द मूकनायक के उप संपादक अंकित पचौरी का IISER पुणे की फेलोशिप में चयन, क्लाईमेट चेंज और साइंस जर्नलिज्म की बारीकियां सीखी।

कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और अनुभवी पर्यावरण विज्ञान पत्रकारों ने संवादात्मक सत्र आयोजित किए। इन सत्रों का उद्देश्य पत्रकारों को यह समझाना था कि जटिल वैज्ञानिक विषयों को आम पाठकों तक सरल, स्पष्ट और विश्वसनीय भाषा में कैसे पहुँचाया जाए।
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पत्रकार अंकित पचौरी का IISER पुणे की फेलोशिप में चयनPhoto credit: Asif Khan- The Mooknayak
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नई दिल्ली। सामाजिक न्याय, पर्यावरण और हाशिए के समुदायों से जुड़े मुद्दों पर लगातार रिपोर्टिंग करने वाले द मूकनायक के उप संपादक अंकित पचौरी को भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) पुणे द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित वॉइस फेलोशिप के लिए चयनित किया गया। यह फेलोशिप 16 से 20 दिसंबर तक आयोजित पांच दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत दी गई, जिसमें देशभर से चयनित लगभग 40 पत्रकारों ने भाग लिया।

यह प्रशिक्षण IISER पुणे के ‘केयर प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य पत्रकारों को साइंस, पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज से जुड़ी रिपोर्टिंग के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण, डेटा आधारित समझ और आधुनिक पत्रकारिता टूल्स से लैस करना था।

देशभर के 40 पत्रकारों को मिला विशेष प्रशिक्षण

इस फेलोशिप में भारत के विभिन्न राज्यों से आए प्रिंट, डिजिटल और स्वतंत्र मीडिया से जुड़े पत्रकार शामिल हुए। प्रशिक्षण के दौरान जलवायु परिवर्तन के वैज्ञानिक आधार, मौसम और जलवायु में अंतर, डेटा जर्नलिज़्म, रिसर्च पेपर्स को समझने की तकनीक, फैक्ट-चेकिंग, विज़ुअलाइज़ेशन टूल्स और जमीनी रिपोर्टिंग को वैज्ञानिक तथ्यों से जोड़ने पर विशेष सत्र आयोजित किए गए।

हाल ही में अंकित पचौरी, ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कॉन्फ्रेंस मलेशिया में फेलो के रूप में शामिल हुए थे, अब IISER पुणे की वॉइस फेलोशिप में हुआ चयन
हाल ही में अंकित पचौरी, ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कॉन्फ्रेंस मलेशिया में फेलो के रूप में शामिल हुए थे, अब IISER पुणे की वॉइस फेलोशिप में हुआ चयन

कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और अनुभवी पर्यावरण विज्ञान पत्रकारों ने संवादात्मक सत्र आयोजित किए। इन सत्रों का उद्देश्य पत्रकारों को यह समझाना था कि जटिल वैज्ञानिक विषयों को आम पाठकों तक सरल, स्पष्ट और विश्वसनीय भाषा में कैसे पहुँचाया जाए। फेलोशिप के मेंटर वरिष्ठ पत्रकार निधि जामवाल और हिरदेश जोशी रहे। वहीं, केयर प्रोजेक्ट की प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. शालिनी शर्मा इस फेलोशिप की संयोजक रहीं।

अंकित पचौरी का भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) पुणे द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित वॉइस फेलोशिप में चयन
अंकित पचौरी का भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) पुणे द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित वॉइस फेलोशिप में चयनIISER PUNE

फेलोशिप को लेकर अंकित पचौरी ने बताया कि इस प्रशिक्षण ने उन्हें क्लाइमेट चेंज को केवल पर्यावरणीय संकट के रूप में नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य, आजीविका और संवैधानिक अधिकारों से जुड़े मुद्दे के रूप में देखने की समझ दी।

उन्होंने कहा कि साइंस पत्रकारिता में डेटा, रिसर्च और फील्ड रिपोर्टिंग के बीच संतुलन बनाना बेहद जरूरी है। इस फेलोशिप के दौरान उन्होंने ऐसे कई डिजिटल टूल्स और तकनीकें सीखीं, जिनसे जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को अधिक प्रभावी और प्रमाणिक ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है।

कौन हैं अंकित पचौरी?

अंकित पचौरी वर्तमान में द मूकनायक में उप संपादक के रूप में कार्यरत हैं। वे दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, पर्यावरण, क्लाइमेट चेंज और संवैधानिक मूल्यों से जुड़े मुद्दों पर निरंतर रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

मध्यप्रदेश के विभिन्न आदिवासी इलाकों में जाकर जमीनी स्तर पर की गई उनकी रिपोर्टिंग ने हाशिए के समुदायों की समस्याओं को राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बनाया है। पत्रकारिता के साथ-साथ वे फेलोशिप, वर्कशॉप और अध्ययन कार्यक्रमों के माध्यम से संवेदनशील और जिम्मेदार रिपोर्टिंग की समझ को लगातार मजबूत कर रहे हैं। हाल ही में अंकित, ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कॉन्फ्रेंस मलेशिया में फेलो के रूप में शामिल हुए थे।

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