मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर के वरिष्ठ पुजारी और अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के संस्थापक महेश पुजारी और उपाध्यक्ष रूपेश मेहता ने संघ प्रमुख को पत्र लिखकर 3 प्रश्न किए हैं। इसके साथ ही ग्वालियर में वकीलों ने संघ प्रमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए तहरीर दी है।
दरअसल, उज्जैन महाकाल मंदिर के सबसे वरिष्ठ सदस्य महेश पुजारी और उपाध्यक्ष रुपेश मेहता ने पत्र लिखते हुए कहा कि संघ प्रमुख ने जो बयान पंडितों को लेकर दिया है, उससे देश के ब्राह्मणों और पुजारी-पुरोहितों को ठेस पहुंची है। भेजे गए पत्र में संघ प्रमुख से 3 सवाल भी पूछे गए हैं।
सवाल-1 त्रेतायुग में भगवान राम और रावण किस वर्ण और वंश के थे? शबरी और केवट किस वर्ण और वंश के थे? त्रेतायुग में वर्ण व्यवस्था किसने बनाई? प्रभु राम ने, रावण ने या शबरी या केवट ने संघ इसे स्पष्ट करे।
सवाल-2 द्वापरयुग में भगवान कृष्ण ने यदुवंश में जन्म लिया, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में जब स्वयं को वर्ण व्यवस्था का रचनाकार बताया है, तो ब्राह्मण समाज पर आरोप क्यों?
सवाल-3 महाकाल मंदिर के पुजारी ने संघ प्रमुख पर निशाना साधते हुए आरएसएस के अंदर की वर्ण व्यवस्था को निशाना बनाते हुए कहा कि यदि भागवत वर्ण व्यवस्था खत्म करना चाहते ही हैं तो पहले संघ और घटकों की वर्ण व्यवस्था को खत्म कीजिए। उन्हें आदेश निकालना चाहिए कि सभी सदस्य अपने लड़के-लड़कियों की शादी दलित और पिछड़ा वर्ग में करेंगे। जो इस वर्ण व्यवस्था में रहेगा वह संघ को छोड़ सकता है।
संघ प्रमुख के बयान के खिलाफ देश भर के पंडितों ने मोर्चा खोल दिया है। ग्वालियर की हिंदू महासभा द्वारा बयान वापस लेने की चेतावनी के बाद वहां के वकीलों ने भी मोहन भागवत के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। वकीलों की मांग है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जाति विशेष को भड़काने वाला बयान दिया है। जिससे देश में हिंसा फैल सकती है। इतने बड़े पद पर बैठे होने के बावजूद ऐसा बयान देना उचित नहीं है। वकीलों ने कहा कि अगर एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो कोर्ट में जाने के लिए हम स्वतंत्र हैं।
दरअसल, रविदास जयंती के मौके पर मोहन भागवत ने मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि जाति व्यवस्था भगवान की देन नहीं हैं, बल्कि जातियों का बंटवारा पंडितों ने किया था। भगवान के लिए तो सभी इंसान एक ही है। उन्होंने कहा कि समाज में जातियों में बांटने की वजह से ही देश में आक्रमण हुए थे, इसका बाहरी शक्तियों ने काफी फायदा उठाया। यदि हम एक होते तो कोई हमारी ओर आंख उठाकर नहीं देखता।
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