उत्तर प्रदेशः बेटियों की शादी वाले घर में लगी आग, गृहस्थी के साथ जली खुशियां-ग्राउंड रिपोर्ट

एक ही घर में दो बेटियों की शादी के लिए रखे लाखों के गहने जलकर राख हो गए.
अपनी दोनों बेटियों और पत्नी के साथ शिवलोचन.
अपनी दोनों बेटियों और पत्नी के साथ शिवलोचन. तस्वीर- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

उत्तर प्रदेश। दो बेटियों की शादी के लिए सालों से जोड़कर रखी हुई खुशियां परिवार के आंखों के सामने ही जलकर राख में तब्दील हो गईं। अब घर में धुंए की गंध,जले हुए गहने और बर्तन ही बचे हैं। परिवार के पास खाने को अन्न नहीं है। परिवार को अब यह समझ नहीं आ रहा है कि वह करे तो आखिर क्या ? परिवार मन ही मन अग्निशमन विभाग को बद्दुआएं दे रहा है।

दरअसल, द मूकनायक की टीम कौशांबी जिले के कोखराज थाना इलाके के टीकरडीह गांव पहुंची थी। इस गांव में छह दलित परिवारों के घर शॉर्ट सर्किट के कारण राख में बदल गए। इन सभी परिवारों में सबसे बड़ी आफत शिवलोचन के घर पर आई है। शिवलोचन अपनी दो बेटियों की शादी की तैयारी में लगे हुए थे। एक लम्बे समय तक पैसा जोड़ने के बाद अपनी बेटियों को गहने से लादकर ससुराल भेजने की सोची थी। घर खुशियों से महक रहा था। 20 जुलाई को दोनों की शादी तय थी, लेकिन 3 मई 2024 को अचानक लगी आग ने घर में भरी इस खुशबु को धुंए की गंध और गहनों को रख में बदल दिया।

गांव में लगी आग के बाद का दृश्य.
गांव में लगी आग के बाद का दृश्य.तस्वीर- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

3 मई 2024 की घटना को याद करते हुए शिवलोचन द मूकनायक को बताते है-"शाम का चार बजा हुआ था। हरिश्चंद्र के घर के पीछे शॉट सर्किट से अचानक झोपडी आग के गोले में बदल गई। हवा के कारण उनके घर से आग की लपट और चिंगारियां हमारे घर के बाहर लगे छप्पर तक आ गई। हमारा छप्पर तेजी से जलने लगा।"

अग्निशमन विभाग को दी जानकारी,दो घंटे तक नहीं आई मदद

आग लगने से सभी बर्तन और गृहस्थी जल गई
आग लगने से सभी बर्तन और गृहस्थी जल गई तस्वीर- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

शिवलोचन बताते हैं-"हरिश्चंद्र के घर में लगी आग तेज हवा के कारण फैलती जा रही थी। गांव में शोर होने लगा मेरे घर के बाहर लगे छप्पर में भी आग पकड़ ली थी। सभी गांव वाले इकट्ठा होने लगे। सभी ने आग बुझाने की कोशिश की। इसके साथ ही हमने अग्निशमन विभाग को इसकी जानकारी दी, लेकिन दो घंटा बीत जाने के बाद भी कोई मदद नहीं आई।"

आग बुझाने में दोनों बेटियों के हाथ बुरी तरह झुलसे

अपना झुलसा हुआ हाथ दिखाती शिवलोचन की बेटी.
अपना झुलसा हुआ हाथ दिखाती शिवलोचन की बेटी. तस्वीर- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

"मैं और मेरा पूरा परिवार आग बुझाने का प्रयास कर रहा था। मेरे पूरे घर में धुंआ भर गया था।आग तेज होती जा रही थी। मेरे भैंस के तबेले में आग लग गई। देखते ही देखते आग तेज हो गई। हमारे छत के ऊपरी हिस्से में लगे छप्पर में पकड़ ली। इस आग को बुझाने में मेरी दोनों बेटियों का हाथ पूरी तरह जल गया। भैंस के ऊपर छप्पर का एक हिस्सा गिर गया इससे वह भी बुरी तरह जल गई।' शिवलोचन बताते हैं।

आग में जल गए शादी के लिए रखे गहने और नगद

जले हुए चांदी के गहने दिखाती शिवलोचन की पत्नी.
जले हुए चांदी के गहने दिखाती शिवलोचन की पत्नी.तस्वीर- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

