कार्यस्थल पर महिलाओं के शोषण की घटनाएं बढ़ी, क्यों नहीं लग रहा अंकुश?

कार्यस्थल पर महिलाओं के शोषण की घटनाएं बढ़ी, क्यों नहीं लग रहा अंकुश?

नई दिल्ली। लड़कियों व महिलाओं को हर जगह अपने आप को बचाकर रखना होता है चाहे घर हो या बाहर। आए दिन हम सुनते हैं कि किसी एकेडमी, शिक्षण संस्था या कला अकादमी में लड़कियों के साथ यौन शोषण हो रहा है। कार्यस्थल पर शारीरिक व मानसिक शोषण हो रहा है। कितनी लड़कियां तो इस बारे में बताते ही नहीं हैं। हाल की कुछ घटनाओं ने एक बार फिर महिला सुरक्षा के मुद्दे को बहस के केन्द्र में ला दिया है। आइए ऐसे ही कुछ मामलों के बारे में जानते हैं।

उत्तराखंड की प्रशिक्षु महिला क्रिकेट खिलाड़ियों ने क्रिकेट अकादमी के संचालक नरेंद्र शाह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। बीते दिनों नरेंद्र शाह की क्रिकेट अकादमी की एक खिलाड़ी का ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें खुद को नरेंद्र शाह बता रहा एक आदमी उस नाबालिग खिलाड़ी से अश्लील बातें करता हुआ सुना जा सकता है। शिकायत दर्ज कराने वाले तीन खिलाडि़यों में से एक नाबालिक खिलाड़ी भी है।

यह ऑडियो वायरल होने के बाद नरेंद्र शाह ने 24 मार्च की शाम विषाक्त पदार्थ खा लिया। उन्हें देहरादून मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था, जहां तबीयत ठीक होने के बाद भी नरेंद्र शाह कुछ न कुछ दिक्कत बताकर डिस्चार्ज होने से बचते रहे। चार अप्रैल को दून अस्पताल से शाह को ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया।

कार्यस्थल पर महिलाओं के शोषण की घटनाएं बढ़ी, क्यों नहीं लग रहा अंकुश?
जब हम महिलाएं स्कूल का नेतृत्व करने लगी तब...

गुरुवार रात को शाह को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके तुरंत बाद ही नेहरू कॉलोनी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले पर आरोपी की पत्नी ने अपने पति पर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह 20 साल पुरानी एकेडमी है जिसको नरेंद्र शाह और उनकी पत्नी मिलकर चलाते थे।

तमिलनाडु में भी कला केंद्र में हुआ था शोषण

ऐसा ही एक मामला चेन्नई की एक शिष्ट कला और संस्कृति अकादमी कला क्षेत्र फाउंडेशन में हुआ था। जहां पर छात्राएं कथित यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थी। यहां की छात्राओं से सालों से यौन शोषण हो रहा था। इसमें से ज्यादा लड़कियां नाबालिग थी। जो शिकायत करने से डरती थी। कुछ ही दिन पहले इन छात्राओं ने हिम्मत कर उन चार डांस शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। यहां की यौन उत्पीड़न की शिकायतें तब सामने आई जब पूर्व निदेशक लीला सैमसन ने पिछले दिसंबर में एक फेसबुक पर पोस्ट में लिखा था कि कैसे छात्र एक शिक्षक द्वारा उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं जो अपने पद का दुरुपयोग कर रहा है। इस पोस्ट में किसी का नाम नहीं लिया गया था। बाद में सैमसंग ने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था। छात्राओं का आरोप था कि, उन्होंने कला क्षेत्र में सालों तक यौन उत्पीड़न, बॉडी शेमिंग, मौखिक कब्जा और अपनी त्वचा के रंग के आधार पर भेदभाव का सामना किया था। उनका कलाक्षेत्र प्रशासन पर यह भी आरोप था कि, अकादमी उनके यथास्थिति के प्रति उदासीन और अनुत्तरदायी है। यौन उत्पीड़न की शिकार हुई न्याय की मांग करते हुए छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया था।

आखिर क्यों रो पड़ी थी पीटी उषा

इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की प्रमुख पीटी उषा को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा कि वे फूट-फूट कर रो पड़ीं। उड़न परी के नाम से मशहूर पीटी उषा के साथ ऐसा क्या हुआ जो वे इस कदर टूट पड़ीं। भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन की प्रेजिडेंट पीटी उषा ने आरोप लगाए थे कि उनके अकादमी में अवैध निर्माण हो रहे हैं। अकादमी में देशभर से बच्चियां आती हैं। ये उनकी सुरक्षा का मामला है।

महिला कोच भी सुरक्षित नहीं

किसी भी अकादमी में लड़कियां ही नहीं, यहां तक की सिखाने वाली महिला कोच भी यौन शोषण का शिकार बन जाती हैं। अभी कुछ दिन पहले ऐसा ही मामला सुर्खियों में बना हुआ था। हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर चंडीगढ़ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। संदीप सिंह पर महिला कोच ने छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। महिला कोच ने चंडीगढ़ के एसपी से मुलाकात कर खेल मंत्री के खिलाफ शिकायत दी थी। महिला कोच द्वारा की गई शिकायत के मामले में धारा 354, 354ए, 354बी, 342, 506 आईपीसी थाना सेक्टर 26, चंडीगढ़ के तहत मामला दर्ज कर हुआ था।

