MP: नर्मदापुरम में दलित युवक की संदिग्ध मौत के बाद हाइवे पर शव रखकर किया प्रदर्शन, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप!

करीब एक घंटे तक चले तनाव के बाद अधिकारियों ने जांच का आश्वासन दिया, जिसके बाद परिजनों ने शव सड़क से हटाया। शाम करीब 6 बजे माखननगर में अंतिम संस्कार किया गया।
नर्मदापुरम में दलित युवक की संदिग्ध मौत के बाद हाइवे पर शव रखकर किया प्रदर्शन
नर्मदापुरम में दलित युवक की संदिग्ध मौत के बाद हाइवे पर शव रखकर किया प्रदर्शनInternet
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भोपाल। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के माखननगर में रविवार दोपहर उस समय तनाव की स्थिति बन गई, जब अनुसूचित जाति वर्ग के 28 वर्षीय युवक जितेंद्र अहिरवार की मौत के विरोध में परिजनों और समाजजनों ने माखननगर थाने के सामने शव रखकर नर्मदापुरम-पिपरिया स्टेट हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। परिजन मौत को साजिश बताते हुए हत्या की एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। करीब एक घंटे से अधिक समय तक चले इस विरोध प्रदर्शन के कारण हाईवे पर लंबा जाम लग गया।

दोपहर करीब 3 बजे से गुस्साए परिजन और समाज के लोग थाने के बाहर जमा होने लगे। जैसे ही एंबुलेंस से शव थाने के सामने लाया गया, परिजनों ने उसे सड़क पर रखकर बैठना शुरू किया। इस दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। लोगों का आरोप था कि जितेंद्र की मौत बाइक स्लिप नहीं, बल्कि मारपीट के कारण हुई है, और पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।

परिजनों ने आरोप लगाया कि राकेश सिन्हा और निहाल खान, जिनके साथ जितेंद्र काम करता था, वही उसे घायल अवस्था में लेकर आए थे और कहानी बनाई कि बाइक फिसल गई थी। परिजनों का कहना है कि मारपीट के कारण उसके सिर में गंभीर चोट आई, जिससे 15 दिन बाद उसकी मौत हो गई।

बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात

स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने फोर्स बढ़ा दी। सोहागपुर एसडीओपी संजू चौहान, थाना प्रभारी अनूप कुमार उइके और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने परिजनों से समझाइश की कोशिश की और कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कानूनी कार्रवाई संभव है। लेकिन परिजन तत्काल एफआईआर दर्ज करने पर अड़े रहे।

करीब एक घंटे तक चले तनाव के बाद अधिकारियों ने जांच का आश्वासन दिया, जिसके बाद परिजनों ने शव सड़क से हटाया। शाम करीब 6 बजे माखननगर में अंतिम संस्कार किया गया।

बाइक स्लिप की वजह से आई थी सिर में चोट

एसडीओपी संजू चौहान ने बताया कि हादसा 14 नवंबर को हुआ था। जितेंद्र, राकेश और निहाल तीनों शुक्करवाड़ा से माखननगर की ओर लौट रहे थे, तभी बाइक फिसलने से जितेंद्र के सिर में गहरी चोट आई। उसे पहले माखननगर, फिर नर्मदापुरम और बाद में भोपाल रेफर किया गया, जहां रविवार को उसकी मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद सभी पहलुओं की जांच की जाएगी और वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

एक दिन पहले हुआ था विवाद, इसलिए संदेह गहरा

मृतक के छोटे भाई मनीष अहिरवार ने बताया कि हादसे से एक दिन पहले 13 नवंबर को राकेश और निहाल के साथ घर में विवाद हुआ था। अगले ही दिन वही लोग उसे घायल अवस्था में लेकर आए।

मनीष का कहना है, “बाइक फिसलने पर केवल मेरे भाई को ही सिर में चोट आई, शरीर पर कहीं खरोंच तक नहीं। राकेश और निहाल को भी कोई चोट नहीं लगी। यह साफ बताता है कि मामला संदिग्ध है।” परिजनों ने आशंका जताई कि विवाद के बाद उसके साथ मारपीट की गई और दुर्घटना का बहाना बनाया गया।

जांच का आश्वासन

सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में चक्काजाम खुलवाना पुलिस के लिए चुनौती बन गया। आखिरकार अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि पोस्टमॉर्टम में चोटों की प्रकृति संदिग्ध पाई जाती है, तो हत्या या मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा। फिलहाल पुलिस मामले को अप्राकृतिक मृत्यु (मर्ग) के रूप में दर्ज कर जांच कर रही है।

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