"जातियां पंडितों ने बनाई हैं"-RSS चीफ मोहन भागवत के बयान पर मचा घमासान, देखिए किसने क्या कहा ?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। भागवत ने कहा कि-"भगवान ने जातियां नहीं बनाई। जातियां पंडितों ने बनाई है।"
मोहन भागवत
मोहन भागवतPhoto : Times Now

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। भागवत ने कहा कि-"भगवान ने जातियां नहीं बनाई। जातियां पंडितों ने बनाई है।" इस बयान के बाद सियासत में भूचाल आ गया है। कई पार्टियों के नेता ने इस बयान की सराहना की है,जबकि कई ने भागवत को इस बयान पर घेर लिया है। कई हिंदूवादी संगठन इसे ब्राम्हणों का अपमान भी बता रहे हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला

महाराष्ट्र में मुंबई में मोहन भागवत संत शिरोमणि रोहिदास जयंती पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में वो विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल थे। यहां उन्होंने कहा, ‘मुझे संत रोहिदास पर बोलने का सौभाग्य मिला यह मेरे लिए खुशनसीबी है। संत रोहिदास और बाबासाहेब ने समाज में सामंजस्य स्थापित करने के लिए काम किया। देश और समाज के विकास के लिए जिन्होंने मार्ग दिखाया वो संत रोहिदास थे क्योंकि समाज को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लिए जो परंपरा की जरूरत थी वो इन्होंने दी है।

भागवत ने कहा हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आए लोगों ने फायदा उठाया। हिन्दू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता, आपको समझना होगा। हमारे आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा, या कोई अलग कैसे हो गया? उन्होंने कहा- भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं। उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था।

सन्त रविदास को तुलसीदास और सूरदास से ऊंचा कहा

मोहन भागवत ने कहा-"संत शिरोमणि रविदास, तुलसीदास, कबीर, सूरदास से ऊंचे थे, इसलिए संत शिरोमणि थे

संत रोहिदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके, लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिया कि भगवान हैं। पहले सत्य, करुणा, अंतर पवित्र, सतत परिश्रम और चेष्टा यह 4 मंत्र संत रोहिदास ने समाज को दिए। संत रोहिदास ने कहा- 'धर्म के अनुसार कर्म करो,पूरे समाज को जोड़ो, समाज की उन्नति के लिए काम करना- यही धर्म है।' सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही सिर्फ धर्म नहीं है।

मोहन भागवत के बयान पर विभिन्न पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रिया...

समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 'पंडितों' वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है। सपा नेता ने कहा, "जाति-व्यवस्था पंडितों (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिए आगे आएं।"

समाजवादी पार्टी के MLC बोले, 'यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवाएं। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नहीं है।

इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा, 'भगवान के सामने तो स्पष्ट कर रहे हैं। कृपया इसमें ये भी स्पष्ट कर दिया जाए कि इंसान के सामने जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है।'

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर तंज कसते हुए लिखा,”पंडितों को गाली देने की प्रतियोगिता में “भागवत” सबसे आगे निकल गए।”

यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिन्दू समाज में जाति व्यवस्था को लेकर दिए गए बयान को ‘‘हम लोग मार्गदर्शन मानते हैं।’’ मौर्य की गिनती अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के प्रमुख नेताओं में होती है। मौर्य ने संसद भवन परिसर में भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कहा, ‘‘मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक हूं और परमपूज्य सरसंघचालक जी जब कुछ कहते हैं तो एक स्वयंसेवक के नाते हमलोग मार्ग दर्शन मानते हैं।’’

उन्होंने हालांकि भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक उस पर टिप्पणी की बात है तो मैं पूज्य सरसंघचालक जी के किसी बयान पर टिप्पणी करूं, यह उचित नहीं है।’’

विपक्षी दलों के नेताओं ने भागवत के बयान के मद्देनजर आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाने पर लिया और कहा कि उनके बयान की झलक उनके संगठन और भाजपा सरकारों के कार्यों और उनकी कार्यसंस्कृति में दिखनी चाहिए। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने कहा, ‘‘मोहन भागवत जी का बयान सिर्फ बयान ही है।मजा तो तब आए जब उसमें मंशा दिखे, कार्रवाई में वह दिखे और कार्यशैली में दिखे। कार्यशैली में दिखता नहीं है। जातिगत जनगणना पर तो कुंडली मारकर बैठे हुए हैं।’’ उन्होंने भागवत से कहा कि वह ऐसी संस्कृति बहाल करें जिससे जातिगत अत्याचार और असमानता समाप्त हो। राजद नेता ने कहा, ‘‘असमानता के महासागर में आपने समृद्धि के पांच टापू बनाए हैं। उसमें एक टापू को हिंडनबर्ग थोड़ा एक्सपोज कर रहा है। इसको खत्म करिए।’’

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

Related Stories

No stories found.
The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com