राजस्थान: पकड़ा गया आदिवासी नाबालिग भाई बहन का कातिल

3 मई को पाली जिले के सिरियारी थाना इलाके में मिले थे नाबालिग भाई बहन के शव। आरोपी अर्जुन सिंह राजपूत ने उससे पहले पेड़ की टहनी काटने पर की थी हत्या। पहले 13 साल के भाई को मारा फिर 10 साल की बहन का बलात्कार कर कर दी हत्या। 9 मई को गिरफ्तार हुआ आरोपी।
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जयपुर। राजस्थान के पाली जिले के सोजत वृत्त क्षेत्र के सिरियारी थाना इलाके में बकरी चराने गए नाबालिग आदिवासी भाई - बहन की सामूहिक हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार नाबालिग आदिवासी भाई बहन की सामूहिक हत्या के आरोपी अर्जुन सिंह (22) पुत्र गुलाब सिंह राजपूत निवासी आसन जोधवन थाना सिरियारी ने 13 वर्षीय भाई की हत्या के बाद उसकी छोटी बहन के साथ जबरदस्ती बलात्कार कर बेरहमी से हत्या की थी।

सामूहिक हत्या और बलात्कार की बात आरोपी ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में खुद स्वीकारी है। घटना के खुलासे के बाद हर कोई स्तब्ध है। लोगों में आक्रोश भी नजर आ रहा है। आरोपी की फांसी को सजा के साथ ही पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा देने की मांग भी उठने लगी है।

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यह था मामला

सिरियारी थाना क्षेत्र के एक गांव के आदिवासी समाज के 13 और 10 वर्षीय नाबालिग भाई बहन 1 मई की सुबह बकरी चराने के लिए मामाजी के ओरण मानी (जंगल) में करी चराने गए थे, लेकिन शाम तक भी घर नहीं लौटे। पीड़ित पिता ने दोनों बच्चों को परिवार के साथ दोनों को काफी तलाश किया, लेकिन नहीं मिले। 3 मई की सुबह एक बार फिर पिता अपने बच्चों को तलाश करते हुए मामाजी की ओरण मानी (जंगल) में पहुंचा। जहां उसके 13 वर्षीय बेटे की खून से सनी लाश मिली, लेकिन बेटी का पता नहीं चला। पिता ने अविलम्ब पुलिस व परिवारजनों को सूचना कर मौके पर बुलाया।

तीन सौ मीटर दूर मिला बेटी का शव

पुलिस अधीक्षक पाली डॉ. गगनदीप सिंगला ने बताया कि 3 मई को सुबह के समय में इत्तिला मिली थी कि मामाजी के ओरण मानी में नाबालिग लड़के की लाश मिली है। मृतक के पिता ने बताया कि मेरी नाबालिग लड़की का भी अभी तक कोई पता नहीं चला है।

एसपी ने कहा इस सूचना पर सम्बन्धित थाना पुलिस मौके पर पहुंची। ग्रामीणों के सहयोग से मामाजी के ओरण (जंगल) मानी में गहनता से गुम हुई नाबालिग लड़की की तलाश की गई। लड़के के शव से करीब 300 मीटर की दूरी पर घने जंगल में खून से सनी हुई नाबालिग लड़की लाश भी मिल गई।

मृतक बच्चों के पिता ने मौके पर ही पुलिस को एक रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में बताया कि उसका 13 साल का बेटा और 10 साल की बेटी एक मई को घर से बकरी चराने आये थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। तीसरे दिन 3 मई को दोनों के शव मिले हैं। किसी अज्ञात ने इनकी हत्या कर दी। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी। यह ब्लाइंड मर्डर था। पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी।

पुलिस अधीक्षक डॉ. गगन्दीप सिंगला ने कहा कि यह उनके लिए चुनौती भरा काम था। गम्भीरता से लेते हुए एसपी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पाली हर्ष रत्नू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (आईपीएस) पाली प्रवीण नायक नुनावत, वृताधिकारी सोजत सिटी मृत्यंजय मिश्रा, उप अधीक्षक पुलिस एससी, एसटी सैल मदनसिंह आर.पी.एस. पाली, चारुल गुप्ता आरपीएस और सुमेरपुर एसएचओ रामेश्वर माटी, खिंवाडा एसएचओ टिकमाराम, सोजत रोड एसएचओ उर्जाराम, सिरीयारी एसएचओ हमीर सिंह, मारवाड़ जंक्शन थानाधिकारी पन्नाराम और प्रभारी साइबर सैल गौतम आचार्य के साथ वह खुद (एसपी) भी घटना स्थल पहुंचे थे।

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पूरी टीम के साथ घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। घटनास्थल को सुरक्षित करवाकर मौके पर डॉग स्कवाड, एफएसएल टीम, एमओबी टीम, साईबर टीम व जिला स्तर पर कुल 08 टीमों का गठन किया गया। सभी को आवश्यक निर्देश दिये गये।

दो किलोमीटर के दायरे को केंद्र में रखकर की जांच

जांच अधिकारी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (आईपीएस) प्रवीण नायक नुनावत ने कहा कि एसपी के निर्देशन में सभी टीमों ने घनास्थल मामाजी के ओरण के आस-पास 02 किलोमीटर के दायरे को केंद्र रख कर संदिग्ध व्यक्तियों पर पैनी नजर रखी। पुलिस टीमों ने अपने-अपने स्तर पर आसूचना व मुखबिरान को भी जिम्मेदारी सौंपी गई। तकनीकी मदद भी ली गई। हर पहलू की पड़ताल के बाद शक की सूई इसी जंगल में बकरी चराने वाले 22 वर्षीय अर्जुनसिंह पुत्र गुलाबसिंह राजपूत पर आकर रुकी।

जांच अधिकारी ने कहा कि आरोपी को हिरासत में लेकर एसपी के निर्देशन में टीम सदस्यों ने अलग-अलग बिन्दुओं के आधार पर गहनता से पूछताछ की। पूछताछ में तकनीकी और मनोवैज्ञानिक तरीके भी अपनाए गए। कड़ी पूछताछ के बाद आरोपी टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया।

मुझसे पहले पेड़ की डाल (टहनी) क्यों काटी!

पुलिस के अनुसार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके गांव के पास ही जंगल में वह बकरी चरा रहा था। इस दौरान बकरी चराते हुए मामाजी की ओरण (जंगल) में एक स्थान पर पहुंचा। आरोपी ने पुलिस को बताया कि जहां मृतक भाई बहन पहले से बकरियां चरा रहे थे। उन्होंने उससे पहले पेड़ से डाल (टहनी) काटली थी।

आरोपी ने बताया कि यह बात उसे नागवार गुजरी। इस बात को लेकर आरोपी ने 13 साल के लड़के पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। वह नीचे गिरा तो पत्थरों से मारा। मौत होने तक मारता रहा।

पुलिस के अनुसार आरोपी ने बताया कि यह घटना लड़के की छोटी बहन भी देख रही थी। ऐसे में उसे लगा कि इसने (लड़की) ने किसी को बताया तो वह पकड़ में आ जाएगा। खुद को बचाने और हत्या के राज को छिपाने के लिए आरोपी ने बच कर भाग रही 10 साल को लड़की को पकड़ कर पहले उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया। बलात्कार के बाद पत्थर से कुचल मर उसकी हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी अन्य दिनों की तरह सामान्य तौर पर बकरी चराता रहा।

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