नेशनल एथलीट और हरियाणा में नियुक्त जूनियर कोच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खेल मंत्री संदीप सिंह पर संगीन आरोप लगाए थे। नेशनल एथलीट ने आरोप लगाया कि राज्य के खेल मंत्री संदीप सिंह ने उन्हें अपने सरकारी आवास में बुलाकर छेड़छाड़ की। पीड़िता ने आरोप लगाया कि संदीप सिंह ने इंस्टाग्राम के जरिए उससे कॉन्टैक्ट किया था। पीड़िता ने इनेलो नेता अभय चौटाला के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खेल मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता ने बताया था कि मुझे एक डॉक्यूमेंट के बहाने घर बुलाया। वहां वह मुझे अलग केबिन में लेकर गए और मेरे साथ बदतमीजी की। मेरे पैर पर हाथ रखा और मुझसे कहा कि तुम मुझे खुश रखो मैं तुम्हे खुश रखूंगा। पीड़िता ने बताया, मैं किसी तरह खुद को बचा कर भागी। स्टाफ मेरी हालत देख कर हंसता रहा। मैंने डीजीपी से लेकर सीएम ऑफिस में कॉल किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

आईपी कॉलेज में फेस्ट दौरान हुआ हंगामा

दिल्ली विश्वविद्यालय के आईपी कॉलेज में बीते मंगलवार को फेस्ट के दौरान एंट्री करने को लेकर खूब बवाल हुआ। छात्रों की भीड़ अचानक कॉलेज के गेट पर इकट्ठा हो गई और अंदर घुसने का प्रयास करने लगी। धक्की-मुक्की में कई छात्र एक-दूसरे के नीचे दबकर चोटिल हो गए। बात बढ़ी तो कॉलेज प्रशासन ने मामले की सूचना पुलिस को दे दी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने सख्ती बरतकर भीड़ को नियंत्रित किया। घायल छात्रों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। छात्राओं ने आरोप लगाया की कुछ छात्र कॉलेज की दीवार फांदकर भी अंदर दाखिल हुए। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। पुलिस ने मामले में एक्शन लेते हुए सरकारी आदेश के उल्लंघन और लापरवाही बरतने की वजह से चोट लगने का मामला दर्ज कर लिया है।

दब जाते हैं ज्यादातर मामले

हमारे समाज में शायद ही ऐसी कोई महिला होगी, जो यौन उत्पीड़न से परिचित नहीं होगी। कुछ महिलाएं आए दिन यौन उत्पीड़न से होकर गुजरती हैं। यौन उत्पीड़न के जितने केस हमारे समाज में सामने आते हैं, उससे कहीं ज्यादा केस सामने आने ही नहीं दिए जाते। यौन उत्पीड़न के मामले को अंदर ही दबा देने के कई कारण हैं, जिसमें समाज में बेइज्जती, कई साल न्याय पाने के लिए कोर्ट के चक्कर काटना या उत्पीड़न के बाद मिलने वाली धमकी। इन सभी कारणों से कई बार ये मामले दबा दिए जाते हैं। इस मामले को छुपाना ही उत्पीड़न को बढ़ाने का एक बड़ा कारण है।

क्या होता है यौन शोषण

देश में सेक्सुअल हैरेसमेंट के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के अलग-अलग राज्यों के दफ्तरों में महिलाओं के साथ यौन शोषण हो रहा है। सबसे बड़ी बात की यौन शोषण के लाख-दो लाख नहीं बल्कि पूरे 70.17 लाख मामले सामने आए हैं। कई बार तो लड़कियां ये समझ ही नहीं पातीं कि उनके साथ यौन उत्पीड़न यानी सेक्सुअल हैरेसमेंट हुआ है। सबसे पहले जान लीजिए सेक्सुअल हैरसमेंट यानी यौन उत्पीड़न होता क्या है। किसी भी तरह की सेक्सुअल एक्टिविटी जो बिना सहमति के हो वो सेक्सुअल हैरसमेंट कहलाती है। वैसे तो इस दायरे में लड़के-लड़कियां दोनों आते हैं, लेकिन अक्सर लड़कियों के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट ज्यादा देखा जाता है।

यौन उत्पीड़न में क्या-क्या शामिल

किसी लड़की को बिना उसकी मर्जी के गंदी नीयत से छूना, गंदे मैसेज भेजना, जबरदस्ती किस करना, गंदी बातें करना, लड़की को देखकर भद्दी टिप्पणी करना, सीटी बजाना, उसकी सेक्सुअल लाइफ के बारे में जानने की कोशिश करना और फोन पर या सामने उससे भद्दे मजाक करना ये सारी बातें सेक्सुअल हैरेसमेंट में आती हैं। हमारे देश में सेक्सुअल हरैसमेंट के जितने केस दर्ज होते हैं, उससे कहीं ज्यादा छुपाए जाते हैं। हालांकि पिछले कुछ समय में थोड़ा बदलाव जरूर आया है। कई महिलाएं इस तरह की घटनाओं के खिलाफ खुलकर सामने आती हैं। लेकिन ऐसे मामले बेहद कम होते हैं और वजह होती है इससे जुड़े कानून की जानकारी नहीं होना.

