तमिलनाडु: एसटी प्रमाण पत्र के लिए तिरुवरुर जिले में आदिवासी समाज का प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी लोगों का कहना है कि जब तक उन्हें अनुसूचित जनजाति समुदाय में शामिल करके इस संबंध में बाकायदा प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाता, तब तक उनका यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
तमिलनाडु: एसटी प्रमाण पत्र के लिए तिरुवरुर जिले में आदिवासी समाज का प्रदर्शन
Sachin Kumar
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तिरुवरुर। तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले में आदियन आदिवासी समुदाय के लोगों ने सोमवार को अनुसूचित जनजाति (एसटी) प्रमाण पत्र जारी करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी लोगों का कहना है कि जब तक उन्हें अनुसूचित जनजाति समुदाय में शामिल करके इस संबंध में बाकायदा प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाता, तब तक उनका यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

प्रदर्शनकारियों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी साफ इनकार कर दिया। कहा कि जब तक हमें अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र नहीं मिल जाता, तब तक हम अपने बच्चे को स्कूल नहीं भजेंगे।

आदियन आदिवासी समुदाय के लोग मौजूदा समय में विभिन्न इलाकों में रहते हैं। इसमें श्रीवंचियम, नन्निलम, थिरुथुरैपोंडी और मुथुपेट शामिल है। वे लंबे समय से तमिलनाडु सरकार और जिला प्रशासन से एसटी प्रमाण पत्र की मांग कर रहे हैं। कई बार याचिकाएं दायर करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

समुदाय के लोग तंग आकर आज सड़कों पर उतर आए और राज्य सरकार से तुरंत एसटी प्रमाण पत्र जारी करने की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की।

बता दें कि तमिलनाडु के अलावा आदियन समुदाय के लोग केरल के वायनाड और कन्नूर जिलों में भी बड़ी संख्या में रहते हैं। ये लोग पहले जमींदारों के बंधुआ मजदूर थे। जब राज्य सरकार ने बंधुआ मजदूरी (उन्मूलन) अधिनियम लागू किया, तो कई आदियन परिवारों को फिर से बसाने का काम किया गया। केरल के वायनाड जिले में इन्हें सुगंधगिरी परियोजना के तहत पुनर्वासित किया गया। हालांकि, कुछ जगहों पर बंधुआ मजदूरी अभी भी देखने को मिलती है।

(With inputs from IANS)

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