मणिपुर: राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया 'पहाड़ और घाटी' का रिश्ता, मरम जनजाति के लिए कही यह बड़ी बात

राष्ट्रपति ने सेनापति जिले में कई विकास परियोजनाओं की नींव रखी; कहा- पहाड़ी और घाटी क्षेत्र एक-दूसरे के पूरक हैं, शांति और सुलह के लिए मिलकर काम करना जरूरी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को मणिपुर के लोगों को आश्वस्त किया कि राज्य के आदिवासी समुदायों की सुरक्षा, सम्मान और उनके लिए विकास के बेहतर अवसर सुनिश्चित करना एक 'राष्ट्रीय प्राथमिकता' है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय प्रगति में इन समुदायों की भागीदारी बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है।

राष्ट्रपति मुर्मू मणिपुर के अपने दो दिवसीय (11-12 दिसंबर) दौरे पर हैं। शुक्रवार को सेनापति जिले में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने जिले में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी।

समावेशी विकास पर केंद्र का जोर

समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर, विशेष रूप से दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में समावेशी और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय नेताओं, नागरिक समाज समूहों और समुदायों के साथ मिलकर काम कर रही है।

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में, पहाड़ी जिलों में सड़क और पुल कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पेयजल और बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में विशेष निवेश किया गया है। इसके अलावा, कौशल प्रशिक्षण (Skill training), स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और 'वन धन' पहल के माध्यम से आजीविका के साधनों में सुधार किया जा रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मणिपुर दौरे पर आदिवासी समुदायों की सुरक्षा और सम्मान को 'राष्ट्रीय प्राथमिकता' बताया। सेनापति जिले में कई अहम परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मणिपुर दौरे पर आदिवासी समुदायों की सुरक्षा और सम्मान को 'राष्ट्रीय प्राथमिकता' बताया। सेनापति जिले में कई अहम परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

'पहाड़ और घाटी एक-दूसरे के पूरक'

मणिपुर की विविधता को उसकी ताकत बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यहां की सांस्कृतिक और जनजातीय विविधता ही इस राज्य की पहचान है। उन्होंने विशेष रूप से रेखांकित किया कि मणिपुर के "पहाड़ी और घाटी क्षेत्र हमेशा से एक-दूसरे के पूरक रहे हैं।" उन्होंने राज्य के सभी समुदायों से अपील की कि वे शांति, आपसी समझ और सुलह (Reconciliation) के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखें।

मरम जनजाति को विशेष समर्थन की जरूरत

राष्ट्रपति ने मणिपुर के एकमात्र 'विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह' (PVTG) – मरम जनजाति (Maram tribe) – के अनूठे सांस्कृतिक योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह समुदाय विशेष सहयोग का हकदार है। उन्होंने जानकारी दी कि पीएम जनमन (PM JANMAN) मिशन के तहत कई पहल की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य पीवीटीजी (PVTG) और अन्य दूरदराज के आदिवासी समूहों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, आजीविका और बुनियादी ढांचे में सुधार करना है।

बुनियादी ढांचे के महत्व पर बात करते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने विश्वास व्यक्त किया कि जिन नई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है, वे शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सामुदायिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी। इससे दूरदराज के इलाकों तक आवश्यक सेवाएं पहुंचाना आसान होगा।

नूपी लाल स्मारक पर दी श्रद्धांजलि

इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति ने इम्फाल स्थित नूपी लाल मेमोरियल कॉम्प्लेक्स (Nupee Lal Memorial Complex) में मणिपुर की वीर महिला योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका यह दौरा 'नूपी लाल स्मृति दिवस' (Nupee Lal Memorial Day) के अवसर पर हुआ, जो ब्रिटिश और सामंती अधिकारियों के खिलाफ महिलाओं के नेतृत्व में हुए विद्रोह की याद दिलाता है।

मणिपुर के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं और चिंताओं को पूरी तरह से पहचाना गया है। अपने संबोधन के समापन में उन्होंने कहा, “आइए, हम एक शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर के लिए मिलकर काम करना जारी रखें।”

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