
भोपाल। महात्मा ज्योतिबा फुले जैसे युगपुरुष, जिन्होंने शिक्षा, सामाजिक न्याय और समानता की नींव रखी, उनके सम्मान पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। स्वघोषित ‘संत’ आनंदस्वरूप और एक अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ता नेहा शर्मा द्वारा की गई अमर्यादित पोस्टों के विरोध में ओबीसी महासभा ने सोमवार को लहार थाने में ज्ञापन सौंपकर तत्काल FIR दर्ज करने की मांग की।
महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि 28 नवंबर को पूरे देश में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे। इसी दौरान, आनंदस्वरूप ने अपनी फेसबुक आईडी से अपमानजनक टिप्पणी करते हुए फुले को ‘हिंदू धर्मद्रोही’ और ‘वहिष्कृत’ बताया। इतना ही नहीं, उन्होंने “ज्योतिबा फुले मुर्दाबाद” लिखकर समाज सुधारक के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाली टिप्पणी की।
ओबीसी महासभा ने अपने शिकायती पत्र में कहा कि आनंदस्वरूप बीते कई महीनों से सोशल मीडिया पर अमर्यादित भाषा और उत्तेजक पोस्टों के माध्यम से सद्भाव बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। इसी क्रम में, फेसबुक आईडी ‘ब्राह्मण नेहा शर्मा’ से भी 28 नवंबर को फुले के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई, जिससे बहुजन समाज और फुले अनुयायियों में भारी रोष है।
ओबीसी महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष रूपेश यादव ने द मूकनायक से बातचीत में बताया कि फुले केवल ओबीसी समाज नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समाज के लिए समानता और शिक्षा के अग्रदूत रहे हैं। उनके विरुद्ध ऐसी भाषा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और यह कृत्य सामाजिक सौहार्द को पिघलाने का प्रयास है।
ओबीसी महासभा ने अपने ज्ञापन में साफ कहा है कि आनंदस्वरूप और नेहा शर्मा दोनों की फेसबुक आईडी की तुरंत जांच कर उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाएं, क्योंकि उनकी टिप्पणियाँ न केवल महात्मा फुले के सम्मान पर चोट करती हैं बल्कि समाज में अनावश्यक तनाव और वैमनस्य फैलाने का प्रयास भी करती हैं। संगठन का कहना है कि सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति महान संतों और समाज सुधारकों पर अमर्यादित टिप्पणी करने का दुस्साहस न कर सके। महासभा ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस समय पर कार्रवाई नहीं करती है, तो बहुजन समाज आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, और इसका सम्पूर्ण दायित्व प्रशासन पर होगा।
भिंड के लहार थाने में ज्ञापन सौंपने पहुंचे ओबीसी महासभा के पदाधिकारी और समाजसेवी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने महात्मा फुले के सम्मान की रक्षा करने और समाज में नफरत फैलाने वाले बयानों का विरोध दर्ज कराया।
ओबीसी महासभा ने कहा कि महात्मा फुले पर की गई टिप्पणी मात्र एक सोशल मीडिया पोस्ट नहीं, बल्कि बहुजन समाज के इतिहास, संघर्ष और आत्मसम्मान पर आघात है। ऐसे समय में प्रशासन की निष्क्रियता समाज में असंतोष को बढ़ा सकती है।
बहुजन समाज के नेताओं ने कहा कि महात्मा फुले ने दलित-वंचित समाज को शिक्षा का मार्ग दिखाया, स्त्रियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। उन पर अमर्यादित टिप्पणी किसी भी दृष्टि से बर्दाश्त नहीं की जा सकती। थाने में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने कहा- “यह सिर्फ एक व्यक्ति का अपमान नहीं, बल्कि हमारे पूरे समाज का अपमान है। प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी होगी।”
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