वाराणसी: जैसे-जैसे देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध काशी में देशभक्ति और महिला सशक्तिकरण का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत 2,600 से अधिक स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाएं दिन-रात मेहनत कर 4.76 लाख से ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज तैयार कर रही हैं, जिन्हें 15 अगस्त से पहले घर-घर पहुंचाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य न केवल स्वतंत्रता दिवस में जनभागीदारी बढ़ाना है, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) से जुड़े 400 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की करीब 2,000 महिलाएं 2.25 लाख तिरंगे बना रही हैं, जिससे उन्हें औसतन ₹3,000 से ₹4,000 तक की आमदनी हो रही है। वहीं, जिला नगरीय विकास अभिकरण (DUDA) से जुड़े 68 समूहों की 680 महिलाएं 2,51,500 तिरंगे तैयार कर रही हैं।
सेवापुरी ब्लॉक के रामडिह गांव की राधा ने गर्व करते हुए कहा, “जब 15 अगस्त को हर घर पर तिरंगा लहराएगा, तो उसमें हमारे श्रम और देशभक्ति की खुशबू होगी।”
भोरकला गांव की मुन्नी देवी ने इसे “राष्ट्र सेवा” बताया, वहीं गजेपुर की ललिता ने इसे “भारत माता के प्रति समर्पण का प्रतीक” कहा।
अधिकारियों का कहना है कि हर तिरंगे को बारीकी से सिलकर और जोड़कर तैयार किया जा रहा है, जो बनाने वाली महिलाओं की लगन और भावना को दर्शाता है। यह अभियान न केवल स्वतंत्रता दिवस के उत्सव को और भव्य बना रहा है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी आगे बढ़ा रहा है।
इस प्रयास से काशी की महिलाएं एक ओर आज़ादी का जश्न घर-घर पहुंचा रही हैं, तो दूसरी ओर अपने जीवन में सशक्तिकरण का नया अध्याय जोड़ रही हैं।
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