नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके है। NDA को 293 सीटें मिली हैं, तो वहीं INDIA ब्लॉक को 233 सीटें मिली हैं। इस बार के चुनाव में 797 महिला प्रत्याशियों में से लगभग 75 महिलाएं चुनाव जीती हैं, लेकिन चिंताजनक बात यह है कि देश के 8 राज्यों से एक भी महिला प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पायी है। केरल, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणीपुर, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम और सिक्किम से एक भी महिला प्रत्याशी चुनकर संसद में नहीं आई है।
इस चुनाव में कुल 8,360 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था, जिनमें महिला उम्मीदवारों की संख्या 797 रही। इनमें कई दिग्गज महिला नेता भी शामिल हैं। 2014 में जहां 62 महिला सांसद संसद पहुंची थी, वहीं 2019 में इनकी संख्या 78 थी। 2019 में कुल पुरूष उम्मीदवार 7334 थे तो महिला उम्मीदवारों की संख्या 715 थी।
इस बार चुनाव में यह प्रसिद्ध महिला चेहरे दिखे। द मूकनायक ने इन महिलाओं के बारे में जाना।
यूपी की मथुरा सीट से बीजेपी की हेमा मालिनी ने फिर जीत दर्ज की है। हेमा मालिनी को 5 लाख 10 हजार 64 वोट मिले हैं। बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा फिल्मों के अलावा राजनीति में भी अपना जलवा बिखेर चुकी हैं। वे जो भी करती हैं उसमें सौ प्रतिशत देती हैं। चाहे हेमा मालिनी की फिल्मों की बात हो या उनके नृत्य की या फिर राजनीति की, हर क्षेत्र में अपना बेस्ट देती हैं।
हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी कंगना रनौत हर मुद्दे पर बेबाक राय देने के लिए जानी जाती हैं। मंडी लोकसभा सीट के लिए कंगना रनौत की सीधी टक्कर कांग्रेस टिकट से चुनाव लड़ रहे विक्रमादित्य सिंह से थी। लेकिन मंडी की जनता ने कंगना रनौत पर भरोसा दिखाते हुए उन्हें 74755 वोटों से जिता दिया। कंगना रनौत का राजनीतिक सफर 2024 लोकसभा चुनाव से ही शुरू हुआ। कंगना ने कई बेहतरीन फिल्में बॉलीवुड को दी है।
उत्तर प्रदेश की मछलीशहर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाली प्रिया सरोज उन चार उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिन्होंने सबसे कम उम्र में इस लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। प्रिया की उम्र सिर्फ 25 वर्ष 7 महीने है। उन्होंने मौजूदा बीजेपी सांसद भोलानाथ को 35,850 वोटों के अंतर से हराया है। सरोज की स्कूली पढ़ाई दिल्ली के एयरफोर्स गोल्डन जुबिली इंस्टीट्यूट से हुई है। वो सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी कर चुकी हैं। प्रिया सरोज के पिता तूफानी सरोज भी तीन बार सांसद रह चुके हैं।
पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की पुत्रवधू शांभवी चौधरी ने इस बार चिराग पासवान की लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और महज 25 साल की उम्र में जीत का परचम लहराया है। बिहार के समस्तीपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाली शांभवी ने कांग्रेस के सनी हजारी को 187251 वोटों के अंतर से हराया।
राजस्थान की भरतपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली संजना जाटव ने 25 वर्ष की उम्र में जीत हासिल करने में कामयाब रही हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रामस्वरूप कोली को 51,983 वोटों के अंतर से मात दी है। पिछले साल हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई थी। हालांकि, उस दौरान उन्हें महज 409 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।
यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट से डिंपल यादव ने जीत हासिल की है। डिंपल यादव को 5 लाख 98 हजार 526 वोट मिले हैं। डिंपल यादव सपा की एकमात्र ऐसी सांसद हैं जिन्होंने दो लाख के अंतर से जीत दर्ज की है। डिंपल यादव अखिलेश यादव की पत्नी हैं और मुलायम सिंह यादव की बहू हैं। समाजवादी पार्टी ने डिंपल को जिस सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, उस पर ढाई दशकों तक यादव परिवार का ही कब्जा था। इस साल 10 अक्टूबर को मुलायम सिंह के निधन के बाद ये सीट खाली हो गई थी।
