MP: BPL कार्ड नहीं बनाया, पिटाई की, अब धोखे से राजीनामे पर हस्ताक्षर! जानिए क्या है मामला?

रामखिरिया ग्राम निवासी पूजा बर्मन राशन कार्ड बनवाने के लिए एक महीने से चक्कर लगा रही थी। महिला ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की । पूजा के मुताबिक तहसील के कर्मचारी शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे थे। तहसीलदार ने मारपीट की थी।
शहपुरा तहसीलदार कार्यालय.
शहपुरा तहसीलदार कार्यालय.The Mooknayak

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) की शहपुरा तहसील में तहसीलदार और दंपति के बीच हुए विवाद में अब पीड़ित दंपति ने पटवारी पर धोखे से राजीनामे पर हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया है। पीड़ित का कहना है कि पटवारी ने उनके गांव में जाकर धोखे से राजीनामे पर हस्ताक्षर ले लिए और उन्हें बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) के राशन कार्ड के लिए अपात्र बता दिया।

आप को बता दें, शहपुरा तहसील में पदस्थ तहसीलदार रविंद्र सिंह पटेल पर एक महिला ने बंद कमरे में मारपीट करने और मोबाइल तोड़ने के आरोप लगाए थे, जिसके बाद कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने मामले का संज्ञान लिया और तहसीलदार से जानकारी मांगी. बताया गया कि जिस महिला और उसके पति ने तहसीलदार पर मोबाइल तोड़ने और बंद कमरे में मारपीट का आरोप लगाया था, वह बीपीएल कार्ड के लिए अपात्र थी।

कलेक्टर के निर्देश के बाद गत रविवार को पटवारी, आरआई, सरपंच, सचिव की एक टीम राशन कार्ड के आवेदन पर जांच करने पीड़ित दंपति बालकिशन बर्मन के घर पहुँची थी, जहां जांच के बाद रिपोर्ट बनाकर एसडीएम को सौंपी गई है। 

पीड़ित दंपति का आरोप है कि पटवारी ने उनसे राजीनामा पर धोखे से हस्ताक्षर करा लिए। द मूकनायक से बालकिशन ने कहा- " पटवारी अनंत गुर्जर हमारे गाँव रमखिरिया आए थे। उन्होंने कहा कि राशनकार्ड बनाने की कार्यवाही कर रहे है, इन कागजों पर हस्ताक्षर चाहिए। हम पढ़े-लिखे नहीं हैं। पटवारी ने बताया राशनकार्ड संबंधी कागज हैं और हम दोनों से धोखे से राजीनामा पर हस्ताक्षर करवा लिए।"

सरपंच, सचिव व पटवारी ने अपनी जांच में पाया कि पूजा बर्मन और उनके पति बालकिशन के पास मोबाइल, मोटरसाइकिल है, इसलिए वह राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं है। द मूकनायक से तहसीलदार रविन्द्र सिंह पटेल ने बताया कि नियमानुसार उक्त परिवार गरीबी रेखा की सूची में शामिल किए जाने का पात्र नहीं है। 

शहपुरा तहसीलदार कार्यालय.
शहपुरा तहसीलदार कार्यालय.The Mooknayak

एसडीएम के निर्देश के बाद टीम का गठन किया गया था, जिसे रामखिरिया गाँव भेज कर जांच कराई गई। शासन के गरीबी रेखा के नियम के अनुसार पात्रता के लिए 14 अंक होने चाहिए लेकिन बर्मन परिवार को जांच में 22 अंक मिले है। यह परिवार बीपीएल सूची में शामिल करने का पात्र नहीं है। तहसीलदार रविन्द्र पटेल ने कहा- "मुझ पर लगाएं गए सारे आरोप निराधार है, मैंने कोई मारपीट नहीं की। तहसीलदार कार्यालय में बहुत भीड़-भाड़ रहती है, ऐसी घटना हुई होती तो वहां मौजूद लोगों ने देखी होती।" 

यह है पूरा मामला

रामखिरिया ग्राम निवासी पूजा बर्मन राशन कार्ड बनवाने के लिए एक महीने से चक्कर लगा रही थी। महिला ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की थी। पूजा के मुताबिक तहसील के कर्मचारी शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे थे। शुक्रवार को राशनकार्ड की शिकायत लेकर दंपति तहसीलदार के कार्यालय गए थे, और जब दंपति ने तहसीलदार से राशनकार्ड बनाने को कहा तो वे भड़क गए। 

इसके बाद तहसीलदार ने केबिन का दरवाजा बन्द कर दोनों से मारपीट की और मोबाइल तोड़ दिया, इस मामले में पीड़ित दंपति ने पुलिस को शिकायत की थी। जिसकी जांच अभी की जा रही है।

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