मध्य प्रदेश: प्रतिवर्ष दो लाख युवा करा रहे बेरोजगारी पंजीयन, कैसे मिलेगा सब को रोजगार?

सरकार शासकीय स्थाई भर्तियों की जगह एजेंसी के माध्यम से कर रही आउटसोर्स भर्तियां।
मध्य प्रदेश: प्रतिवर्ष दो लाख युवा करा रहे बेरोजगारी पंजीयन, कैसे मिलेगा सब को रोजगार?

भोपाल। मध्य प्रदेश में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लाखों में शासकीय स्थाई पद रिक्त होने के बावजूद इनमें भर्ती नहीं हो पा रही है। मध्य प्रदेश रोजगार पोर्टल के मुताबिक अब तक 41 लाख से भी ज्यादा युवा रोजगार पंजीयन करा चुके हैं, लेकिन नौकरी का कोई अता-पता नहीं हैं.

यह सिर्फ शासकीय आंकड़ा है, जो युवाओं के पंजीयन के आधार पर है, लेकिन बेरोजगार युवाओं की संख्या करोड़ों में हैं। इसके बाद भी सरकार शासकीय स्थाई भर्तियों की जगह एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्स भर्तियां कर रही है।

मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2023 तक एक लाख युवाओं को शासकीय पदों पर नौकरी देने का ऐलान किया था। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 अगस्त 2022 को ऐलान किया था कि अगले एक साल में 1 लाख सरकारी पदों पर भर्ती होगी। उन्होंने 15 अगस्त 2023 तक का टारगेट भी फिक्स किया था। उनकी घोषणा के बाद अब तक 55 हजार पदों पर ही भर्ती निकाली गईं। परीक्षा हुई, लेकिन इनमें से करीब 35 हजार भर्ती परीक्षाओं का परिणाम आजतक घोषित ही नहीं हो पाया।

सालभर में 2 लाख नए पंजीयन

वर्तमान में रोजगार पोर्टल के मुताबिक 41,89,741 युवाओं का पंजीयन किया जा चुका है। वहीं यह आंकड़ा 2023 में 39 लाख के करीब था। यानि सिर्फ एक साल में ही दो लाख लोगों ने पंजीयन कराया है। जबकि एक सर्वे के मुताबिक शिक्षित बेरोजगारों की संख्या दो करोड़ के लगभग है।

आउटसोर्स से विभागों में भर्ती जारी

प्रदेश सरकार के उद्यमिता विकास केंद्र (सेडमैप) एवं एमपी कॉन लिमिटेड से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। इसके लिए सरकार ने भर्ती प्रक्रिया तैयार की है। पहले विभागों द्वारा रिक्त पदों की जानकारी विभाग के संचालक को भेजी जाती है। फिर संचालनायलय द्वारा पदों के आधार पर सेडमैप और एमपी कॉन लिमिटेड से कर्मचारियों की डिमांड की जाती है। यहां भी आवेदकों से उनकी पढ़ाई और इंटरव्यू के आधार पर मैरिट लिस्ट तैयार कर नियुक्त कर दिया जाता है। दोनों ही एजेंसियों की भर्ती प्रक्रिया में पूर्व में विवाद सामने आ चुके हैं।

भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी और अधिकारियों के रिश्तेदार, चहेतों को नौकरी देने का आरोप भी लग चुके हैं। इन एजेंसियों के माध्यम से स्थाई पदों पर अस्थाई भर्ती की जा रही है। आर्थिक विशेषज्ञ मानते है कि सरकार पर आर्थिक संकट है, कर्ज बढ़ रहा है। इसलिए शासकीय स्थाई भर्तियों की जगह आउटसोर्स से लोगों को भर्ती किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश एज्युकेटेड यूथ यूनियन के कोर कमेटी के सदस्य सचिन यादव ने द मूकनायक से बातचीत करते हुए कहा कि लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है। इसका कारण शासकीय पदों पर समय से भर्ती नहीं होना है। अभी फिर नई सरकार बनी है। हम उम्मीद करतें है कि युवाओं को नौकरी मिलें। सरकार ने प्रतिवर्ष 1 लाख लोगों को नौकरी देकर रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन अभी तक 2022 में आयोजित परीक्षाओं का रिजल्ट ही घोषित नहीं हुआ। पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ तो उसमें गड़बड़ी हो गई। जांच पूरी हो गई, लेकिन पास हुए कैंडिडेट्स को जॉब नहीं मिली। सरकार इस मामले में जल्द फैसला नहीं करेगी तो हमें मजबूरन सड़कों पर आना पड़ेगा।

पटवारी भर्ती के 9 हजार पद अटके

जून 2023 में जारी हुए पटवारी परीक्षा परिणाम में घोटाला सामने आया था। 30 जून को मध्य प्रदेश इंप्लॉइज सेलेक्शन बोर्ड ने एमपी पटवारी भर्ती परीक्षा 2023 के नतीजे जारी थे। इन नतीजों में टॉप करने वाले दस में से सात कैंडिडेट एक ही सेंटर के निकले। ये जानकारी सामने आने के बाद उम्मीदवारों ने सवाल उठाए और भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर शंका जाहिर की। मामला बढ़ने पर सरकार ने जांच समिति गठित कर नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। फिलहाल पटवारी परीक्षा के 9 हजार पदों पर चयन के बाद भी कैंडिडेट्स को जॉइनिंग नहीं मिल पाई।

विधानसभा सत्र में सरकार को घेरेगा विपक्ष!

प्रदेश में बढ़ रहे बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। फरवरी में होने वाले विधानसभा सत्र में विपक्ष शिक्षित बेरोजगार युवाओं के मुद्दे को उठाएगा। द मूकनायक से बातचीत करते हुए मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा की सरकार युवाओं को ठगते आ रही है। एक लाख नौकरियां प्रतिवर्ष देने का वादा सिर्फ जुमला है। न ही सरकार किसानों को धान का दाम दे रही है और न ही लाडली बहनों से किए गए वादे के अनुरूप तीन हजार रुपए प्रतिमाह दे रही है। सवाल शिक्षित बेरोजगारों का है तो हम निश्चित ही आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे पर सरकार से सवाल करेंगे।

इधर, द मूकनायक से बातचीत करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री गौतम टेंटवाल ने कहा कि हम धीरे-धीरे रिक्त पदों पर भर्ती कर रहे हैं। हमारी सरकार युवाओं को प्रशिक्षण देकर कौशल विकास के क्षेत्र में भी काम कर रही हैं। प्रशिक्षित युवाओं से अन्य बेरोजगार युवाओं को भी ट्रेनिंग दिलाकर रोजगार दिलाएंगे।

बजट का 26.47 प्रतिशत हो रहा खर्च

मध्य प्रदेश में करीब साढ़े सात लाख कर्मचारियों के अकेले वेतन-भत्ते को देखें तो वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक पचास हजार करोड़ रुपए से अधिक इस पर व्यय होंगे। जो बजट का 26.47 प्रतिशत होता है। वहीं, पेंशन पर बजट का लगभग दस प्रतिशत और ब्याज भुगतान पर 11.36 प्रतिशत व्यय अनुमानित है। यदि सरकार आगामी वित्तीय वर्ष में स्थाई कर्मचारियों की भर्ती करेंगी तो यह व्यय और बढ़ेगा।

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