
भोपाल। ब्राह्मण समाज की बेटियों से विवाह को लेकर टिप्पणी करने वाले अजाक्स के प्रांताध्यक्ष और वरिष्ठ IAS अधिकारी संतोष कुमार वर्मा पर अब राज्य सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। बुधवार देर रात सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने वर्मा को नोटिस जारी करते हुए साफ कहा है कि 23 नवंबर 2025 को अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में दिया गया उनका बयान भारतीय प्रशासनिक सेवा से अपेक्षित आचरण के विपरीत है। शासन ने इसे अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता और गंभीर कदाचार की श्रेणी में रखा है।
नोटिस में उल्लेख है कि वर्मा ने अपने वक्तव्य के जरिए अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियम, 1967 का उल्लंघन किया है और ऐसा कर वे स्वयं को अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन एवं अपील नियम, 1969 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई के दायरे में ले आए हैं। सरकार ने वर्मा से 7 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय में जवाब नहीं मिला तो एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
अधिवेशन में दिया था बयान, वीडियो वायरल होते ही विरोध तेज
अजाक्स का प्रांतीय अधिवेशन 23 नवंबर को भोपाल के अंबेडकर मैदान में हुआ था, जहां वरिष्ठ IAS संतोष वर्मा को प्रांताध्यक्ष चुना गया। इसी दौरान उनकी एक टिप्पणी सामने आई जिसमें उन्होंने कहा, “एक परिवार में एक व्यक्ति को आरक्षण तब तक देना चाहिए, जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता।”
इस बयान का वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर विरोध की लहर फैल गई। कई संगठनों, राजनीतिक नेताओं और महिलाओं ने इसे महिलाओं और जाति विशेष के प्रति अपमानजनक बताया। वहीं, विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन देने का सिलसिला भी तेज हो गया।
IAS अधिकारी के लिए क्या हैं आचरण नियम? क्यों बयान पर हुआ विवाद
पूरे विवाद को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि एक IAS अधिकारी के लिए नियम क्या कहते हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के आचरण नियमों के अनुसार:
1. पद की गरिमा बनाए रखना अनिवार्य: कोई भी अधिकारी ऐसा वक्तव्य नहीं दे सकता जो समाज में विभाजन, तनाव या जातीय टकराव उत्पन्न करे।
2. किसी वर्ग या महिला का अपमान वर्जित: महिलाओं, जाति या किसी समूह के प्रति अपमानजनक टिप्पणी स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन मानी जाती है।
3. सार्वजनिक मंच पर संयम अनिवार्य: भाषण, बयान या सोशल मीडिया, हर जगह निष्पक्षता और संवैधानिक जिम्मेदारी का पालन जरूरी है।
4. राजनीतिक या उत्तेजक टिप्पणी प्रतिबंधित: ऐसी टिप्पणी नहीं की जा सकती जो किसी वर्ग, समुदाय या राजनीतिक दिशा में प्रभाव डालने वाली हो।
5. “अनुचित प्रभाव” वाला वक्तव्य वर्जित: ऐसा बयान देना भी मना है जिससे सरकार की छवि धूमिल हो या समुदायों के बीच खाई और गहरी हो।
जब किसी अधिकारी के बयान पर शिकायत होती है, तो सरकार प्राथमिक जांच करती है, स्पष्टीकरण मांगा जाता है और आवश्यकता पड़ने पर शो-कॉज नोटिस या विभागीय जांच शुरू की जाती है।
घटना के बाद कई संगठनों और नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
बीजेपी के प्रदेश मंत्री लोकेंद्र पाराशर ने लिखा, “बेटी किसी की भी हो, सबकी बेटी पूज्य है। ऐसा निकृष्ट विचार रखने वाला अधिकारी समाज और सेवा, दोनों के योग्य नहीं है। इसे कानून और समाज दोनों से दंड मिलना चाहिए।”
इसी बीच राष्ट्रीय सनातन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवती प्रसाद शुक्ल ने तो वर्मा पर अत्यंत आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि उनका मुंह काला करने वाले को 51 हजार रुपये इनाम दिया जाएगा। समाज को बांटने वाला बयान बताते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
ब्राह्मण समाज ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन, महिलाएं भी हुईं शामिल
विवादित बयान के विरोध में अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने एमपी नगर थाने के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं, जो फरसा लेकर पहुंचीं और IAS वर्मा पर कठोर कार्रवाई की मांग की। समाज के प्रतिनिधियों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यह बयान पूरे समुदाय की गरिमा के खिलाफ है।
मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी संघ भी विरोध में, डिप्टी सीएम को सौंपा ज्ञापन
मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी संघ ने भी IAS वर्मा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित बताते हुए डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला को ज्ञापन सौंपा। संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि उच्च नैतिक पदों पर बैठे अधिकारी यदि ऐसी टिप्पणी करें तो यह बाकी कर्मचारियों के लिए गलत संदेश देता है।
अजाक्स के अध्यक्ष पद पर भी विवाद- मुकेश मौर्य की दावेदारी मजबूत
IAS वर्मा केवल बयान को लेकर ही विवादों में नहीं हैं, बल्कि अजाक्स के अध्यक्ष पद को लेकर भी खींचतान चल रही है। अजाक्स के दूसरे धड़े के नेता मुकेश मौर्य ने दावा किया है कि संघ का अध्यक्ष उन्हें चुना गया है और पूर्व अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया को आमसभा बुलाने का अधिकार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसाइटी में नए अध्यक्ष के रूप में मुकेश मौर्य के नाम पर पंजीयन भी हो चुका है।
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