शिवलोचन बताते हैं-'आग इतनी तेज हो गई थी कि मेरे घर के अंदरूनी भाग में घुस गई। धुंए के कारण हम घर के अंदर भी नहीं जा पा रहे थे। मैंने अपनी दोनों बेटियों की शादी के लिए चार लाख के सोने और चांदी के जेवर खरीद कर रखे हुए थे। इसके साथ ही शादी के खर्चों के लिए लोगों से उधार लेकर तीन लाख नगद लिया था। बेटियों के शादी के कपड़े भी अंदर थे। तेज आग में सब जलकर राख हो गए। अब कुछ गहने ही बचे हैं जो इस्तेमाल नहीं किये जा सकते हैं।"

घर में नहीं बचा अन्न का एक दाना

घर में आग लगने के बाद जला हुआ धान.
घर में आग लगने के बाद जला हुआ धान.तस्वीर- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

शिवलोचन बताते हैं- "घर के ऊपरी ताल पर मैंने अनाज रखा हुआ था। सोचा था उस अनाज से बेटियों की शादी में आने वाले रिश्तेदारों के लिए भोजन बन पायेगा,लेकिन अब कुछ भी नहीं बचा है। पूरा राशन जलकर राख हो गया।"

नगर पालिका ने की मदद

टीकरडीह गांव में 3 मई की देर शाम शार्टसर्किट से शिव लोचन, हरिश्चंद्र, राम लोचन, रोशन लाल, खेलावन, बृजेश पासी के घरों में भीषण आग लग गई थी। घटना में सभी पीड़ितों का लगभग पचास लाख रुपये का नुकसान हुआ। दूसरे दिन पीड़ितों को राहत पहुंचाने का काम नगर पालिका प्रशासन ने शुरू किया। पीड़ितों को राशन की किट मुहैया कराई गई।

किन्नर प्रमुख ने शादी का खर्चा उठाने की बात कही

किन्नर की प्रमुख मुस्कान ने अपनी टीम के साथ.
किन्नर की प्रमुख मुस्कान ने अपनी टीम के साथ.तस्वीर- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

किन्नर प्रमुख मुस्कान ने अपनी टीम के साथ पहुंच कर पीड़ित परिवार की हर सम्भव तत्काल मदद देने सहित खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ शादी में खर्चा भी उठाने की बात कही है।

इस मामले में ईओ ने द मूकनायक को बताया कि संबंधित लेखपाल द्वारा रिपोर्ट तैयारी की गई है, जिसे ऊपर भेजा जाएगा। ताकि सरकार की तरफ से हर सम्भव मदद पीड़ित परिवारों को दिलाया जा सके। वहीं इस मामले में एसडीएम सिराथू का कहना है रिपोर्ट तैयार हो चुकी है,डीबीटी के माध्यम से जल्दी ही आर्थिक सहायता भेजी जायेगी।

जांच के बाद ही हकीकत आएगी सामने

इस मामले में द मूकनायक ने पुलिस महानिदेशक फायर सर्विसेज अविनाश चौहान से बातचीत की। इस मामले में अविनाश चौहान का कहना है-'यह जांच का विषय है। गाड़ियां देर से क्यों पहुंची, इसकी जांच करवाई जायेगी। क्या गाडी क्षेत्र में मौजूद थी,जिसके कारण इतनी देरी हुई या किसी अन्य स्थान पर गई हुई थी। गर्मी में आग लगने के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं,ऐसे में कुछ भी कह पाना असम्भव है।'

यह होती है मुआवजे की प्रक्रिया

इस मामले में लखनऊ के एक लेखपाल बताते हैं-'घटना होने के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाती है। इस एफआईआर में आर्थिक नुक्सान के साथ ही जनहानि का भी जिक्र करना अनिवार्य है। जिसके बाद लेखपालों द्वारा इसकी मौके पर जाकर रिपोर्ट तैयार की जाती है। वस्तु के मूल्य का आंकलन किया जाता है। इसकी एक रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज दी जाती है। जिसके बाद जिओ के अनुसार राशि की प्रतिपूर्ति की जाती है। यह राशि पीड़ित परिवार के खातों में सीधे भेजी जाती है। कई मामलों में सीएम द्वारा जन हानि पर चार-चार लाख की आर्थिक मदद की घोषणा मुख्यमंत्री राहत कोष से भी की जाती है।'