द मूकनायक ने यौन शोषण के मामले पर दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन आइसा की सचिव अंजलि से बात की। अंजलि ने बताया कि यौन शोषण की शिकायत करने के बाद भी तुरंत सजा नहीं मिलती हैं। उसके लिए भी लड़कियों को ही समझाया जाता है कि, अपने ढंग के कपड़े नहीं पहने होंगे, उनके चरित्र को लेकर भी पूछा जाता है और बहुत कुछ ऐसी बातें पूछी जाती हैं कि लड़कियां परेशान हो जाती हैं। यह तो एक सामाजिक समस्या है। जो पता नहीं कब खत्म होगी। आगे वह कहती हैं कि जिस तरह से हमें पाला पोसा जाता है। उस पालन पोषण में यही होता है कि, कहीं गलती मेरी तो नहीं थी ? कहीं मेरी तरफ से ही तो ज्यादा दोस्ती नहीं थी? यह हमारी परवरिश में ही डाला जाता है।

यह हमारे समाज की सोच है कि पीड़िता से ही सवाल किए जाते हैं। क्या वक्त था? किसके साथ थी? इन सवालों के घेरे से बचने के लिए ज्यादातर महिलाएं शोषण की शिकायत नहीं करती हैं। हर जगह पर इज्जत से जोड़ दिया जाता है। इसलिए एकेडमी या कोई भी संस्थान एवं शोषण के मामले को दबाने की कोशिश करता है।

वैल्यू एडिशन...सेक्सुअल हैरेसमेंट पर कानून

साल 2013 तक भारतीय संविधान की धारा 354 के तहत सेक्सुअल हैरेसमेंट के खिलाफ थाने में दर्ज शिकायत में आरोप सिद्ध होने पर आईपीसी की धारा के तहत एक साल से लेकर 5 साल की सजा हो सकती थी। चाहे मामला कोई भी हो. लेकिन 2013 के बाद इस कानून में संसोधन कर सेक्सुअल हैरेसमेंट को चार धाराओं में बांटा गया है। धारा- 354-A, धारा- 354-B, धारा- 354-C,धारा- 354-D.

धारा 354-A यौन उत्पीड़न

  • किसी महिला को गलत या दुर्भावनापूर्ण इरादे से छूना जिसमें स्पष्ट यौन प्रस्ताव शामिल हैं।

  • किसी महिला की सहमति के बिना जबरन अश्लील या सेक्सुअल सामग्री दिखाना।

  • मैथुन(सेक्स) के लिए मांग या अनुरोध.

  • किसी महिला पर अभद्र या कामुक टिप्पणियां करना।

धारा 354-A के तहत सजा

  • 1 से 3 वर्ष कठोर कारावास और जुर्माना।

  • यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

  • यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

धारा 354-B निर्वस्त्र करने के आशय से किसी स्त्री पर हमला या बल प्रयोग करना। जब कोई व्यक्ति किसी स्त्री को बलपूर्वक निर्वस्त्र होने के लिए मजबूर करता है या उसे निर्वस्त्र होने के लिए उकसाता है तो उसपर धारा 354-बी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। 

  • धारा 354-B के तहत सजा।

  • सजा - 3 से 7 वर्ष कठोर कारावास और जुर्माना।

  • यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

  • यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

धारा 354 C अश्लील वीडियो बनाना/तस्वीर लेना

जब किसी महिला का अश्लील वीडियो बनाया जाता है। इसके अलावा महिला के किसी प्राइवेट काम को पब्लिकली फैलाना भी इस धारा के तहत शामिल किया गया है। करता है तो उसपे धारा 354-सी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है।

  • धारा 354-C के तहत सजा।

  • पहली बार दोषी पाये जाने पर 1 से 3 वर्ष कारावास।

  • दूसरी बार दोषी पाये जाने पर 7 वर्ष कारावास और जुर्माना।

  • यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

  • यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

धारा 354-D पीछा करना

कोई व्यक्ति जो किसी स्त्री का पीछा किसी गलत इरादे से करता है या किसी के लिये करता है अथवा इंटरनेट, ई-मेल या इलेक्ट्रॉनिक संसूचना के माध्यम निगरानी करता है तो उसपे धारा 354-डी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है।

  • धारा 354-D के तहत सजा।

  • पहली बार दोषी पाये जाने पर 1 से 3 वर्ष कारावास। 

  • दूसरी बार दोषी पाये जाने पर 5 वर्ष कारावास और जुर्माना।

  • यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

  • यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

Related Stories

No stories found.
The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com