मध्य प्रदेश: नाबालिग पत्नी ने दिया बच्चे को जन्म तो पति को कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा!

आरोपी ने लड़की के नाबालिग रहते हुए शारीरिक संबंध बनाए, पॉक्सो कोर्ट ने दी सजा
मध्य प्रदेश: नाबालिग पत्नी ने दिया बच्चे को जन्म तो पति को कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा!

भोपाल। मध्य प्रदेश के खंडवा में नाबालिग माँ ने बच्चे को जन्म दिया है, जिसके बाद जिला न्यायालय ने पति को नाबालिग पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने का दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुनाई है। सजा का आधार संतान बनी। संतान और आरोपी के डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई, इसी से साबित हुआ कि आरोपी ने लड़की के नाबालिग रहते हुए शारीरिक संबंध बनाए। कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी पत्नी ने आरोपी पति का बचाव किया, लेकिन मेडिकल साक्ष्य के आधार पर आरोपी दोषी पाया गया।

जानिए पूरा मामला

दरअसल, खंडवा में विशेष न्यायालय (पॉक्सो) प्राची पटेल की कोर्ट ने आरोपी युवक को दस वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी एडीपीओ रूपेश तमोली ने की। घटना 20 अक्टूबर 2018 की है। तब नाबालिग के पिता ने बेटी की गुमशुदगी थाना कोतवाली पर दर्ज कराई थी। पुलिस ने छानबीन के बाद किशोरी को आरोपी के कब्जे से मुक्त कराया था। 20 अक्टूबर को पीड़िता अपनी नानी के साथ बस से इंदौर जा रही थी, तभी वह रास्ते में उतर गई और दूसरी बस से अपने प्रेमी के साथ इंदौर चली गई थी।

नाबालिग लड़की और आरोपी ने मर्जी के साथ एक शिव मंदिर में शादी कर ली। फिर दोनों पति-पत्नी के तरह रहे। वहीं पुलिस पूछताछ में पीड़िता ने बताया था कि आरोपी युवक ने मेरे साथ मेरी मर्जी के विरूद्ध संबंध बनाए, जिससे मुझे 6 माह का गर्भ है। पुलिस ने केस दर्ज कर डायरी कोर्ट में पेश की। कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं किया। वह आरोपी पति का बचाव करती रही। लेकिन मेडिकल जांच में पीड़िता के गर्भ में पल रहे बच्चे का डीएनए, जांच में आरोपी के डीएनए से मैच कर गया इसी आधार पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाया।

कमजोर और कुपोषित हो सकता है बच्चा

द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल की प्रसूति विज्ञानी-स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. निधि जैन ने बताया कि यदि कोई नाबालिग किसी बच्चे को जन्म दे रही है तो बच्चा और प्रसूता दोनों ही कमजोर हो सकते हैं। जब माँ का ही शारीरिक विकास और मानसिक विकास पूरा नहीं हुआ है तो ऐसी स्थिति में बच्चा कमजोर होगा। इसके साथ ही भविष्य में माँ और बच्चे को कई बीमारियां भी हो सकती हैं। बच्चे के कुपोषित होने की भी आशंका रहती है।

भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय समाज शास्त्र विभाग के शोध छात्र इम्तियाज खान ने द मूकनायक को बताया कि बाल विवाह समाज के लिए खतरा है। कम उम्र में हुए विवाह के कारण महिला का विकास रुक जाता है। आने वाली पीढ़ी में शिक्षा से दूर हो सकती है। इम्तियाज खान ने बताया कि खण्डवा मामले में नाबालिग में शिक्षा का अभाव होना इस तरह की घटनाओं को जन्म देने का कारण हो सकता है। बाल विवाह को किसी भी आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता है।

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