एक लाख रुपए की मिलेगी सहायता

रबी सीजन में सबसे ज्यादा गेहूं की फसल उगाई जाती है। इस समय गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। हमारे देश में सबसे अधिक गेहूं की खेती उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और पंजाब में होती है। ऐसे में कई बार किसानों की फसल शॉर्ट सर्किट या हल्की सी चिंगारी से पलभर में जलकर राख हो जाती है। ऐसे में किसानों को गेहूं की तैयार फसल की देखभाल के साथ ही इसे आगजनी से भी बचाना जरूरी है।

इसके बाद भी कई ऐसी घटनाएं होती रही है जिसमें खेत में आग लगने पर किसान की फसल जल गई और उसे नुकसान हो गया लेकिन उसे फसल बीमा के तहत कोई सहायता नहीं मिली। ऐसे में मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना (Chief Minister Farm Barn Accident Assistance Scheme) किसानों के लिए राहत प्रदान करने वाली साबित हो रही है। इसमें किसान को एक लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जा सकती है।

आग से फसल नुकसान की भरपाई का क्या है नियम

यूपी सरकार की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत 2.5 एकड़ से कम भूमि वाले किसान को 15 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। वहीं 2.5 से 5 एकड़ तक भूमि वाले किसान को 20 हजार रुपए व 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान को 30 हजार रुपए मुआवजा दिया जाता है। मुआवजा किसान को उसकी फसल के नुकसान के आधार पर दिया जाता है। अधिक नुकसान होने पर किसान को एक लाख से अधिक का मुआवजा दिया जा सकता है।

किन फसलों के नुकसान पर मिलेगा मुआवजा

मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, मूंग, मसूर, राई आदि अनाज वाली फसलों को शामिल किया गया है जिसके अग्नि से हानि होने पर मुआवजा दिया जाएगा। वहीं गन्ने की फसल को अग्नि से नुकसान को इसमें शामिल नहीं किया है। ऐसे में गन्ना किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

योजना के लिए क्या है पात्रता और शर्तें

मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के लिए कुछ पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई है, योजना के लिए पात्रता और शर्तें इस प्रकार से हैं-आवेदक किसान उत्तर प्रदेश राज्य का स्थाई निवासी होना चाहिए, अन्य राज्य के किसान योजना के पात्र नहीं होंगे। इस योजना के तहत वही किसान पात्र होंगे जिनका अग्नि दुर्घटना से नुकसान हुआ है। अन्य वजह से फसल को नुकसान पहुंचने पर योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।

योजना में आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

योजना का लाभ लेने के लिए किसान को इसके लिए आवेदन करना होगा। आवेदन करते समय किसान के पास आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए। ऐसे में किसान को चाहिए कि योजना के लिए जरूरी दस्तावेजों को आवेदन करते समय अपने पास रखें ताकि आवेदन में कोई परेशानी नहीं हो। योजना में आवेदन के लिए जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार हैं-

  • आवेदन करने वाले किसान का फोटो.

  • आवेदक किसान का मोबाइल नंबर जो आधार सें लिंक हो.

  • दुर्घटनाग्रस्त स्थान का फोटो.

  • स्व प्रमाणित घोषणा-पत्र.

  • प्रतिभूमि का प्रारूप.

  • किसान के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान.

सहायता के लिए किसान कैसे करें आवेदन

मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना का लाभ लेने के लिए किसान को फसल में आग लगने पर 15 दिन के भीतर संबंधित कृषि उत्पादक मंडी समिति कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र जमा कराना होगा। इसी पत्र को आवेदन के तौर पर लिया जाता है। आवेदन फॉर्म के साथ ऑनलाइन अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज केवल (jpeg.jpg.gif.png) फाइल के रूप में ही अपलोड करने होते हैं। प्रार्थना पत्र में दस्तावेजों का साइज 100 केवी से अधिक नहीं होना चाहिए। आवेदन फॉर्म में नया व पासपोर्ट साइज फोटो ही अपलोड करना है जिसका साइज अधिकतम 50 केवी हो सकता है। फॉर्म के साथ स्वप्रमाणित घोषणा पत्र भी अपलोड करना होता है।

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