दिसंबर, 2023 में संसद की सदस्यता से निष्कासित की गईं महुआ मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट पर दूसरी बार जीत दर्ज की है। महुआ ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कोलकाता के गोखले मेमोरियल गर्ल्स स्कूल से की है। साल 1998 में वो अमेरिका के माउंट होलोके कॉलेज में पढ़ने चली गईं थी। यहां उन्होंने ग्रेजुएशन किया। इसके बाद महुआ ने न्यूयॉर्क और लंदन में जेपी मॉर्गन चेज के लिए एक निवेश बैंकर के रूप में काम किया। साल 2009 में भारत आकर महुआ ने राजनीति ज्वाइन की और सबसे पहले यूथ कांग्रेस में शामिल हुईं। इस दौरान उन्हें राहुल गांधी के साथ काम करने का मौका मिला। महुआ मोइत्रा को 6 लाख 28 हजार 789 वोट मिले हैं।
कांग्रेस पार्टी की कुमारी शैलजा सिरसा लोकसभा सीट से विजयी हुईं, जो राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक उल्लेखनीय क्षण था। 61 वर्षीय शैलजा ने आरक्षित सीट पर भाजपा के अशोक तंवर को 2,68,497 मतों के बड़े अंतर से हराया, जिससे हरियाणा में कांग्रेस के भीतर दलित नेता के रूप में उनकी प्रमुख स्थिति उजागर हुई। शैलजा की जीत सिर्फ़ व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि हरियाणा के लिए भी ऐतिहासिक है। 1966 में हरियाणा के अलग राज्य के रूप में स्थापित होने के बाद से वह संसद के निचले सदन के लिए चुनी जाने वाली सातवीं महिला बन गई हैं। यह जीत शैलजा के लिए सिरसा में वापसी का प्रतीक है, जिस निर्वाचन क्षेत्र का उन्होंने दो दशक पहले प्रतिनिधित्व किया था, इस प्रकार यह एक तरह से घर वापसी का प्रतीक है।
पंजाब की बठिंडा सीट से शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल चुनाव जीत गई हैं।हरसिमरत कौर को 3 लाख 76 हजार 558 वोट मिले हैं। बता दें कि मोदी सरकार में मंत्री रही हरसिमरत कौर बादल ने साल 2020 में कृषि कानूनों के विरोध में मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। वो साल 2009 से लगातार बठिंडा का चुनाव जीतती रही हैं।
बांसुरी स्वराज ने पहली बार चुनाव में कदम रखा और पहली बार में ही वह अच्छे वोटो से जीत गई। बांसुरी स्वराज ने 78 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। बीजेपी की बांसुरी स्वराज ने आप उम्मीदवार सोमनाथ भारती को हराया। बांसुरी स्वराज सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। कुछ समय पहले ही राजनीति से जुड़ी हैं। वह दिल्ली में आप सरकार की आलोचक रही हैं। उन्हें इस सीट के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा था। उन्होंने यह सीट जीतकर इस बात को सही साबित कर दिया।
महाराष्ट्र की बारामती सीट से NCP-शरदचंद्र पवार की सुप्रिया सुले ने जीत दर्ज की है। उन्होंने अपनी भाभी सुनेत्रा पवार को 1 लाख 58 हजार 333 वोटों के अंतर से हराया है। सुनेत्रा पवार अजित पवार की पत्नी हैं। इस चुनाव में सुप्रिया सुले को 7 लाख 32 हजार 312 वोट मिले हैं। वहीं सुनेत्रा पवार को 5 लाख 73 हजार 979 लोगों ने वोट किया।
कांग्रेस की मुंबई प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने बीजेपी के पूर्व विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम को 16,514 मतों से हराया है। शिवसेना यूबीटी के समर्थन के साथ मैदान में उतरी वर्षा गायकवाड़ अकेली कांग्रेस एमपी हैं, जिन्होंने मुंबई में चुनाव जीता है। लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का जश्न मना रहीं।
लंदन में पढ़ाई के दौरान सीएए का विरोध कर सुर्खियों में आईं इकरा हसन स्वदेश लाैटीं, तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी इकरा हसन ने जीत हासिल की है। उन्होंने 5 लाख 28 हजार 13 मत हासिल किए। पश्चिमी यूपी की सबसे युवा सांसद बनीं इकरा इसन की सादगी ने मतदाताओं का ऐसा दिल जीता। इकरा हसन ने वर्ष 2016 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें पांच हजार वोटों से हार मिली। भाई के जेल जाने के अगले दिन से उन्होंने राजनीति की बागडोर अपने हाथों में ले ली। नाहिद की छोटी बहन इकरा ने ही चुनाव प्रबंधन की कमान संभाली थी।
धार से सावित्री ठाकुर ने चुनाव जीता, बालाघाट से पहली महिला सांसद भारती पारधी बनीं है। रतलाम से अनिता नागर सिंह चौहान ने जीत हासिल की है। सागर सीट को 44 साल बाद महिला सांसद मिली है, इस बार लता वानखेड़े ने जीत दर्ज की है। शहडोल से हिमाद्री सिंह ने कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को को 3 लाख 97 हजार 340 वोट से हराया। भिंड से संध्या राय ने परचम लहराया है। ये सभी उम्मीदवार बीजेपी की ओर से मैदान में थीं।
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