भोपाल। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में एक आदिवासी छात्रा के साथ छेड़छाड़, पीछा करने और धर्म परिवर्तन के दबाव का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 19 वर्षीय छात्रा हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती है और कॉलेज की ओर आती-जाती है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी समीर खान पिछले एक महीने से न सिर्फ लगातार उसका पीछा कर रहा था, बल्कि इस्लाम कबूल कर निकाह करने का दबाव बना रहा था। शुक्रवार को आरोपी द्वारा आनंदनगर मेन रोड पर खुलेआम हाथ पकड़कर छेड़छाड़ करने, जातिसूचक गाली देने और धमकाने के बाद यह मामला गंभीर रूप से उभरकर सामने आया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस से हुई शिकायत के अनुसार घटना शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे की बताई गई है। छात्रा कॉलेज जा रही थी, तभी समीर खान बाइक से उसके पास आ पहुंचा। छात्रा के बयान के मुताबिक आरोपी ने न केवल उसका हाथ पकड़ लिया बल्कि कहा, “हिंदू धर्म छोड़ो, मुस्लिम धर्म कबूल करो और मुझसे निकाह कर लो, तभी मैं तुम्हारा पीछा करना छोड़ूंगा।”
पीड़िता ने जब आपत्ति जताई और खुद को छुड़ाने की कोशिश की, तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी, साथ ही जातिसूचक गालियां भी दीं। सड़क पर मौजूद लोग हैरान रह गए, लेकिन छात्रा ने तुरंत खुद को संभाला और मदद के लिए फोन किया। बाद में परिजन और हिंदू संगठनों को इसकी जानकारी दी गई।
पीड़िता ने बताया कि आरोपी लगातार एक महीने से उसकी निगरानी करता था, कॉलेज के बाहर खड़ा रहता, रास्तों पर अचानक दिख जाता और बात करने का दबाव बनाता।
उसने कहा, “मैंने कई दिनों तक उसे नज़रअंदाज़ किया, पर वह रुकने का नाम नहीं ले रहा था। जहां जाती, वह पीछा करते हुए आ जाता। डर में जी रही थी, पर पढ़ाई भी नहीं छोड़ सकती थी।”
पीड़िता के अनुसार, हॉस्टल में रहते हुए उसने यह बात पहले किसी को नहीं बताई, क्योंकि उसे डर था कि मामला और बिगड़ सकता है। मगर सड़क पर खुलेआम छेड़छाड़ के बाद उसने चुप न रहकर शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया।
घटना के बाद हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं में भी डर का माहौल है। अन्य छात्राओं का कहना है कि शहर में हॉस्टल और कॉलेज आने-जाने वाली लड़कियाँ पहले से ही असुरक्षित महसूस करती हैं। छात्राओं के परिजनों ने भी पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
हिंदू जागरण मंच ने थाने में जताया विरोध, आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में थाने पहुंचे और आरोपी पर सख्त धाराओं में केस दर्ज करने की मांग की। मंच के जिला संयोजक माधव झा ने कहा, “यह सिर्फ छेड़छाड़ नहीं, यह एक आदिवासी बेटी की अस्मिता, धार्मिक स्वतंत्रता और सम्मान पर हमला है। पुलिस को उदाहरण पेश करना चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसा दुस्साहस न कर सके।”
मोघट रोड पुलिस ने आरोपी के खिलाफ निम्न धाराओं में मामला दर्ज किया है, पुलिस ने छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी SC/ST एक्ट (Atrocities) जातिसूचक गालियाँ और धमकी और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
मोघट थाना प्रभारी ने बताया कि “आरोपी समीर खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता का बयान दर्ज हो चुका है, साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज़ है।”
इस घटना ने दो बड़े सवाल खड़े किए हैं, लड़कियों की सड़क सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है और हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल कितने प्रभावी हैं। सामाजिक कार्यकर्ता आदिवासी विकास परिषद के छात्र विभाग के अध्यक्ष नीरज बारीवा ने कहा, है कि खासकर आदिवासी और ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली लड़कियाँ अक्सर छेड़छाड़ व उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने में हिचकिचाती हैं, जिसके कारण ऐसे मामलों में देर होती है। यह घटना इस बात का गंभीर उदाहरण है कि समय रहते आवाज़ उठाना और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना कितना ज़रूरी है।
मध्य प्रदेश लंबे समय से महिलाओं के खिलाफ अपराधों, खासकर दुष्कर्म के मामलों में देशभर में चर्चा का विषय बना रहा है। वर्ष 2023 में भी स्थिति बहुत बेहतर नहीं रही। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश दुष्कर्म की घटनाओं में देशभर में तीसरे स्थान पर रहा। यहां एक साल के भीतर 2,979 मामले दर्ज हुए। राजस्थान 5,078 घटनाओं के साथ सबसे ऊपर रहा, जबकि उत्तर प्रदेश में 3,516 मामले सामने आए।
यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालाँकि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं और हेल्पलाइन नंबर शुरू किए हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इनका असर बहुत कम दिखाई दे रहा है।
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